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5G: भारत में अब उठा सकेंगे 5G सेवा का लाभ, जानें 5G सेवा से जुड़ी पूरी जानकारी

BY: Priyanshi Singh • LAST UPDATED : October 1, 2022, 1:26 pm IST
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5G: भारत में अब उठा सकेंगे 5G सेवा का लाभ, जानें  5G सेवा से जुड़ी पूरी जानकारी

5G सेवा का इंतजार लोग बेसब्री से कर रहे थे। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा इस सर्विस को लांच कर दिया गया है। बता दें पहले फेज में 13 शहर अहमदाबाद, बेंगलुरु, चंडीगढ़, चेन्नई, दिल्ली, गांधीनगर, गुरुग्राम, हैदराबाद, जामनगर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई और पुणे में 5G कनेक्टिविटी की शुरुआत होगी। इसके बाद 5जी को देश के हर हिस्से में पहुंचाया जाएगा। ऐसे में आप के मन में इससे जुड़े हजारों सवाल उठ रहे होंगे कि आखिर ये कैसे काम करेगा? , 5G भारत के लिए क्यों जरूरी है? इत्यादि इस लेख के जरिए हमने आपके ऐसे ही तमाम सवालो का जवाब देने की कोशिश की है।

क्या है 5G सेवा

G का मतलब मोबाइल नेटवर्क की जेनरेशन से होता है यानी 5G सर्विस मोबाइल नेटवर्क की 5वीं Generation है, जो वर्तमान में चल रही 4G LTE स्टैण्डर्ड से भी ज्यादा फास्‍ट होगी। इसकी कनेक्टिविटी, स्पीड, वॉइस क्वालिटी, सिक्योरिटी और अन्य फीचर्स पिछले सभी जेनरेशन से काफी बेहतर होगी। इस Network से डाउनलोड और अपलोड की स्पीड 4G से बहुत ज्यादा अधिक होगी। इसकी अधिकतम हाई स्पीड 10 GBPS प्रति सेकंड तक हो सकती है। 5G नेटवर्क रेडियो टेक्नोलॉजी (Radio Techonology) का उपयोग करेगा| पांचवी पीढ़ी की वायरलेस तकनीक अल्ट्रा लो लेटेन्सी (आपके फोन और टावर के बीच सिग्नल की स्पीड) और मल्टी-जीबीपीएस डेटा स्पीड पहुंचाने में सक्षम है| हम 4G नेटवर्क के फ्रीक्वेंसी की तुलना करें तो यह 5G की तुलना में काफी कम होती है|

5G नेटवर्क की स्पीड 

5G को लेकर कहा जा रहा है, कि यह 4G की अपेक्षा काफी फ़ास्ट होने वाला है। हालाँकि 5G के मामले में यह टॉप 10 गीगाबिट्स प्रति सेकंड (जीपीएस) होने वाला है। यह 10 Gigabites प्रति सेकंड यानी 10Gbps की स्पीड के साथ आने वाला है। इसका मतलब है कि 5G वर्तमान 4G तकनीक की तुलना में सौ गुना तेज होने वाला है।

कैसे कार्य करता है 5G नेटवर्क

5G तकनीक में 5G वायरलेस सिंग्नल्स को ट्रांसमिट करने के लिए अलग तरह से टावर खड़े किए जाते हैं। इन टावर्स को बिजली के खंभों या घर के छतों पर स्थापित किया जा सकता है। बता दें 5G में High स्पीड इंटरनेट देता है| तो इसमें सिंग्नल्स केवल शोर्ट डिस्टेंस (Short Distance) में ही ट्रांसमिट हो सकते हैं। कुछ समय पहले जनरेशन की टेक्नोलॉजी में स्पेक्ट्रम की टावर फ्रिकवेंसी बैंड का उपयोग होता था। जो कि कम से कम डिस्टेंस (Distance) कवर कर सकती है लेकिन इसमें Millimetre-Wave ( 5G तकनीक मैं इस्तेमाल होने वाले फ्रीक्वेंसी Range) की तुलना में स्पीड एवं कैपेसिटी कम होती है।

5G नेटवर्क के फायदे

  • अपलोडिंग और डाउनलोड काफी तेज गति से होगी।
  • इसके आने से आप कई device को एक साथ जोड पायगे।
  • मोबाइल टावर दूर हो तब भी इंटरनेट चलाने में आपको कोई परेसानी नी होगी।
  • मोबाइल कि बैटरी कम खपत होगी।
  • आपको तेज़ इंटरनेट स्पीड मिलेगी 4 G से काफी जायदा तेज।
  • इससे आपके काम करने कि स्पीड तेज हो जाएगी,आप बिना किसी रूकावट के कम कर पाएगे।
  • इसकी मदत से आप घर के सिक्यूरिटी सिस्टम को भी अच्छे से चला पायंगे और रियल टाइम में आप देख पायंगे कि घर मेंं क्या चल रहा है।

