India News (इंडिया न्यूज़), Madhya Pradesh, भोपाल: मध्य प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय रु. से बढ़ गई है। 1,03,654 से रु. पिछले तीन वर्षों में 1,40,583। देश के प्रगतिशील राज्यों के साथ-साथ मध्य प्रदेश में भी आज की प्रचलित दरों के अनुसार प्रति व्यक्ति आय में उल्लेखनीय वृद्धि निश्चित रूप से आर्थिक प्रगति का अच्छा संकेत है। केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अद्यतन आंकड़ों में यह खुलासा हुआ है।
मध्य प्रदेश की स्थिर कीमतों (वर्ष 2011-12) के आधार पर प्रति व्यक्ति शुद्ध आय रु. वर्ष 2021-22 में 61,534 (त्वरित) जो बढ़कर रु. वर्ष 2022-23 में (अग्रिम) 65,023, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 5.67 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। प्रचलित कीमतों पर राज्य की प्रति व्यक्ति शुद्ध आय रुपये से बढ़ने का अनुमान है। 2021-22 में 1,21,594 रु. 2022-23 में 1,40,583 (अग्रिम), जो 15.62 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्य प्रदेश प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में अपना सर्वोत्तम योगदान देकर सभी वर्गों के विकास एवं आर्थिक प्रगति की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था के प्रमुख घटकों को कैसे बेहतर बनाया जाये, इस दिशा में मुख्यमंत्री श्री चौहान लगातार तेज गति से कार्य कर रहे हैं। वर्ष 2022-23 के अग्रिम अनुमान के अनुसार राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में वर्ष 2021-22 (त्वरित) की तुलना में प्रचलित मूल्यों पर 16.43 प्रतिशत तथा स्थिर मूल्यों पर 7.06 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। प्राथमिक क्षेत्र में क्रमशः 5.24 प्रतिशत, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र में 5.42 प्रतिशत और 9.99 प्रतिशत की अनुमानित वृद्धि हुई है। एमपी का लक्ष्य 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में 550 बिलियन डॉलर का योगदान देना है।
प्रधानमंत्री के भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प में मध्य प्रदेश ने 550 बिलियन डॉलर के योगदान का लक्ष्य रखा है। राज्य इस लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है. राज्य के बजट का आकार भी वर्ष 2001-02 की तुलना में पन्द्रह गुना बढ़कर रु. वर्ष 2023 में 2,47,715 करोड़। वर्ष 2005 का ऋण-जीएसडीपी अनुपात जो वर्ष 2005 में 395 प्रतिशत था, राज्य द्वारा लगातार राजकोषीय अनुशासन के कारण घटकर 22.6 प्रतिशत हो गया है, जिसका अर्थ है कि ऋण का बोझ बढ़ गया है। निर्णय लेना।
मध्य प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि राज्य में बेहतर वित्तीय प्रबंधन, वित्तीय समावेशन और अर्थव्यवस्था के बुनियादी सिद्धांतों का परिणाम है। इसके साथ ही राज्य में सरकारी बैंकिंग व्यवसाय में निरंतर वृद्धि, प्राथमिकता वाले क्षेत्र में समय पर उचित ऋण, जनधन खातों में आम लोगों की भागीदारी और बचत में वृद्धि, स्वयं सहायता समूहों द्वारा निरंतर योगदान जो आज का रूप ले चुका है। राज्य में ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए जन आंदोलन भी इसके प्रमुख कारकों में से एक है। इसके अलावा खाद्यान्न उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि, लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा तथा औद्योगीकरण के चौतरफा प्रयासों से बढ़ते निवेश ने भी राज्य की प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बिजली क्षेत्र में सरप्लस राज्य बनना।
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