Jamtara News : कभी यहां सिर्फ शिक्षा के दिये जलते थे, पर अब लुटेरों का
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Jamtara News : कभी यहां सिर्फ शिक्षा के दिये जलते थे, पर अब लुटेरों का गढ़ है जामताड़ा

Itvnetwork Team • LAST UPDATED : September 27, 2023, 2:01 pm IST
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Jamtara News : कभी यहां सिर्फ शिक्षा के दिये जलते थे, पर अब लुटेरों का गढ़ है जामताड़ा

कभी यहां सिर्फ शिक्षा के दिये जलते थे, पर अब लुटेरों का गढ़ है जामताड़ा

India News (इंडिया न्यूज़), Dharmbir Sinha, Jamtara News: जामताड़ा के लिए गौरव की बात है कि ईश्वर चंद्र विद्यासागर का जुड़ाव इस माटी से रहा। अपने जीवन के अंतिम 18 साल उन्होंने यहीं गुजारे। झारखंड के जामताड़ा जिले में बहुत ही पिछड़ा गांव था करमाटांड। यह गांव विद्यासागर की कर्म भूमि रही। बंगाल पुनर्जागरण के स्तंभ, नारी शिक्षा के प्रबल समर्थक, समाज सुधारक, दार्शनिक, स्वतंत्रता सेनानी, लेखक जो कहिए सबकुछ विद्यासागर। इनका जन्म पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर जिले के वीर सिंह गांव में हुआ लेकिन नारी शिक्षा को बढ़ावा और विधवा पुनर्विवाह जैसे सामाजिक बदलाव की कोशिश के बदले उन दिनों कई बार जानलेवा हमले हुए।

आदिवासियों को अशिक्षित और असभ्य थी पहचान

उन्हे अपमान झेलना पड़ा। कहा जाता है कि इसके बाद कथित भद्रलोक को छोड़कर इन्होंने जनजातियों की सेवा के लिए जामताड़ा के पास करमाटांड़ गांव पहुंचे थे। उन दिनों आदिवासियों को अशिक्षित और असभ्य माना जाता था। उन दिनों नारी शिक्षा को बहुत आदर्श नहीं माना जाता था। आदिवासी बच्चियों को स्कूली शिक्षा मिले, जिसे मूर्त रूप देते हुए इन्होंने करमाटांड़ स्थित एक नंदनकानन आश्रम में पहला औपचारिक स्कूल की शुरुआत कराई। संभवत भारत में यह पहला विद्यालय था।

90 के दशक में भी बदनाम था जामताड़ा

विद्यासागर ही थे जिसने विधवा पुनर्विवाह के लिए लोकमत तैयार किया। उन्होंने अपने इकलौते पुत्र का विवाह एक विधवा से ही किया। जामताड़ा में रहकर विद्यासागर ने स्थानीय भाषा और लड़कियों की शिक्षा के लिए स्कूलों की एक श्रृंखला स्थापित की थी। लेकिन अब स्याह चहरे वाला जामताड़ा है। ये वो जामताड़ा नहीं रहा। अब इस जामताड़ा के माथे पर चंद साइबर क्रिमिनल्स की जमात के चलते बदनामी के गहरे दाग हैं। 90 के दशक में भी जामताड़ा बदनाम था। रेलवे में वैगन ब्रेकिंग, चोरी और नशा खिलाकर यात्रियों को लूटने के लिए बदनाम था।

जामताड़ा साइबर अपराधियों का गढ़

लेकिन मोबाइल के आने के बाद यह साइबर अपराधियों का गढ़ बन गया। साइबर अपराधियों ने पहले ओटीपी मॉड्यूल और बाद में अनेकानेक तरीके अपनाकर लोगों के साथ फ्रॉड करना शुरू कर दिया। साइबर अपराध के मामले में झारखंड को देश भर में जाना जाता है। झारखंड में पिछले साढे चार साल में साइबर अपराध के साढे पांच हजार मामले सामने आए हैं। कहा जाता है कि देश के 23 राज्यों की पुलिस यहां हमेशा आती रहती है। वजह है साइबर क्राइम। देश में साइबर क्राइम का खतरा तकनीक के अपडेट होने के साथ साथ और बढ़ रहा है।

10 जिले मे 80 फीसदी साइबर अपराध

आईआईटी कानपुर के एक शोध में यह जानकारी मिली है कि देश के 10 जिले ऐसे हैं जहां 80 फीसदी साइबर अपराधों को अंजाम दिया जाता है। इनमें राजस्थान, हरियाणा और झारखंड के जिलों को प्रमुखता से रखा गया है। इस रिपोर्ट में हैरान करने वाली बात यह है कि झारखंड के चार जिले इसमें शामिल हैं। और इसमें खास करमाटांड़ गांव का नाम है। देशभर के साइबर क्राइम के तीन फीसदी मामले अकेले इसी गांव से हैं।

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