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इंडिया न्यूज़ (चेन्नई):मद्रास हाई कोर्ट ने गायों और जानवरो के दिन और रात में हो रहे अवैध परिवहन और खुले में हो रही हत्याओं पर चिंता जताई है,न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ भंडारी और एन माला की खंडपीठ ने कहा की इस तरह की स्थिति तभी बनती है जब प्रशासन कानूनों को समय पर लागू करने में विफल होता है,पुलिस प्रशासन जानवरो के अवैध परिवहन,वध और नीलामी पर कारेवाई करने में विफल रहा है.
कोर्ट ने इसको लेकर 11 दिशा-निर्देश भी जारी किए,कोर्ट ने कहा की
1.राज्य को अपने विभागों के माध्यम से यह सुनिश्चित करना होगा कि कानूनों और नियमों का उल्लंघन कर कोई वध या परिवहन न हो.
2.जिला स्तरीय समिति और राज्य बोर्ड को नियमों और विनियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करना होगा.
3.उल्लंघन में पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति पर 1960 के अधिनियम और 1978 और 2001 के नियमों के अनुसार तत्काल मामला दर्ज कर उसपर कारेवाई करनी होगी.
4.परिवहन विभाग को जानवरों के परिवहन की निगरानी करनी होगी ,इस उद्देश्य के लिए चेक पोस्ट, टोल गेट्स पर सीसीटीवी कैमरा उपलब्ध होना चाहिए और उसका फुटेज जिला स्तरीय समिति को उपलब्ध करना होगा.
5.राज्य को यह सुनिश्चित करना होगा कि वध नियमों के अनुसार और एक लाइसेंस प्राप्त बूचड़खाने में किया जाए न कि किसी खुले स्थान पर.
6.जब भी अधिकारियों के संज्ञान में पशुओं का अवैध परिवहन लाया जाए तब अपराधियों के खिलाफ तुरंत मामले दर्ज किया जाना चाहिए और साथ ही जानवरों को बरामद कर उन्हें सुरक्षित स्थान पर भेजा जाना चाहिए.
7.समय-समय पर निगरानी की जानी चाहिए और नियमों के उल्लंघन पर किसी भी जानवर को तमिलनाडु राज्य के क्षेत्र में लाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
8.1958 के अधिनियम की धारा 4 के प्रावधान के उल्लंघन करने वाले किसी भी वध की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
9.राज्य को यह सुनिश्चित करना होगा कि जानवरों की नीलामी भी नियमों और प्रक्रियाओं के अनुसार हो.
10.प्रक्रिया का नियमित अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जिला स्तरीय समिति को आदेश की एक प्रति प्रदान की जानी चाहिए.
11.किसी भी उल्लंघन के मामले में मामले में आगे की कार्रवाई के साथ मामला दर्ज करने के लिए तुरंत संबंधित पुलिस अधीक्षक के संज्ञान में लाया जाना चाहिए,जिला कलेक्टर को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उनके जिले में कोई भी परिवहन या जानवरों का वध कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए नहीं होता है.
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