रोहित रोहिला, चंडीगढ़। अकसर एक राज्य के अधिकारी दूसरे राज्यों के अधिकारियों से सरकारी कामों को लेकर मीटिंगें करते रहते है। लेकिन दिल्ली में पंजाब के कुछ अधिकारियों की हुई एक मीटिंग सरकार के गले की फांस बनते दिखाई दे रही है। इस मीटिगं को लेकर विपक्ष ने सरकार को अपने निशाने पर ले लिया है और इस मीटिंग को लेकर सवाले उठाने शुरू कर दिए है। विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा यह आरोप लगाया कि इस मीटिंग में सीएम भगवंत मान (PUNJAB CM BHAGWANT MAAN) एवं बिजली मंत्री मौजूद नहीं थे।
ऐसे में विपक्षी दलों द्वारा सवाल उठाए जा रहे है कि सीएम और बिजली मंत्री के बिना यह मीटिंग कैसे बुलाई गई। इसको लेकर ट्वीटर पर विपक्षी दलों द्वारा ट्वीटर वार शुरू कर दी गई है। ट्वीटर (TWITTER) पर विपक्षी दलों ने नेताओं ने अपने ट्वीटर हैंडल के जरिए सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोडी है। कहा जा रहा है कि यह मीटिंग बिजली के मुद्दे को लेकर की गई थी। लेकिन तक आप की ओर से या सरकार की ओर से विपक्ष के इन आरोपों को लेकर कोई जवाब नहीं दिया है।
पंजाब कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग (Punjab Congress President Amarinder Singh Raja Warring) ने ट्वीट करते हुए कहा कि पंजाब के वरिष्ठ अधिकारी क्या अब अरविंद केजरीवाल साहिब के दरबार में हाजरी लगाएंगे। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान जी सिर्फ नाममात्र के मुखिया है,वडिंग ने आगे लिखा कि इसे कहते है रीवोक दिखा कर रीबुक पकडाना।
वडिंग ने कहा कि क्या दिल्ली वालों द्वारा पंजाब की कठपुतली बनाई जाएगी, किस हैसियत से और किस मुद्दे पर यह बैठक हुई। इसके बाद लिखा कि सर तो झुका ही दिया था अब माथा भी टेक दिया है क्या?
इसी मामले को लेकर पूर्व कांग्रेंस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू (Former Congress President Navjot Singh Sidhu) ने अपने शायराना अंदाज में ट्वीट कर आप पर निशाना साधते हुए कहा कि चलने दो आंधियां हकीकत की, न जाने कौन से झोंके से बहरूपियों के मुखौटे उड़ जाएं, पंजाब के आईएएस अधिकारियों को अरविंद केजरीवाल (DELHI CM ARVIND KEJRIWAL) ने भगवंत मान की अनुपस्थिति में तलब किया। यह डिफैक्टो सीएम और दिल्ली रिमोट कंट्रोल को उजागर करता है। यह पंजाबी गौरव का अपमान। दोनों को स्पष्ट करना चाहिए।
पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह (Former CM Capt Amarinder Singh) ने ट्वीट कर कहा कि सबसे बुरा डर था, सबसे बुरा हुआ। कैप्टन ने लिखा कि ऐसा होने की उम्मीद से बहुत पहले अरविंद केजरीवाल ने पंजाब को टेकन ओवर कर लिया। कैप्टन ने आगे लिखा कि भगवंत मान रबर स्टैंप होने को लेकर कयास थे। अब सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में पंजाब अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करके इसे सही साबित कर दिया है।
प्रताप सिंह बाजवा (PRATAP SINGH BAJWA) ने ट्वीट कर कहा कि पंजाब सीएम भगवंत मान को हमें दिल्ली के मुख्यमंत्री के बारे में सूचित करना चाहिए और मंत्री वास्तव में सीएम और पंजाब मंत्रियों की गैर हाजिरी में पंजाब के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। इसलिए यह एक राज्य के रूप में हमारे अधिकारों का भयानक उल्लंघन है। पंजाब के लोगों ने दिल्ली से रिमोट कंट्रोल वाली सरकार को वोट नहीं दिया।
इस मीटिंग को लेकर शिअद भी पीछे नहीं रहा। शिअद नेता डा. दलजीत सिंह चीमा (SAD leader Dr. Daljit Singh Cheema) ने कहा कि हमने दिल्ली के बारे में बहुत कुछ सुना है क्योंकि केंद्र सरकार राज्यों के आंतरिक मामलों में दखल दे रही है लेकिन, यह पहली बार है कि दिल्ली को पंजाब सरकार के आंतरिक मामलों में सीधे तौर पर दखल देने वाली राज्य सरकार के रूप में देख रहे हैं। क्या इसी बदलाव का इंतजार था?
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