इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
How To Get Rid Of Ear Problem: शरीर में कान एक महत्वपूर्ण अंग है। यह सुनने की शक्ति देने के साथ-साथ शारीरिक संतुलन भी बनाए रखने में मदद करता है। कान में होने वाले रोगों के मामले में लापरवाही बरतना घातक भी हो सकता है। कम सुनने की समस्या धीरे-धीरे एक गंभीर रूप में सामने आ रही है। आइए जानते हैं कैसे बचें इस समस्या से। (tips)
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार पूरी दुनिया में लगभग 47 करोड़ लोग सुनने की (hearing) समस्या से पीड़ित हैं जो पूरी आबादी का लगभग 6 प्रतिशत है। (loss) अगर यूं ही चलता रहा तो एक अनुमान के मुताबिक सन् 2050 तक लगभग 90 करोड़ लोग कम सुनाई देने की समस्या से ग्रस्त हो सकते हैं।
ज्यादातर कान के रोग लंबे समय तक जुकाम रहने पर होते हैं। (problem) इसलिए कान को ठीक रखने के लिए जरूरी है कि हम सर्दी से बचें। (care) एलर्जी का जोखिम रहता हो, तो बचकर रहें। नाक व कान के मध्य स्थित यूस्टेशियन ट्यूब के उचित कार्य ना करने पर कान पर प्रतिकूल असर होने लगता है। वहीं संक्रमण भी कान में पहुंच सकता है। इसलिए सावधानी बरतें।
solutions: किसी भी आयुवर्ग के लोग इससे पीड़ित हो सकते हैं। कान में संक्रमण, पर्दे में छेद या हड्डी में गलाव इसकी मुख्य वजहें हैं। यह ठीक हो सकने वाले बहरेपन का सबसे मुख्य कारण है। समय पर उचित इलाज लेने पर रोग की जटिलता से बचा जा सकता है। कान को सूखा रखें, इसमें पानी नहीं जाने दें।
मोबाइल, इयरप्लग व म्यूजिक सिस्टम का प्रयोग केवल जरूरी होने पर व सुरक्षित स्तर पर ही करें। तेज आवाजों से दूरी बनाएं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 85 डेसिबल से कम आवाज को अधिकतम आठ घंटे तक ही सुरक्षित माना गया है।
इयरबड का इस्तेमाल सही नहीं है। इयरवैक्स जिसे सामान्य बोलचाल में मैल कहा जाता है, कान में बनना व बाहर निकलना एक सामान्य प्रकिया है। इयरबड, तीली या इसी प्रकार की अन्य वस्तुएं वैक्स के केवल बाहरी भाग को छू पाती हैं लेकिन मुख्य भाग को और अंदर धकेल देती हैं, जिससे समस्या बढ़ सकती है। इन वस्तुओं से कान के पर्दें पर भी चोट लग सकती है, वहीं कान में बाह्य संक्रमण होने का खतरा रहता है।
सुनाई देने में कमी महसूस होने पर समय रहते इलाज कराने से कई बार गंभीर समस्या से बचा जा सकता है। कान पर अचानक चोट लगने, गिरने या हिंसा के कारण चोट लगने से अचानक बड़े दबाव को कान का पर्दा सहन नहीं कर पाता व फट सकता है। कान में चोट लगने पर तेल आदि द्रव्य न डालें।
अपनी तरफ से कोई भी दवा लेने पर ये कान को नुकसान पहुंचा सकता है। यदि आपको पहले से ही कम सुनाई देता है तो किसी भी अन्य रोग की दवा लेते समय चिकित्सक को इसके बारे में बताएं।
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