इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : अमेरिका के जो बाइडन प्रशासन ने आव्रजन शुल्क में भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया है। इसमें उच्च कुशल विदेशी पेशेवरों में बेहद लोकप्रिय एच-1बी वीजा भी शामिल है।
आपको बता दें,अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (USCIS) की ओर से बुधवार को प्रकाशित नियम के तहत एच-1बी वीजा के लिए आवेदन शुल्क 460 डॉलर से बढ़ाकर 780 डॉलर और एल-1 के लिए 460 डॉलर से बढ़ाकर 1,385 डॉलर करने का प्रस्ताव है। वहीं, ओ-1 वीजा के लिए आवेदन शुल्क 460 डॉलर से बढ़ाकर 1,055 डॉलर करने का प्रस्ताव है।
जानकारी दें, एच-1बी वीजा एक गैर-आव्रजक वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को विशेष प्रकार की नौकरियों जिनमें प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता की जरूरत होती है, के लिए रखने की सुविधा देता है। इसके तहत प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों पेशेवरों की नियुक्ति करती हैं।
आपको बता दें, अमेरिका के गृह विभाग ने अधिसूचना में कहा है कि यूएससीआईएस मुख्य रूप से आवेदकों से जुटाए गए शुल्क से वित्त पोषित होता है। प्रस्तावित नियम के लिए 60 दिन की सार्वजनिक आपत्ति दर्ज करने की अवधि होगी। इसके बाद इसे लागू किए जाने की उम्मीद है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूएससीआईएस की ओर से लगभग 96 फीसदी फंडिंग ऐसी ही फाइलिंग फीस से प्राप्त की जाती है। कोरोना महामारी के चलते अमेरिका की इमिग्रेशन सर्विसेज की कमाई पर असर पड़ा है। अमेरिका में कर्मचारियों की कमी है इसलिए इमिग्रेशन एजेंसी पर पुराने आवेदनों को मंजूर करने का दबाव बढ़ रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एजेंसी ने जानकारी दी कि शुल्क की समीक्षा के बाद यह प्रस्ताव बनाया गया है। इस समीक्षा में पता चला है कि एजेंसी का मौजूदा शुल्क साल 2016 से नहीं बदला गया है।
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