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New Parliament: नई संसद के बाद पुरानी संसद का क्या होगा, आखिर क्यों पड़ी नई इमारत की जरूरत?

Divya Gautam • LAST UPDATED : May 27, 2023, 3:44 pm IST
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New Parliament: नई संसद के बाद पुरानी संसद का क्या होगा, आखिर क्यों पड़ी नई इमारत की जरूरत?

India News

India News (इंडिया न्यूज़), New Parliament: बस कुछ ही घंटों में देश को नया संसद भवन मिल जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल 28 मई रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। जहां बीजेपी के लिए ये गर्व की बात है। तो दूसरी तरफ विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह में आने सो साफ इंकार कर दिया है। लेकिन सवाल ये है कि आखिर क्यों पड़ी इसको बनाने की जरूरत और क्या होगा अंग्रेजों की बनाई पुरानी बिल्डिंग के साथ? आइए जानते हैं-

कैसे बनी थी संसद?

ये इमारत जिसे आज भारत की संसद कहा जाता है, इसका उद्घाटन वायसराय हाउस के तौर पर 1927 में लॉर्ड इरविन ने किया था। गुलामी के समय भारतीय नागरिकों के खून पसीने की कमाई के 83 लाख रुपये लगाकर इस इमारत को अंग्रेजों ने अपनी ताकत के बल पर तैयार करवाया था।

1947 में दिया गया था भाषण 

आजादी से लेकर अब तक ये इमारत देश के इतिहास का हिस्सा रही है, इस इमारत ने भारत के स्वतंत्रता को देखा- 1947 में आजादी की आधी रात को अंग्रेजों ने इसी जगह सत्ता सौंपी गई थी। यही इमारत आजाद भारत की पहली संसद बनी यहीं पर आजादी का पहला भाषण भी दिया गया।

क्यों छोटी पड़ गई अंग्रेजों की इमारत?

इस इमारत में 95 सालों में काफी टूट फूट हो चुकी है कहा जा सकता है कि आधुनिक वक्त की जरूरतों के हिसाब से पुरानी पड़ चुकी है। यहां सांसदों के बैठने की जगह तक बढ़ाई नहीं जा सकती है ऐसे में नए संसद भवन की जरूरत काफी समय से देखी जा रही थी। इसे लेकर यूपीए सरकार के दौरान लोकसभा स्पीकर रही मीरा कुमार ने 2012 में ही नए भवन की मांग सरकार के सामने रखी थी।

10 दिसंबर 2020 पीएम मोदी ने रखी थी नीव 

उसके बाद एनडीए शासनकाल में लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने 2015 में और वर्तमान लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने 2019 में भी इस मांग को केंद्र सरकार के सामने रखा था, एक साल से भी उपर विचार करने के बाद 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी।

क्या होगा पुरानी संसद की इमारत का?

अब सवाल ये है कि नई संसद के बनने के बाद पुरानी संसद का क्या होगा? अब तक इस बारे में जितनी जानकारी मिल पाई है उसके अनुसार पुरानी संसद नई संसद के पूरक के तौर पर काम करेगी मुताबिक पुरानी संसद नई संसद के पूरक (Supplement) के तौर पर काम करेगी संसदीय काम का कुछ हिस्सा यहां से भी किया जाएगा। इसके साथ ही पुरानी संसद को आधुनिक सुविधाओं से लैस भी किया जाएगा और साथ ही इसके एक हिस्से को म्यूजियम बना कर आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा।

ये भी पढ़ें- New Parliament: नए संसद भवन के विरोध में सीएम नीतीश कुमार ने दिया बयान, कहा- इसकी क्या जरूरत थी

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