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India News (इंडिया न्यूज), Kolkata Rape Murder Case: केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता में आरजी कर अस्पताल में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) कर्मियों के लिए अपर्याप्त व्यवस्था पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। शीर्ष अदालत के आदेश के बाद यह तैनाती की गई है। केंद्र ने अब पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ कथित तौर पर इस आदेश का पालन न करने के लिए अवमानना का मामला दायर किया है। केंद्र की मोदी सरकार के अनुसार आरजी कर अस्पताल में 92 सीआईएसएफ कर्मी तैनात हैं, जिनमें 54 महिला कर्मी शामिल हैं, जिन्हें कथित तौर पर आवास संबंधी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
21 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए आरजी कर अस्पताल में सीआईएसएफ की तैनाती का आदेश दिया था। यह आदेश अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के कुछ दिनों बाद आया था। जब वह अपनी नाइट शिफ्ट में थी। बलात्कार की घटना के कुछ ही दिनों बाद अस्पताल में भीड़ ने तोड़फोड़ की थी। शीर्ष अदालत ने दोनों घटनाओं पर संज्ञान लिया था और सुरक्षा बलों की तैनाती का आदेश दिया था। हालांकि अब इस मामले में केंद्र सरकार ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने विशेष रूप से महिला दल के लिए उचित आवास सुविधाएं, परिवहन या सुरक्षा उपकरणों के लिए सुरक्षित भंडारण की व्यवस्था नहीं की है।
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केंद्र की याचिका में पर्याप्त सुविधाओं की सख्त जरूरत पर जोर दिया गया है। जिसमें ये तर्क दिया गया है कि पश्चिम बंगाल की ममता सरकार की तरफ से सहयोग की कमी हानिकारक है। खासकर राज्य में मौजूदा संवेदनशील स्थिति को देखते हुए। केंद्र सरकार ने तर्क दिया कि डॉक्टरों, खासकर महिला डॉक्टरों की सुरक्षा और संरक्षा राज्य सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। केंद्र ने आगे कहा कि बार-बार अनुरोध के बावजूद “पश्चिम बंगाल सरकार की निष्क्रियता” एक प्रणालीगत समस्या को दर्शाती है। जहां अदालत के आदेशों के तहत काम करने वाली केंद्रीय एजेंसियों के साथ असहयोग करना आम बात हो गई है।
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