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India News (इंडिया न्यूज), Kolkata rape murder case: कोलकाता रेप मर्डर केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट का माहौल काफी गंभीर था…लेकिन सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की एक दलील पर पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल हंस पड़े। इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कपिल सिब्बल से कहा- कम से कम हंसिए तो मत… मामले की आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार, राज्य पुलिस और अस्पताल प्रशासन पर कई सवाल उठाए।
मामले की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल केस डायरी का हवाला देते हुए बता रहे थे कि पुलिस को कब सूचित किया गया। मामले में कितनी लापरवाही बरती गई। इस पर कपिल सिब्बल मुस्कुराने लगे। कपिल सिब्बल को देखकर सॉलिसिटर जनरल नाराज हो गए। उन्होंने कहा, “किसी की जान गई है…कम से कम हंसिए तो मत।”
सुप्रीम कोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले में अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज करने में कोलकाता पुलिस की देरी को “बेहद परेशान करने वाला” बताया। जस्टिस पारदीवाला ने पूछा- जब आप पोस्टमार्टम करना शुरू करते हैं, तो इसका मतलब है कि यह अप्राकृतिक मौत का मामला है। अप्राकृतिक मौत का मामला रात 23:20 बजे दर्ज किया गया, जीडी एंट्री और एफआईआर 9 अगस्त को 11:45 बजे दर्ज की गई, क्या यह सच है?
जस्टिस पारदीवाला ने कहा, “यह बहुत चौंकाने वाला है कि अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज करने से पहले ही पोस्टमार्टम शुरू कर दिया गया था? जज ने सिब्बल से कहा, “आपको जिम्मेदारी से बयान देना चाहिए और जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। अप्राकृतिक मौत का मामला कब दर्ज हुआ?”
इस पर सिब्बल ने जवाब दिया- 1:46 बजे। फिर जज ने पूछा कि आप यह डिटेल कहां से उद्धृत कर रहे हैं? कपिल सिब्बल जवाब देने में समय ले रहे थे, इसलिए कोर्ट ने कहा कि अगली बार से जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों को अपने पास रखें।
आपको बता दें कि सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में पेश स्टेटस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। सीबीआई का कहना है कि पूरे मामले को लेकर अस्पताल प्रशासन का रवैया सवालों के घेरे में नजर आ रहा है। पीड़िता के परिवार को घटना की जानकारी बहुत देर से दी गई। परिवार को पहले पीड़िता की बीमारी और फिर आत्महत्या के बारे में बताया गया। सीबीआई ने यह भी दावा किया कि क्राइम सीन बदला गया था। साफ दिख रहा है कि अपराध को छिपाने की कोशिश की गई।
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