India News ( इंडिया न्यूज़ ),Lok Sabha Election 2024: नीतीश कुमार पर सबकी नज़र है। क्या INDI वाले, क्या NDA वाले। नीतीश का अगला क़दम क्या होगा, किसी को नहीं पता। अंदर की ख़बर ये है कि नीतीश और लालू के बीच बातचीत बंद है। ललन सिंह वाले ‘चैप्टर’ ने दरार पैदा की है। नीतीश ने 18 साल बिहार पर यूंही शासन नहीं किया।
कभी बीजेपी तो कभी RJD के साथ पाला बदलते रहे हैं। अब सीतामढ़ी से लोकसभा उम्मीदवार के नाम का ऐलान करके ये बता दिया है कि I.N.D.I.A. और बिहार में ड्राइविंग सीट पर ही रहेंगे। बिहार के मुख्यमंत्री और अब JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष 2024 में कुछ तो ‘खेला’ करने वाले हैं।
बंगाल में ममता बनाम कांग्रेस, यूपी में सपा बनाम कांग्रेस, पंजाब में आप बनाम कांग्रेस की लड़ाई में नीतीश ख़ुद के लिए मौक़ा तलाश रहे हैं। राजनीति में मज़बूत डील को सील करने की फ़िराक़ में बिहार से लेकर दिल्ली तक सुगबुगाहट तेज़ है। बिहार के मंत्री अशोक कुमार के शब्दों पर ध्यान दीजिएगा, नीतीश को लेकर कहते हैं- “टाइगर अभी ज़िंदा है”। अंग्रेज़ी में एक शब्द है- ‘TOUGH NEGOTIATOR’ यानी एक ऐसा राजनेता जो सियासत में ख़ुद के फ़ायदे के लिए किसी को भी झुकने पर मजबूर कर दे। नीतीश ‘TOUGH NEGOTIATOR’ हैं।
नीतीश विपक्षी एकता की धुरी हैं, पर ममता से नाराज़ हैं। ममता ने पीएम पद के लिए खड़गे का नाम क्या सुझाया कि नीतीश नाराज़ हो गए। अंदर की ख़बर तो ये भी है कि राहुल गांधी को फ़ोन करके ममता बनर्जी से कहना पड़ा कि खड़गे के नाम के साथ जल्दबाज़ी ना करें। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा है। प्राण प्रतिष्ठा के ज़रिए बीजेपी ख़ुद के लिए सियासी निष्ठा ढूंढेगी।
राम मंदिर के पॉलिटिकल नैरेटिव का मुक़ाबला करने के लिए नीतीश ‘जाति जनगणना’ का सियासी हथियार तैयार कर चुके हैं। लेकिन ‘जाति जनगणना’ का सियासी तीर तभी गंभीर होगा जब क्षेत्रीय क्षत्रपों को साधा जाए। अखिलेश यादव, ममता बनर्जी, शरद पवार, फारूक़ अब्दुल्ला, महबूबा मुफ़्ती, उद्धव ठाकरे जैसे क्षत्रपों को एक मंच पर लाने का माद्दा सिर्फ नीतीश ही रखते हैं। ओबीसी, दलित, पिछड़ा, अतिपिछड़ा, दलित, महादलित, पसमांदा, अशराफ़ वाली राजनीति के ज़रिए NDA का मुक़ाबला करने की तैयारी है। मेरा मानना है कि काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ा करती।
जाति की सियासत अब गुज़रे वक़्त की बात है। ध्यान दीजिएगा, कांग्रेस ने राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में जाति आधारित जनगणना का दांव चला था जो बैकफ़ायर कर गया। आज की तारीख़ में भारत को समझ आने लगा है कि ‘जाति’ के नाम पर वोट ‘मिथ्या’ है और विकास के मुद्दों पर वोट सच्चे हैं। देखिए ना, आज 17 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की या तो सरकार है या सहयोगी दल हैं। इन राज्यों का वोटिंग पैटर्न बताता है कि वोटर के दिमाग में जाति से कहीं ज़्यादा विकास के मुद्दे हैं।
साल 2019 का वोटिंग पैटर्न देश की चुनावी राजनीति में बदलाव की इबारत है। याद कीजिए यूपी के कुल मुसलमान वोटर्स में से 8 फ़ीसदी ने बीजेपी गठबंधन को वोट किया था। बीजेपी को साल 2019 में 37.36% वोट मिले, NDA का कुल वोट शेयर 60.37 करोड़ वोटों का 45% था। 10 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में भारतीय जनता पार्टी ने सारी सीटों पर क़ब्ज़ा कर लिया। पिछले लोकसभा चुनाव की सबसे बड़ी बात ये रही कि बिहार में लालू प्रसाद यादव के राष्ट्रीय जनता दल को एक भी सीट पर जीत नहीं मिल सकी।
2014 से पहले तक पिछड़ी जातियों और मुस्लिम का समीकरण चुनावी जीत का ‘मास्टरस्ट्रोक’ कहलाता था। 32 फ़ीसदी कुल वोट मिला तो आप विजेता थे, लेकिन आज मुक़ाबला कुल 45 फ़ीसदी वोट ले जाने वाले NDA से है। 45% के वोटबैंक का आंकड़ा पहाड़ जैसा होता है। नीतीश कुमार I.N.D.I.A. का पीएम FACE बनना चाहते हैं। मेरा सवाल सीधा है, क्या नीतीश कुमार का चेहरा वाक़ई 40-45 प्रतिशत वोट बैंक ला सकता है। ये सवाल बाक़ियों के ज़हन में भी है, यही वजह है कि संयोजक और पीएम पद वाले चेहरे पर इतनी हीलाहवाली है।
अब आख़िरी संभावना। नीतीश को लालू पर शक है। ललन सिंह चैप्टर ने शक को गहरा दिया है। नीतीश महागठबंधन और बीजेपी दोनों की ज़रूरत हैं। पाला बदला तो समझिए RJD जैसी पार्टियों का खेल बिगड़ेगा। भारतीय जनता पार्टी भी बिहार में 2019 का इतिहास दोहराना चाहती है। नीतीश ख़ामोश हैं, ख़ामोशी के मायने हैं, समझेंगे को संकेत मिलेगा। इन संकेतों में भविष्य की रूपरेखा है। दुष्यंत कुमार लिख गए हैं।
“मस्लहत-आमेज़ होते हैं सियासत के क़दम
तू न समझेगा सियासत तू अभी नादान है।”
ये भी पढ़े:
India News (इंडिया न्यूज)Makeup Side Effects: ज़्यादातर लोगों का मानना है कि जब महिलाएं मेकअप…
‘कोई मुझे गोली मार देगा…’, क्यों घबराईं Raveena Tandon, आखिर किस वजह से सताया मौत…
CM Mamata Banerjee: राज्य के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में सीएम ममता बनर्जी ने…
Norway Princess Son Arrest: नॉर्वे की क्राउन प्रिंसेस मेटे-मैरिट के सबसे बड़े बेटे बोर्ग होइबी…
India News Bihar (इंडिया न्यूज)Khelo India Games: बिहार ने पिछले कुछ सालों में खेलों की…
Baba Vanga Predictions 2025: बाबा वंगा ने 2025 में कुल 5 राशियों के लिए भारी…