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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
India China Border चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। अब उसने उत्तराखंड के बाराहोती इलाके में हरकत की है। यहां चीनी सेना People Liberation Army (PLA) के करीब 100 से ज्यादा सैनिकों ने सीमा पार की है। घटना पिछले महीने 30 अगस्त की है।
चीनी सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को क्रास कर आए और कई इंफ्रास्ट्रक्चर को उन्होंने तहस-नहस कर दिया। अधिकारियों ने बताया है कि वहां से पीछे लौटने से पहले चीनी सैनिकों ने एक पुल को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। सूत्रों ने बताया कि स्थानीय लोगों ने इस घुसपैठ की जानकारी दी जिसके बाद आईटीबीपी और सेना की टीम इसकी पुष्टि के लिए फौरन वहां पहुंच गई।
सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि तुन जुन ला पास पार कर 55 घोड़े और 100 से ज्यादा सैनिक भारतीय क्षेत्र में 5 किमी से ज्यादा अंदर आ गए थे। 30 अगस्त को हुई इस घटना में आमने सामने की स्थिति पैदा नहीं हुई क्योंकि जब तक भारतीय सैनिकों से उनका सामना होता तब तक पीएलए के सैनिक तीन घंटे वहां रहने के बाद लौट चुके थे।
सरकारी अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि चीन के सैनिक सेना के घोड़ों के साथ तुन जुन ला पास पार करके बाराहोती के करीब चारागाह पर आ गए थे। पिछले कुछ वर्षों में इस इलाके में PLA की ओर से घुसपैठ की मामूली घटनाएं ही हुई हैं। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ तनाव पहले से ही बना हुआ है।
हालांकि भारतीय गश्ती दल के पहुंचने से पहले ही चीनी सैनिक इलाका खाली कर लौट चुके थे। पूर्वी लद्दाख में सैनिकों की वापसी पर हो रही सकारात्मक प्रगति के बीच उत्तराखंड में चीन के इस तरह घुसपैठ करने से फिर खतरा पैदा हो गया है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि एलएसी को लेकर भारत और चीन की धारणा में अंतर है जिसके कारण अक्सर इस तरह की घटनाएं होती हैं। ITBP के एक प्रवक्ता से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
अधिकारियों ने यह जरूर माना है कि पिछले कुछ महीनों में क्षेत्र में पीएलए सैनिकों की गतिविधियां बढ़ गई हैं। एक अन्य अधिकारी ने कहा, पहले भी पीएलए की ओर से बाराहोती इलाके में घुसपैठ की कई कोशिश की गई है। सेंट्रल सेक्टर में अब अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की गई है।
पिछले हफ्ते ही रिपोर्ट सामने आई थी कि चीन ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास करीब 8 लोकेशन पर अस्थायी टेंट जैसी रहने की व्यवस्था की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएलए ने उत्तरी इलाके में काराकोरम पास के करीब वहाब जिल्गा से लेकर पीयु, हॉट स्प्रिंग्स, चांग ला, ताशिगॉन्ग, मान्जा और चुरुप तक शेल्टर बनाए हैं। यहां हर लोकेशन पर सात क्लस्टर्स में 80 से 84 तक कंटेनर्स बनाए गए हैं। पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को लेकर पिछले साल चीन और भारत के सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था। इसके बाद दोनों सेनाओं ने विवादित इलाकों में डिसएंगेजमेंट पूरा कर लिया था, लेकिन चीन अब फिर से घुसपैठ की हरकतें कर रहा है।
बाराहोती चोटी नंदा देवी नेशनल पार्क के उत्तर में स्थित है और गाड़ी से पहुंचने वाले अंतिम छोर से सैनिक उस तरफ पैदल जाते हैं। यह चोटी जोशीमठ से जुड़ी हुई है, जहां भारतीय सेना और ITBP के कैंप चीन के किसी भी बड़े आपरेशन को नाकाम करने के लिए अलर्ट मोड पर रहते हैं। ITBP उत्तराखंड में करीब 350 किमी लंबे बॉर्डर की निगरानी करती है, जो एलएसी का हिस्सा है।
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