इंडिया न्यूज, मुंबई :
Lata Mangeshkar No More: देश की स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के निधन पर सिर्फ देश में ही नहीं ब्लकि दुनिया भर के लोग शोक जता रहे हैं। बता दें संगीत की दुनिया का दिग्गज सितारा हमारे बीच नहीं रहा। बता दें कि लता मंगेशकर के प्रशंसक पूरी दुनिया में थे। बता दें कि लता ने अपने सिंगिंग करियर में अब तक कई भाषाओं में 30 हजार से ज्यादा गाने गा चुकी हैं। हालांकि, लताजी के लिए यहां तक पहुंचने का सफर इतना आसान भी नहीं था। दरअसल, एक शख्स ने तो उनकी आवाज को पतला बताते हुए गाना गवाने से ही मना कर दिया था। शुरूआत में बहुत से लोगों ने लताजी की आवाज को पतली और कमजोर बताकर खारिज कर दिया था।
लता मंगेशकर 5 भाई-बहनों में सबसे बड़ी थी
बता दें कि लता मंगेशकर जब 33 साल की थीं, तब उन्हें जहर देकर मारने की कोशिश की गई थी। लता की करीबी मित्र पद्मा सचदेव की किताब ‘ऐसा कहां से लाऊं’ में भी इस बात का जिक्र है। यह घटना 1963 की है, जब लताजी को लगातार उल्टियां हो रही थीं। डॉक्टर ने जांच के बाद बताया कि उन्हें धीमा जहर दिया गया है। हालांकि, बाद में खुद लता मंगेशकर ने इस कहानी के पीछे से पर्दा हटाया था।
लताजी ने एक बातचीत में कहा था- हम मंगेशकर्स इस बारे में बात नहीं करते। क्योंकि यह हमारी जिंदगी का सबसे भयानक दौर था। मुझे इतनी कमजोरी महसूस होने लगी थी कि मैं बिस्तर से बड़ी मुश्किल से उठ पाती थी। जब लताजी से पूछा गया था कि क्या ये सच है कि डॉक्टर्स ने उन्हें कह दिया था कि वे दोबारा कभी नहीं गा पाएंगी? इसके जवाब में लताजी ने कहा- ये बात सही नहीं है। ये एक काल्पनिक कहानी है, जो मुझे दिए जाने वाले धीमे जहर के इर्द-गिर्द बुनी गई है। बता दें कि लता मंगेशकर 5 भाई-बहनों में सबसे बड़ी थी।
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