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इंडिया न्यूज़, भोपाल :
Madhya Pradesh News : मध्यप्रदेश से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसे जान आप हैरान रह जाएंगे जी हां, मध्यप्रदेश सरकार ने महिला पुलिस कॉन्स्टेबल को जेंडर चेंज कराने की इजाजत दी है। ये मध्यप्रदेश का पहला मामला है। जिसमें राज्य सरकार द्वारा सेक्स चेंज की अनुमति दी गयी है। महिला आरक्षक को लिंग परिवर्तन की इजाजत पुलिस महानिदेशक की ओर से दी गई है। राज्य के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा ने बताया कि महिला आरक्षक को विधिवत लिंग परिवर्तन कराने की इजाजत संबंधित आदेश आज गृह विभाग की ओर से प्रदेश पुलिस मुख्यालय को भेज दिया गया है।
डॉ. राजौरा ने इस पर बताया कि महिला कॉन्स्टेबल प्रदेश के एक जिले में कार्यरत है। उसे बचपन से ही ‘जेंडर आइडेंटिटी डिसआर्डर’ की प्रॉब्लम थी। इसकी पुष्टि राष्ट्रीय स्तर के मनोचिकित्सकों की तरफ से की गई थी। इसलिए संबंधित महिला आरक्षक की ओर से लिंग परिवर्तन कराने के संबंध में विधिवत आवेदन, शपथ पत्र और भारत सरकार के राजपत्र में 2019 में इस संबंध में प्रकाशित अधिसूचना के आधार पर प्रदेश पुलिस मुख्यालय को भेजा गया था। जिस पर आज आदेश जारी हो गए है।
आइडेंटिटी डिसऑर्डर होने पर एक लड़का, लड़की की तरह और एक लड़की, लड़के की तरह व्यवहार करने लगती है । दोनों ही अपोजिट जेंडर के अनुसार अपनी जिंदगी जीना चाहते हैं। दोनों ही अपोजिट बर्ताव में खुद को ज्यादा सहज महसूस करते हैं। मध्य प्रदेश की महिला कॉन्स्टेबल भी पुरुषों की तरह ही ड्यूटी करती है।
देश में किसी भी नागरिक को उसके धर्म या जाति पर ध्यान दिए बिना अपने स्वयं के जेंडर (लिंग) के चयन की स्वतंत्रता का प्रावधान दिया गया है। इसके तहत विधि विभाग से परामर्श के बाद गृह विभाग की ओर से पुलिस मुख्यालय को अनुमति दी है।
आइडेंटिटी डिसऑर्डर के लक्षण कुछ बच्चों में तो बचपन से ही दिखना शुरू हो जाते हैं, लेकिन ज्यादातर रिपोर्ट में यह सामने आया है कि इन आदतों को 10-12 साल के बच्चों में आसानी से देखा जा सकता है। अगर वह आइडेंटिटी डिसऑर्डर (identity disorder) या जेंडर डिसफोरिया से ग्रस्त है, जैसे कोई पुरुष है तो वह महिलाओं की तरह कपड़े पहनना, मेकअप करना और इशारे करता है। वहीं महिला पुरुष की तरह आचरण करती है। जेंडर चेंज कराने के इस ऑपरेशन में लगभग 5-6 घंटे का समय लगता है। इस दौरान ब्रेस्ट, जननांग और चेहरे की सर्जरी की जाती है।
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