ADVERTISEMENT
होम / Live Update / बातों बातों में – कनाडा को सबक सिखाने पर आमादा मोदी..

बातों बातों में – कनाडा को सबक सिखाने पर आमादा मोदी..

BY: Rana Yashwant • LAST UPDATED : September 22, 2023, 2:21 pm IST
ADVERTISEMENT
बातों बातों में – कनाडा को सबक सिखाने पर आमादा मोदी..

PM India & PM Canada

India News(इंडिया न्यूज़): कनाडा के साथ भारत के रिश्ते लगातार खराब होते जा रहे हैं. ताजा मामला भारत सरकार की ओर से कनाडा के लोगों के लिए वीजा बंद किया जाना है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि सुरक्षा कारणों के चलते कनाडा के लोगों को वीजा नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, हमारे उच्चायोग और वाणिज्य दूतावास सुरक्षा को लेकर खतरे का सामना कर रहे हैं। भारत कनाडा के वीजा ऑपरेशन की लगातार समीक्षा करेगा।

भारत सरकार के तेवर से साफ है कि वह कनाडा की अब और सुनने सहने के मूड में नहीं है। इसका अंदाजा आप अरिंदम बागची के इस बयान से लगा सकते हैं कि “कनाडा में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों पर हमारी तात्का लिक वीजा नीतियों का प्रभाव नहीं पड़ेगा। कनाडा के नागरिकों को हर हाल में वीजा प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा, चाहें वे किसी अन्यप देश में ही क्योंं न रह रहे हों, उन्हें भारत में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी।”

सरकार पर उंगली उठाए

किसी देश का प्रधानमंत्री संसद में खड़ा होकर किसी व्यक्ति की हत्या को लेकर किसी सरकार पर उंगली उठाए और वह भी बिना किसी सबूत-सुराग के तो यह दुस्साहस की इंतेहा है। वह हत्या भी किसकी? जो भारत के लिए वांटेड है। खालिस्तान टाइगर्स फोर्स का आंतकी है। जून में ब्रिटिश कोलंबिया में एक सांस्कृबतिक केंद्र के बाहर हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

भारतीय राजनयिक प्रणव कुमार राय को निष्काोसित कर दिया

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस हत्याह में भारतीय एजेंसी का हाथ होने की बात कही औऱ जांच में हस्त क्षेप का आरोप लगाते हुए भारतीय राजनयिक प्रणव कुमार राय को निष्काोसित कर दिया। ऐसा रवैया भारत के लिए हैरान करनेवाला था औऱ भारत की तरफ से सख्त कदम उठाया जाएगा यह जाहिर भी था। भारत ने ट्रूडो के बयान का ना सिर्फ पुरजोर खंडन औऱ विरोध किया बल्कि कनाडा के एक राजनयिक को बाहर भी निकाला। अब कनाडा के लोगों के लिए वीजा भी बंद कर दिया।

भारत सरकार ने दस लाख का इनाम घोषित कर रखा था

सवाल ये है कि, कनाडा उन आतंकियों को पनाह क्यों देता है, उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करता है जो भारत के लिए वांटेड हैं और यहां आंतकी गतिविधियों में शामिल रहे हैं? जिस हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए कनाडा के प्रधानमंत्री भारत पर उंगली उठा रहे हैं वह आतंकी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स का संस्थापक था। उसके सिर पर भारत सरकार ने दस लाख का इनाम घोषित कर रखा था।

अब एक औऱ खालिस्तानी सुखदूल सिंह उर्फ सुख्खा मारा गया है औऱ उसको मारने की जिम्मेदारी भारत की जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने लिया है. इसमें कोई हैरत नहीं कि कनाडा की जांच एजेंसियां इसमें भी भारत का नाम जोड़ दें। कनाडा के साथ दिक्कत ये है कि वह भारत विरोधी ताकतों खासकर खालिस्तान समर्थक आतंकियों का पनाहगाह हो गया है औऱ वहां की सरकार उनको बचाती है, समर्थन देती है।

