India News ( इंडिया न्यूज़ ) Jagdalpur Vidhan Sabha Seat: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग की अहम विधानसभा सीट जगदलपुर पर आगामी चुनाव (Chhattisgarh Assembly Election 2023) काफी अहम हैं। बता दें यहां से संभाग के दूरस्थ क्षेत्रोें की राजनीति पर नजर रख जाती थी। आजादी के पांच दशक बाद जब अविभाजित बस्तर जिला भौगोलिक क्षेत्रफल में केरल राज्य से भी बड़ा हुआ करता था तब भी और सात जिलों में विभक्त होने के बाद आज भी संभागीय मुख्यालय के रूप में यह शहर अपनी इस साख को बनाए हुए है। वहीं 2008 में परिसीमन के बाद एक बार फिर यह सीट अनारक्षित है। परिसीमन के बाद इस सीट का नक्शा बदल गया, लेकिन सत्ता के साथी बने रहने का मिथक इसने कभी नहीं तोड़ा।
राज्य बनने के बाद साल 2003 में हुए पहले चुनाव से लेकर अब तक जगदलपुर सीट से जिस राजनीतिक दल ने चुनाव जीता, प्रदेश की सत्ता उसी दल के पास रही। इसलिए कहा जाता है कि प्रदेश की सत्ता का रास्ता बस्तर से होकर या कहें जगदलपुर से होकर जाता है। जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र विकास के लिए कभी मोहताज नहीं रहा। राज्य बनने के बाद हुए चार चुनावों में से तीन में भाजपा यहां जीती है।
साल 2013 के चुनाव में जब सामूराम कश्यप के प्रचार के कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं ने कन्नी काट ली थी, तब जैन उनके साथ लगे रहे थे। वहीं साल 2018 के विधानसभा चुनाव में जब कांग्रेस ने कई स्तर पर सर्वेक्षण के बाद प्रत्याशी तय किए तो पहला नाम रेखचंद जैन का ही सामने आया। चुनाव लड़कर उन्होंने बीजेपी के संतोष बाफना की हैट्रिक पूरी नहीं होने दी बल्कि रिकार्ड मतों से जीत दर्ज कर सबको चौका दिया।
जगदलपुर विधानसभा में लगभग 1 लाख 93 हजार 167 मतदाता हैं। वहीं, ग्रामीण और शहरी क्षेत्र मिलाकर मतदाता की सूची हर साल थोड़ी-थोड़ी बढ़ती रहती है। हालांकि इस बार जगदलपुर भारतीय जनता पार्टी का का गढ़ रहा है। इसलिए छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद जगदलपुर विधानसभा में साल 2003 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के विधायक डॉ. सुभाउ राम कश्यप चुने गए थे। लेकिन पहले विधायक डॉ. शुभाऊ राम कश्यप के समय में यह सीट आदिवसियो के लिए आरक्षित था। बता दें साल 2008 में अनारक्षित सीट होने से जगदलपुर विधानसभा में संतोष बाफना दो बार विधायक बने है।
जगदलपुर विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा सामान्य लोगों की जनसंख्या पर है। इसमें मारवाड़ी समाज निर्णायक भूमिका निभाता है। इसके अलावामाहरा समाज सहित कई समाज भी बड़ी संख्या में शामिल हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही प्रत्याशी मारवाड़ी समाज से थे। इसलिए 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार रेखचंद जैन को 76 हजार 556 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी उम्मीदवार संतोष बाफना को 49 हजार 116 वोट मिले थे।
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