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India News (इंडिया न्यूज़), Mental Health News : आजकल बच्चे भी डिप्रेशन के शिकार होते जा रहें है।आए दिन कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिसकी वजह से पेरेंट्स काफी परेशान रहते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं बच्चों में डिप्रेशन होने की वजह क्या है।
यू तो डिप्रेशन की समस्या से आज हर कोई परेशान हैं, लेकिन अब बच्चों के बिच भी डिप्रेशन के कई मामले तेजी से सामने आ रहे है। रिसर्च में बताया गया है कि बर्च्चों में कोविड-19 के बाद से डिप्रेशन के मामलों में बढ़ोतरी हुई है, बच्चों में डिप्रेशन का एक बड़ा कारण मोबाइल फोन और पेरेंट्स का ज्यादा बिजी होना भी बताया जा रहा है। दरअसल, वर्किंग पेरेंट्स अपने बच्चे को ज्यादा समय नहीं दे पाते है। जिसका सिधा असर उनके दिमाग पर पड़ता है। वहीें माता-पिता बच्चे को कम उम्र में ही मोबाइल फोन देने की बड़ी गलती भी करते है।जिसकी वजह से मोबाइल फोन बच्चों के बिच डिप्रेशन का एक बड़ा कारण बन चुका है।
आपने अक्सर देखा होगा की वर्किंग पेरेंट्स अपने बच्चों के साथ ज्यादा वक़्त नहीं बिता पाते हैं, ऐसे में कई बार ऐसा होता है कि अधिक्तर बच्चे घर में काम करने वाले वर्कर्स के भरोसे दिनभर रहते हैं। जिसका सीधा असर उनके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है, क्योंकि आपने अक्सर सुना होगा की घर में काम करने वाले वर्कर्स ही कई बार बच्चों के साथ गलत व्यवहार कर देते हैं, जिसकी वजह से बच्चा अपने ही घर में गुमसुम रहने लगता है और माता-पिता के पास समय ना होने की वजह से बच्चै अपने दिल की बात अपने माता-पिता को नहीं बता पाते है और धिरे-धिरे वो डिप्रेशन का शिकार होने लगते है।
तलाक के बड़ते मामले जिस तरह से आज तेजी से बढ़ रहे हैं, उसका सिधा असर कही ना कही बच्चों के दिमाग पर पड़ता है। बच्चे इससे परेशान होते हें जिसका असर कही ना कही उनकी जिंदगी पर होता है। वहीं ये भी देखा गया है कि तलाक से पहले होने वाले माता-पिता के बीच की लड़ाई देखकर हर बच्चा उदास रहने लगता हैं। बच्चों पर इनका इतना गहरा असर पड़ता है कि वो धीरे-धीरे डिप्रेशन के शिकार होने लगते हैं। वहीं तलाक के बाद बच्चों को ये भी समझने में दिक्कत होती है कि वह किस के पास रहें अपनी मां के साथ या अपने पिता के साथ।
बचपन से हम अपने बच्चों पर पढ़ाई का इतना प्रेशर डालते हें कि वो धिरे-धिरे परेशान होने लगता है। इतना ही नहीं कुछ माता-पिता तो अपने बच्चे की तुलना पढ़ाई और खेलकूद के मामलों में दूसरे बच्चों से करना शुरु कर देते हैं। ऐसे में बच्चा परेशान रहने लगता है और शांत रहने लगता हैं और धीरे-धीरे बच्चा डिप्रेशन का शिकार बन जाता हैं।
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