इंडिया न्यूज, अलवर।
Police Stations Shrink From Seized Vehicles : बहरोड़ क्षेत्र में दुर्घटनाओं, लूट व चोरी सहित अन्य अपराधों में जब्त किए गए वाहनों को पुलिस परिसर में रखना पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया है। जब्त वाहनों की देखरेख के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं होने के कारण अधिकांश वाहन कबाड़ हो चुके है। इसके साथ ही थाने सिकुड़ते जा रहे हैं।
नीलामी की कानूनी प्रक्रिया लंबी होने के कारण पुलिस इन वाहनों का कोई समाधान नहीं निकाल पा रही है। हालात ये है कि जब्त वाहनों को रखने के लिए थाना पुलिस थाने में जगह कम होने के कारण निम्भोर पुलिस चौकी व सरकारी अस्पताल की धर्मशाला परिसर में वाहनों को खड़ा कर रही है। विभिन्न के केसों में जब्त वाहनों की संभाल के लिए पुलिस परेशानी बनी हुई है।
यह समस्या सिर्फ एक थाना पुलिस की नहीं है बल्कि हर थाने की है। केसों का समाधान नहीं होने और नीलामी नहीं होने से जब्त किए वाहन कबाड़ हो गए है। किसी वाहन के टायर गायब है तो किसी की सीट। कई वाहनों के इंजन के पुर्जे तक गायब है। अब स्थिति ऐसी बन गई है कि जब्त वाहन एक दूसरे वाहन के ऊपर रखकर जगह बनाई गई है। पुलिस अपराधियों से जिस प्रकार वाहन इत्यादि जब्त करती है, उन्हें समय-समय पर अदालत में दिखाना पड़ता है। नियम यह है कि वह जिस हालात में जब्त हुआ हो उसी हालात में दिखाना होता है। लेकिन मौजूदा हालात बिलकुल विपरीत है।
कानूनविदों के मुताबिक जब्त वाहन के सामान की देखरेख की जिम्मेदारी भी पुलिस की ही होती है। अगर जब्त वाहन से सामान चोरी होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी थाना स्तर पर मुंशी और एसएचओ की होती है। लेकिन वर्तमान में जब्त किए गए वाहनों का ढेर लगा हुआ है और वाहनों का कबाड़ बना हुआ है।
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