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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
Navratri Lakshya Sadhana ज्यादातर लोग नवरात्र का मतलब पूजा-पाठ, कथा और उपवास तक समझते हैं। लेकिन पहली बार किसी ने नवरात्र को नया अवतार यानी नया रूप दिया है। इससे भी अहम बात यह है कि इस अवतार से आकर्षित होने वाले सबसे अधिक युवा हैं। युवा, जिनके प्रति आम धारणा है कि इस भौतिकवादी युग में वे धार्मिक गतिविधियों से गुरेज करने लगे हैं। नवरात्र के इन दिनों में सैकडों युवाओं ने मां दुर्गा की उपासना के माध्यम से अपने लक्ष्यों को साधने की साधना की। जिसे नाम दिया गया- नवरात्र लक्ष्य साधना। यह नूतन करिश्मा जिन्होंने किया है, उनका नाम है डॉक्टर नूतन खेर। डॉक्टर नूतन खेर (Dr Nutan Kher) एक सेलिब्रिटी हीलर (Celebrity Healer) एवं थेरेपिस्ट (Therapist) हैं, जिनकी सेवाएं बॉलीवुड के कई दिग्गज भी लेते हैं।
अपनी तरह की इस अलग वर्कशॉप के बारे में डॉक्टर खेर ने बताया उच्च शिक्षा और बडे-बडे कॉलेजों से पढाई करने के बावजूद अपने लक्ष्यों को पाने के लिए युवा कभी किसी मैनेजमेंट गुरू की शरण में जाकर मैनेजमेंट स्क्लि सीखते हैं तो कभी मोटिवेशनल स्पीकर्स के लेक्चर अटैण्ड करते हैं। जबकि भारतीय परंपरा में नवरात्र जैसे पर्व हैं, जिनकी साधना से मन-मस्तिष्क और शरीर पर नियंत्रण पाकर जीवन में किसी दुर्लभ से दुर्लभ लक्ष्य की प्राप्ती भी की जा सकती है। डॉक्टर खेर ने आगे बताया सबसे बडी भ्रामक धारणा यह है कि लोग साधना का मतलब आंख मीचकर ध्यान में बैठ जाने से लेते हैं।
साधना यह नहीं है। अपने लक्ष्य, चाहे वह करियर में सफलता को लेकर हो या जीवन में सुख, समृद्धि, धन-वैभव व प्रभुत्व को लेकर, उसके प्रति दृढ इच्छशक्ति और समस्त इंद्रियों की ताकत से जुट जाना ही साधना है। वर्कशॉप में भाग लेने वाले छात्रों को पहले नवरात्र से लेकर आठवें नवरात्र तक प्रत्येक दिन मां दुर्गा के नव रूपों की आराधना, मंत्रोच्चार के साथ सकारात्मक ऊर्जा को प्राप्त करने की विधि का ज्ञान दिया गया, जिसकी संपूर्णता नवमी यानी नवरात्र के दिन हुई।
वर्कशॉप का लाभ लेने वाले अनुभव गुप्ता और रीतेश माथुर ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया अविश्सनीय। यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। हम अपने भीतर एक विशष्ट तरह की सकारात्मक ऊर्जा महसूस कर पा रहे हैं, जो पहले नहीं थी। एक अन्य छात्रा स्तुति गर्ग ने बताया मेरे पास कई ऑप्शन थे और मैं तय नहीं कर पा रही थी कि मुझे जीवन में क्या करना है, लेकिन अब ऐसा लगता है कि सब कुछ स्पष्ट हो गया है। मैं अपने लक्ष्य और उसकी प्राप्ति के लिए पूरी तरह आश्वस्त हूं। वर्कशॉप में इंजीनयरिंग, मैनेजमेंट, साईकलाजी, आदि विविध कोर्स कर रहे छात्र-छात्राओं ने ऑन लाइन व ऑफ लाइन भाग लिया।
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