* आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के सपने को साकार करने का किसान कल्याण है मज़बूत आधार
* किसान कल्याण की नींव पर बनेगी आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश इमारत
* वर्ष 2002-03 में सिंचाई का रकबा मात्र 7.5 लाख हेक्टेयर था, जो अब बढ़कर 43 लाख हेक्टेयर हो चुका है
* कृषि उत्पादन वर्ष 2004-05 में 2 करोड़ 38 लाख मीट्रिक टन से 2020-2021 में 6 करोड़ 69 मीट्रिक टन हो चुका है
* बैतूल में आयोजित विशेष कार्यक्रम में देश में फसल क्षति की सबसे बड़ी सहायता राशि का सिंगल क्लिक के माध्यम से वितरण हुआ
इंडिया न्यूज़, भोपाल
कृषि विकास के क्षेत्र में मध्यप्रदेश नई ऊंचाइयों को छूते हुए देशभर में सर्वोच्च स्थान पर पहुंच चुका है। रिकॉर्ड कृषि उत्पादन और उसे बढ़ाने के लिए शानदार योजना बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा सात बार प्रतिष्ठित कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त करने के साथ ही, आज मध्य प्रदेश दलहन और तिलहन के उत्पादन में देश में नंबर एक राज्य होने का दावा करता है। इतना ही नहीं सोयाबीन और उड़द के उत्पादन में भी मध्यप्रदेश को शीर्ष स्थान प्राप्त है, जबकि गेहूं, मसूर, मक्का और तिल के उत्पादन में प्रदेश देश भर में दूसरे स्थान पर है।
कृषि के क्षेत्र में विकास और बढ़ोतरी का उत्सव मनाने और प्रदेश के किसानों को और भी सशक्त बनाने के लिए मध्यप्रदेश राज्य सरकार ने माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें बैतूल जिले से ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के तहत प्रदेश के कृषकों को 49 लाख दावों का 7600 करोड़ का भुगतान सिंगल क्लिक के माध्यम से किया गया।
कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत कन्या पूजन से की गई। यह इस बात का प्रतीक था कि बेटियां जब पढेंगी और आगे बढ़ेंगी तभी मध्यप्रदेश ही नहीं पूरा भारत आत्मनिर्भर होकर प्रगति की राह पर आगे बढ़ेगा। कार्यक्रम में वर्चुअल प्लेटफार्म के माध्यम से जुड़े कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, भारत सरकार श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उपस्थित लोगों का अभिवादन करने के बाद कहा कि मध्यप्रदेश के लिए आज एतिहासिक अवसर है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी की हमेशा से ही किसानों को अधिक से अधिक लाभ दिलाने की नियत रही है। आज पहला मौका है जब इतनी बड़ी फसल बीमा की राशि एक साथ किसानों के खाते में जमा की जा रही है, इस अवसर में एमपी के सीएम और कृषिमंत्री को बधाई देता हूं। विगत 15 वर्षो में शिवराज सिंह चौहान जी के नेतृत्व में खेती-किसानी के क्षेत्र में जो प्रगति हुई है वह देश के मानचित्र पर उल्लेखित है।
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के 6 प्राथमिकताएं हैं, गांव, गरीब, किसान, दलित, महिला और नौजवान। इनकी उन्नति पर ही देश की प्रगति निर्भर है। तोमर ने कहा कि फसल बीमा योजना का पैसा किसानों को लेने की नौबत न आये, लेकिन अगर फसल पर कोई नुकसान होता है उनके पास एक सुरक्षा कवच होना चाहिए। अब तक 1 लाख 15 हजार करोड़ रूपये किसानों को दिए जा चुके हैं। 888 करोड़ रूपए के प्रमीयम के बदले में किसानों को 7600 करोड़ रूपये भरपाई होना एक ऐतिहासिक अवसर है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंगल क्लिक के माध्यम से राशि किसानों के खाते में ट्रांसफर करने के बाद अपने संबोधन में कहा, “7618 करोड़ रूपए हमने अभी डाले हैं, लेकिन जब फसलें खराब हुई थी तब राहत राशि के रूप में 2876 करोड़ रूपये की सहायता दी गई थी। यानि 10 हजार 494 करोड़ रूपये अभी तक किसानों को फसल बीमा और राहत राशि के रूप में दिए जा चुके हैं।”
मुख्यमंत्री जी ने पिछले 22 महीनों का लेखा-जोखा बताते हुए कहा कि अब तक किसानों के खातों में 1 लाख 64 हजार 737 करोड़ रुपये अलग-अलग समय और योजनाओं के माध्यम से डाले जा चुके हैं।”
कार्यक्रम में कृषि मंत्री कमल पटेल, बैतूल सांसद दुर्गादास उईके, विधायक डॉ.योगेश पंडारकर, भाजपा जिला अध्यक्ष आदित्य शुक्ल बबला, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज जोशी, किसान मोर्चा अध्यक्ष दर्शन मोर्य, एसीएस-अजीत केसरी के अलावा अन्य कई गणमान्य सदस्य उपस्थित थे।
New Dimensions Of Farmer Welfare Of Shivraj Government
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