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Platelets Badane Ke Gharelu Upaay देश में डेंगू बुखार लगातार पांव पसार रहा है। जिस तरह कोरोना के मरीज एकाएक बढ़े थे, उसी तरह अब डेंगू का आंकड़ा दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। कोरोना पर तो काबू पा लिया गया, लेकिन अब विभाग के सामने डेंगू को रोकना चुनौती बना है। डेंगू बुखार में शरीर की प्लेटलेट्स काफी तेजी से गिरती हैं।
मच्छरों से फैलने वाले इस संक्रमण में रोगी के जोड़ों में तेज दर्द होता है। बार-बार चक्कर आता है। यह भयंकर बुखार इंसान की मौत का कारण बन सकता है। मरीज को इस गंभीर समस्या से निजात दिलाने के लिए डॉक्टर ग्लूकोज के अलावा एंटी बायोटिक और एसिडिटी के इंजेक्शन लगा देते हैं, जबकि कई घरेलू उपचारों से भी रोगी की प्लेटलेट्स बढ़ाई जा सकती हैं। डेंगू बुखार को हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं।
प्रांभिक स्थिति में रोगी को पैरासीटामॉल देने से आराम मिल सकता है। रोगी को डिस्परीन नहीं देनी चाहिए। रोगी को तरल पदार्थ भरपूर देना चाहिए और ओआरएस का घोल समय-समय पर देना चाहिए।
अगर फिर भी तबीयत ज्यादा बिगड़ती दिख रही हो तो 5 दिन के भीतर रोगी की जांच करवानी चाहिए और चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। आइए जानते हैं इसके लक्षण, बुखार होने से नुकसान, घरेलू उपचार, बचाव आदि के बार में।
शुरूआत में सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मिचली आना, उल्टी, हड्डियों या मांसपेशी में दर्द, चकत्ते जैसे लक्षण होते हैं। अगर सही से इलाज न मिला तो यही सामान्य डेंगू गंभीर बन जाता है। इसमें पेटदर्द, खून की उल्टी, तेज सांस चलना, मसूड़ों से खून जैसी दिक्कत हो सकती है।
एक व्यक्ति के शरीर में सामान्यत: 1.5 लाख से लेकर चार लाख तक प्लेटलेट्स होते हैं। इनकी संख्या 50 हजार के नीचे जाते ही रोगी की जान को खतरा हो सकता है। आप कुछ घरेलू नुस्खों से इन प्लेटलेट्स को रिकवर कर सकते हैं।
पर्याप्त प्लेटलेट्स के बिना, व्यक्ति को रक्तस्राव होने की समस्या होने की काफी संभावना है। रक्तस्राव, डेंगू के कारण पैदा होने वाली मुख्य जटिलता (किसी भी बीमारी से होने वाली सबसे गंभीर समस्याओं में से एक) है।
साधारण (क्लासिकल) डेंगू बुखार की अवधि लगभग 5-7 दिन तक रहती है और रोगी ठीक हो जाता है। अधिकतर मामलों मे रोगियों को साधारण डेंगू बुखार होता है। यदि साधारण (क्लासिकल) डेंगू बुखार के लक्षणों के साथ-साथ, निम्नलिखित लक्षणो में से एक भी लक्षण प्रकट होता है तो डेंगू होने का शक करना चाहिए।
डेंगू बुखार के रोगियों को तैलीय, मिर्च-मसालों से बने पदार्थों को खाने से बचना चाहिए। ज्यादा चाय, कॉफी नहीं पीनी चाहिए।
मच्छरों से खुद को बचाने के कुछ उपाय इस प्रकार हैं
– दिन में पूरी बांह की शर्ट या टी-शर्ट पहनें।
– साथ ही मच्छरों से बचने के लिए क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं।
– रात को सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें, और अगरबत्ती या मच्छर से बचाने वाले स्प्रे का प्रयोग करें।
– अपने आसपास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें और घर में और आसपास खुले में पानी इकट्ठा न होने दें।
अनार भी एक पौष्टिक फल है. इसमें प्रचूर मात्रा में आयरन पाया जाता है। यह हीमोग्लोबिन और प्लेटलेट्स की मात्रा बढ़ाने में काफी मददगार है। अनार का जूस घर पर तैयार करें और मरीज को रोजाना पिलाएं।
रक्त के निर्माण के लिए शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा का होना बहुत जरूरी है। नारियल का पानी शरीर में पानी की कमी को तेजी से पूरा कर सकता है। डेंगू के बुखार में नारियल का पानी पीने से इंसान की प्लेटलेट्स बड़ी तेजी से रिकवर होती हैं।
गिलॉय के पत्तों का जूस या पानी नियमित रूप से पीने से भी डेंगू के बुखार का संकट टलता है। 10 गिलोय के बेल के टुकड़े तोड़कर उसे 2 लीटर पानी में थोड़ा सा अदरकर और दो चुटकी अजवाइन के साथ 5-7 मिनट तक उबालें। इसे गुनगुना कर रोगी को खाली पेट देने से चमत्कारी लाभ मिलता है।
प्लेटलेट्स को बढ़ाने में पपीते के पत्तों का रस एक रामबाण इलाज है। 2009 में मलेशिया में हुए एक शोध में पाया गया कि डेंगू के बुखार में पपीते का पत्ता एक शानदार औषधि है। आपको 10-20 मिली लीटर पपीते का रस दिन में रोजाना पीना चाहिए। साथ पपीता खाने से डेंगू के रोगी को काफी लाभ मिलता है।
जौ यानी व्हीट ग्रास। गेहूं की ताजा घास से बने जूस का सेवन करने से भी रोगी की प्लेटलेट्स को कंट्रोल किया जा सकता है। 150 एमएल घास का जूस पीने से रोगी की हालत में जल्द सुधार आता है।
कीवी में विटामिन-सी, विटामिन-ई और पॉलीफिनॉयल होता है। रोजाना एक कीवी सुबह-शाम खाने से प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से बढ़ना शुरू हो जाती है। इस फल से कॉलेस्ट्रॉल भी कंट्रोल में रहता है।
(Platelets Badane Ke Gharelu Upaay)
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