संबंधित खबरें
Delhi Railway News: ट्रेन यात्रियों के लिए बड़ी खबर, कोहरे के कारण इतने दिन तक बंद रहेंगी दिल्ली-हरियाणा की 6 ईएमयू ट्रेनें
UP By-Election Results 2024 live: यूपी में 9 सीटों पर उपचुनाव की वोटिंग जारी, नसीम सोलंकी की जीत तय
Bihar Bypolls Result 2024 Live: बिहार की 4 सीटों पर मतगणना शुरू! सुरक्षा पर प्रशासन की कड़ी निगरानी
Maharashtra-Jharkhand Election Result Live: महाराष्ट्र में महायुति तो झारखंड में JMM गठबंधन सरकार बनाने की तरफ अग्रसर, जानें कौन कितने सीट पर आगे
मातम में बदलीं खुशियां, नाचते- नाचते ऐसा क्या हुआ शादी से पहले उठी…
नाइजीरिया में क्यों पीएम मोदी को दी गई 'चाबी'? क्या है इसका महत्व, तस्वीरें हो रही वायरल
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली
आप भी उन लोगों में शामिल हैं जो यह समझते हैं कि शराब न पीने से वो कभी फैटी लीवर के शिकार नहीं हो सकते तो आप गलत हैं। जी हां आजकल तनाव और खान-पान की गलत आदतों की वजह से ज्यादातर लोग फैटी लीवर के शिकार हो रहे हैं। शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में लीवर अहम भूमिका निभाता है। शरीर के लिए प्रोटीन का निर्माण, पाचन के लिए पित्त का उप्तादन करना, पोषक तत्वों को ऊर्जा में बदलने के साथ प्रतिरक्षा कारकों को बनाने और बैक्टीरिया व विषाक्त पदार्थों को खून से निकालकर संक्रमण से लडने में भी लिवर मदद करता है। शरीर का इतना जरूरी अंग होने के बावजूद थोड़ी सी लापरवाही आपको फैटी लीवर का शिकार बना सकती है। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर फैटी लीवर क्या है और इसके होने के पीछे क्या कारण और बचाव के उपाय हैं।
फैटी लिवर का अर्थ है लिवर में अतिरिक्त फैट का जमा होना। जिसके बढ़ने पर यह लिवर फेलियर या लिवर सिरोसिस का कारण भी बन सकता है। फैटी लिवर की समस्या जिन भी लोगों में देखी जाती है, उन्हें अक्सर पेट से जुड़ी कोई ना कोई समस्या परेशान करती रहती है। उदाहरण-कई बार थोड़ा-सा खाने पर भी उन्हें लगता है जैसे उन्होंने ओवर ईटिंग कर ली हो वहीं कई बार अपनी डाइट से बहुत ज्यादा खाने पर भी उन्हें अपने पेट के भरे होने का अहसास नहीं होता है।
डॉक्टर अमरेंद्र झा कंसल्टेंट फिजिशियन इंटेंसिविस्ट के अनुसार नॉन- अल्कोहॉलिक फैटी लिवर उन लोगों को होता है जिनकी फिजिकल एक्टिविटी बेहद कम होती है या फिर उन्हें मेटाबॉलिक सिंड्रोम है। मेटाबॉलिक सिंड्रोम मतलब हाई ब्लड प्रेशर, हाई ब्लड शुगर, थायराइड का स्तर कम और कोलेस्ट्रॉल का स्तर असामान्य होना होता है। अगर इन बातों पर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह लीवर सिरोसिस का कारण भी बन सकता है। ऐसे में 35 साल या उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों को साल में एक बार अल्ट्रासाउंड करवाकर अपने लीवर की जांच करवानी चाहिए।
इस रोग के बारे में इसके नाम से ही पता चल जाता है। यह रोग जरूरत से ज्यादा शराब पीने से या फिर खराब गुणवत्ता वाली शराब पीने से होता है। जो लोग जरूरत से ज्यादा शराब पीते हैं, उनके लिवर में सिकुडन आ जाती है।
उन लोगों को होता है,जो भारी मात्रा में शराब तो नहीं पीते हैं लेकिन उन्हें ये जेनेटिक कारणों से या फिर गलत लाइफस्टाइल के कारण भी हो सकती है। कहा जाता है कि मोटाप और मधुमेह इस जोखिम को बढ़ा सकते हैं। ऐसे में अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर आप इस बीमारी को रोक सकते हैं।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.