India News (इंडिया न्यूज), Jharkhand News : झारखंड में सेंट्रल रिज़र्व पुलिस फोर्स यानी सीआरपीएफ का बकाया राज्य सरकार पर 11348 करोड रुपए की दावेदारी की है। बता दें कि ये दावेदारी केंद्रीय गृह विभाग ने की है। वहीं झारखंड के होम डिपार्टमेंट ने डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस अजय कुमार सिंह को पत्र लिखकर बाकायदा केंद्रीय बलों की तैनाती ,अब तक किए गए भुगतान और बकाया आदि का ब्योरा मांगा है।
आपको बता दें कि झारखंड में सीआरपीएफ की 132 कंपनियों की तैनाती की गई है। वहीं बीते 15 सालों से लगभग इतनी कंपनी या इससे अधिक कंपनियों की तैनाती इस प्रदेश में होती रही है। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की समीक्षा बैठक में देश में नक्सलियों के सक्रियता वाले जो जिलों की सूची भी बनाई गई है, इसमें नक्सल के अति प्रभावित जिलों की संख्या 25 से बताई गई है जो रिपोर्ट है उसमे अति प्रभाव क्षेत्र के जो जिले है, उसमे 9 जिले झारखंड के हैं और इन 9 जिले में नक्सली काफी सक्रिय है।
इन जिलों में चतरा, गिरिडीह ,गुमला, खुटी , लातेहार , सरायकेला खरसावां पश्चिमी सिंहभूम है जबकि सामान्य प्रभाव वाले जिलों में रांची, बोकारो, धनबाद, पूर्वी सिंहभूम, सिमडेगा, गढ़वा, गिरिडीह और हजारीबाग है। वहीं आईबी और पुलिस की जो खुफिया रिपोर्ट है उसके आधार पर ही सेंटर फोर्सज जो है इसकी मदद से यहां अभियान चलाए जाते हैं साथ ही नक्सलियों के प्रभाव में कमी भी आई है। फिलहाल केंद्रीय बलों की 132 कंपनियां यहां पर तैनात है। यानी केंद्रीय और पुलिस वालों की को मिला दिया जाए तो लगभग 85000 जवान राज्य में नक्सलियों के खिलाफ तैनात हैं।
बता दें कि झारखंड में नक्सल प्रभावित सात कोर एरिया में बीते 3 सालों के दौरान 48 पुलिस कैंप बनाए गए हैं। जिनमें सबसे अधिक सारंडा जो ओडिसा के बॉर्डर पर है जो रेड कोरिडोर है। वहीं कोल्हान में 14 है इसके अलावा बूढ़ा पहाड़ जो छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के बॉर्डर में है, 9 कैंप गिरिडीह के पारसनाथ में और 6 कैंप ट्राई जंक्शन में है, जबकि 11 कैंप चतरा गया बॉर्डर पर है और ऐसे ही कहीं पर एक कहीं पर तीन कैंप बनाए गए हैं। बता दें कि बिहार झारखंड के जो बॉर्डर है वहां पर सबसे अधिक 44 सुरक्षा बलों की कंपनियां तैनात हैं। वहीं सीआरपीएफ के 11 झारखंड आर्म्स फोर्स के 24, आईआरबी के तीन है। इसी तरह झारखंड बंगाल बॉर्डर पर सुरक्षा बलों की पांच कंपनियां तैनात है। झारखंड छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर सुरक्षा बलों की 19 कंपनियां तैनात हैं।
वहीं पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड से सटे तीन राज्यों की सीमा पर अभी 62 नक्सलियों का जमाबड़ा है और इन नक्सलियों से लड़ने के लिए सीआरपीएफ की कंपनियों की अभी जरूरत है। क्योंकि ठीक सामने चुनाव है और ऐसे समय में नक्सली लेवी वसूलने, और अपनी सक्रियता दिखाने के लिए लैंड माइन विस्फोट और तमाम दूसरी घटनाओं को अंजाम देते हैं।
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