5G की कमियां

  • 5G तकनीक अन्य मोबाइल तकनीक के मुकाबले अधिक महंगी है।
  • इस तकनीक के लिए अलग से फ़ोन लेने होंगे अर्थात पुराने डिवाइस को 5G के सेलुलर नेटवर्क सपोर्ट नहीं करेंगे।
  • 5G में सुरक्षा और गोपनीयता को लेकर अभी भी कोई हल नहीं निकला है।
  • इस तकनीक में दावा की जाने वाली स्पीड को हैंडसेट द्वारा प्राप्त करना चुनौती भरा हो सकता है।

दुनिया का पहला देश जिसने 5G लांच किया

बता दें दक्षिण कोरिया इस बात का दावा करता है कि उसके देश ने दुनिया का पहला राष्ट्रव्यापी 5G मोबाइल नेटवर्क लॉन्च किया है,हालांकि दक्षिण कोरिया, चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका ऐसे देश हैं जो 5G तकनीक के निर्माण और तैनाती में दुनिया का नेतृत्व करते हैं।

क्या होता है 1G, 2G, 3G, 4G

1G नेटवर्क 
1G का मतलब है मोबाइल नेटवर्क की पहली जनरेशन जिसे ग्राहकों को basic voice सेवाएँ देने के लिए बनाया गया था। इसे विभिन्न analogue technologies के माध्यम से 1980 के दशक में शुरू किया गया।

2G नेटवर्क 
2G का मतलब है मोबाइल नेटवर्क की दूसरी जनरेशन जिसे 1G के स्थान पर replace किया गया। इन नेटवर्कों ने अत्यधिक सुरक्षित वॉयस और टेक्स्ट मैसेजिंग सेवाओं के साथ-साथ सीमित डेटा सेवाओं को सक्षम किया। 2G नेटवर्कों को 1990 के दशक में विभिन्न डिजिटल टेक्नोलॉजी के साथ दुनिया के कई हिस्सों में शुरू किया गया था। इस दौरान voice calling और text messaging वो प्रमुख सेवाएँ थी जिनको 2G ने सक्षम बनाया।

3G नेटवर्क
3G का मतलब है मोबाइल नेटवर्क की तीसरी जनरेशन. यहाँ 3G तकनीक के लिए दो प्रमुख ट्रैक हैं और ये दोनों ही CDMA टेक्नोलॉजी पर आधारित थे। पहला ट्रैक था Universal Mobile Telecommunications Systems (UMTS) और दूसरा CDMA 2000।

4G नेटवर्क 
G का मतलब है मोबाइल नेटवर्क की चौथी जनरेशन. 4G को LTE नामक नई तकनीक के साथ सक्षम बनाया गया जिसका मतलब था मोबाइल नेटवर्क का Long Term Evolution (LTE)।

 

5G का इस्तेमाल क्यों है जरूरी

5G – मोबाइल प्रौद्योगिकियों की पांचवीं और नवीनतम पीढ़ी – में कनेक्टिविटी और अर्थव्यवस्थाओं को उन तरीकों से प्रभावित करने की क्षमता है जो पहले कभी नहीं देखी गईं। वास्तव में, 5G प्रौद्योगिकियां दुनिया की पोस्ट-कोविड -19 रिकवरी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। एक Informa Tech शोध पत्र में प्रकाशित अनुमानों के अनुसार, 5G तकनीक 2035 तक 22.3 मिलियन नौकरियों और 13.2 ट्रिलियन डॉलर के वैश्विक आर्थिक उत्पादन के लिए जिम्मेदार हो सकती है।

5जी से भारत को कैसे होगा फायदा?

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि 5G भारत में नई संभावनाओं को लेकर आएगा, जो देश में उपयोगकर्ताओं को ज्यादा लाभान्वित कर सकता है। वहीं इसके आने से हाई-स्पीड सर्फिंग और बेहतर कनेक्टिविटी के अलावा, नई तकनीक स्वास्थ्य सेवा और मोबाइल बैंकिंग जैसी सेवाओं की पहुंच को तेजी से आगे बढ़ाएगा। इसके साथ ही देश में बेरोजगारी या बेरोजगार लोगों के लिए नए दरवाजे खोलेगा। इतना ही नहीं, 5G के आने के साथ, हम मौजूदा टायर थ्री शहरों को स्मार्ट सिटी में बदलते हुए देख पाएंगे। यह लोगों और व्यवसायों को तेजी से विकसित होने में भी सहायता करेगा।

 

 

 

 

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