संबंधित खबरें
Delhi Railway News: ट्रेन यात्रियों के लिए बड़ी खबर, कोहरे के कारण इतने दिन तक बंद रहेंगी दिल्ली-हरियाणा की 6 ईएमयू ट्रेनें
UP By-Election Results 2024 live: यूपी में 9 सीटों पर उपचुनाव की वोटिंग जारी, नसीम सोलंकी की जीत तय
Bihar Bypolls Result 2024 Live: बिहार की 4 सीटों पर मतगणना शुरू! सुरक्षा पर प्रशासन की कड़ी निगरानी
Maharashtra-Jharkhand Election Result Live: महाराष्ट्र में महायुति तो झारखंड में JMM गठबंधन सरकार बनाने की तरफ अग्रसर, जानें कौन कितने सीट पर आगे
मातम में बदलीं खुशियां, नाचते- नाचते ऐसा क्या हुआ शादी से पहले उठी…
नाइजीरिया में क्यों पीएम मोदी को दी गई 'चाबी'? क्या है इसका महत्व, तस्वीरें हो रही वायरल
India News (इंडिया न्यूज़),LOK SABHA ELECTION 2024: (अजीत मेंदोला)लोकसभा चुनाव की घोषणा से पूर्व राजस्थान में एक बार फिर जाट राजनीति के गर्माने के आसार पैदा हो गई है। अगर ऐसा हुआ तो कांग्रेस इस बार चुनाव में अपना खाता खोल सकती है। हालांकि बीजेपी आलाकमान राजस्थान की राजनीति पर बहुत ही बारीकी से नजर रखे हुए है लेकिन असल चिंता राज्य कि 25 की 25 सीट जीतने की ही है।
टिकट कटने से नाराज सांसद राहुल कस्वा के कांग्रेस में शामिल होने के बाद जाट बनाम राजपूत राजनीति के गरमाने की संभावना है। राजस्थान बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौर के विधानसभा चुनाव में हार के पीछे एक कारण जाट वोटों का ध्रुवीकरण होना भी बताया जाता है। राठौर ने हार के बाद अप्रत्यक्ष रूप से राहुल कस्वा पर विरोध में काम करने का आरोप लगाया था। बीजेपी विधानसभा चुनाव में जाट बाहुल्य इलाकों में हारी भी थी।
Also Read: तारक मेहता का उल्टा चश्मा फेम एक्ट्रेस Munmun Dutta ने Raj Anadkat संग वडोदरा में की सगाई
अब जब लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी की पहली सूची जारी हुई तो राहुल कस्वा का टिकट काट दिया गया। कस्वा का आरोप है कि राठौर की शिकायत पर टिकट काटा गया। अब वह कांग्रेस में शामिल हो गए हैं, तो उनके असल निशाने पर राठौर ही रहने वाले हैं। बीजेपी आलाकमान इस माहौल में अब राठौर को लोकसभा का टिकट देगी लगता नहीं है। दुसरा चुनाव ने यदि जातीय रंग लिया तो फिर जाट बाहुल्य कई सीट पर असर पड़ेगा।
दरअसल, दिल्ली में मौजूद तिकड़ी ने आलाकमान को परेशानी में डाला है। इस तिकड़ी ने सबसे पहले पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के खिलाफ माहौल बनाया। फिर सतीश पूनिया को अध्यक्ष पद से हटा दिया। सीपी जोशी को अध्यक्ष बनवाया। यहीं से बीजेपी की प्रदेश की राजनीति गड़बड़ाई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बाद में अहसास हुआ कि प्रदेश में गलत फैसले करवा दिए गए। वह फैसले करवाने वालों पर नाराज भी हुए। जिसके पीछे सारा झगड़ा मुख्यमंत्री की कुर्सी का था। स्पीकर ओम बिड़ला,केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत,राजेंद्र राठौर कई नेता रेस में थे। विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी ने खुद कमान संभाली तो उन्हें एहसास हो गया था कि जाट बाहुल्य इलाकों में नाराजगी है। इसलिए पार्टी ने मीणा ओर गुजर वोटरों को साधा। परिणाम वही आए जो तय थे,जाट बाहुल्य इलाकों में बीजेपी हारी और बाकी में जीती।
Also Read: आधी आबादी को साधने में जुटें राहुल गांधी, महिला आरक्षण को लेकर किया बड़ा ऐलान
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.