भारत के हवाले करने की मांग रखी थी

अगर आप पीछे जाकर देखें तो जस्टिन ट्रूडो उसी लाइन पर चल रहे हैं जो उनके पिता ने बनाई थी। 1982 में जब जस्टिन ट्रूडो के पिता पियरे ट्रूडो कनाडा के प्रधानमंत्री हुआ करते थे तब भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उनके सामने तलविंदर सिंह परमार को भारत के हवाले करने की मांग रखी थी। तलविंदर सिंह बब्बर खालसा इंटरनेशनल का सरगना था औऱ उन दिनों पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों का सबसे बड़ा साजिशकर्ता था।

जस्टिन ट्रूडो के पिता ने इंदिरा गांधी की मांग नहीं मानी। 1984 में पंजाब में आतंकवाद को खत्म करने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाना पड़ा, उसके कुछ महीनों बाद इंदिरा गांध की उनके अंगरक्षकों ने हत्य कर दी। इसके अगले ही साल 1985 में कनाडा के मांट्रियल से मुंबई आ रहा यात्री विमान कनिष्क में विस्फोट हो गया औऱ 329 लोग मारे गए। उस विमान को उड़ाने का मास्टरमाइंड तलविंदर सिंह ही थी।

पापियों की हत्या करने वाले शहीदों को नमन

कनिष्क कांड में भारत सरकार की तरफ से तमाम सबूतों औऱ दबावों के बावजूद कनाडा की सरकार ने कुछ खास कार्रवाई नहीं की. बस एक आदमी को कुछ साल की जेल हुई थी। कनाडा में सहज सवेरा नाम की एक मैगजीन छपा करती थी। 2002 में उस मैगजीन के फ्रंट पेज पर इंदिरा की हत्या होते दिखाया गया था। नीचे लिखा था, “पापियों की हत्या करने वाले शहीदों को नमन”। अब आप सोचिए कि एक मित्र राष्ट्र की प्रधानमंत्री की हत्या के महिमामंडन पर कनाडा की सरकार की क्या प्रतिक्रिया होनी चाहिए थी? जाहिर है कार्रवाई करनी चाहिए थी।

भारत विरोधी गतिविधियों को वहां संरक्षण

मगर हुआ ये कि आने वाले सालों में सहज सवेरा को सरकारी विज्ञापन मिलने लगे। ऐसे तमाम उदाहरण हैं इस बात के सबूत में कि कनाडा की आज की ट्रूडो सरकार से लेकर उनके पिता तक की सरकार तक सुनियोजित तरीके से भारत विरोधी गतिविधियों को वहां संरक्षण दिया जाता रहा है। कारण सिर्फ यही है कि सिख समुदाय के कुछ लोग जो खालिस्तान का समर्थन करते हैं वे वहां प्रभाव रखते हैं औऱ सरकारें उनके चलते आतंकवाद तक की हिमायत करती हैं।

NDP ने दिया था समर्थन

ट्रूडो मार्च 2022 से जिस सरकार के मुखिया हैं उसके बने रहने के लिए एक सहयोगी दल की जरुरत है जिसका नाम है न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी यानी एनडीपी। इस पार्टी के मुखिया जगमीत सिंह खालिस्तान अलगावाद को खुला समर्थन देते हैं। 2022 में कनाडा में जो रेफेरेंडम हुआ था उसको NDP ने समर्थन दिया था।

अपनी सरकार बचाए रखने औऱ अगले चुनावों में खालिस्तान समर्थकों की ताकत का इस्तेमाल कर फिर से सत्ता हासिल करने की लालसा में ट्रूडो भारत के साथ संबंध तक की बलि चढाने को तैयार हैं। इधर मोदी सरकार है जो किसी भी दबाव में नहीं झुक सकती औऱ राष्ट्र हित के लिए किसी भी साहसिक फैसले को लेने से तनिक भी नहीं चूकती है।

Read more: देश में पूर्ण बहुमत की सरकार हो तो बड़े फैसले ले सकते हैं- PM Modi

Tags:

Canada PMCanada PM Justin Trudeauindia news hindiबातों बातों में

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT