Prime Minister’s Master Stroke
इंडिया न्यूज नई दिल्ली
प्रधानमंत्री ने मास्टर स्ट्रोक से विरोधियों की नींद उड़ा दी है। यही नहीं किसान आंदोलन के तवे पर रोटियां सेक रही राजनीतिक पार्टियों के चुल्हे में मानों पीएम ने पानी ही डाल दिया है। ऐसे में अब किसानों का सहारा लेकर राजनीति चमकाने वालों के मुंह पर भी पीएम के बयान के बाद ताला-सा लग गया है। पीएम के बयान के बाद विपक्षी पार्टियां इसे बेशक किसानों की जीत बता रही हैं। लेकिन असल में राजनीति के खिलाड़ी कहे जाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं जो आने वाले समय में कितना सटीक बैठेंगे। यह तो वक्त ही बताएगा।
घट रहे जनाधार को सुधारने की पीएम की कोशिश(Prime Minister’s Master Stroke)
किसान आंदोलन और महंगाई का असर हाल ही में हुए उपचुनाव में साफ देखने को मिला। इस महीने देश के कई राज्यों में उपचुनाव हुए जिसमें मोदी सरकार को कई जगह निराश होना पड़ा था। साफ जाहिर है कि किसानों और महंगाई के कारण भाजपा का जनाधार गिरता जा रहा था। ऐसे में पीएम मोदी ने किसानों को साधने के लिए उनकी मांग मान ली है। पार्टी उम्मीद जता रही है कि पीएम के इस फैसले से पार्टी मजबूत होगी और आने वाले चुनावों में जीत हासिल करने में कामयाब होगी।
पीएम का बयान बन जाए विपक्षी पार्टियों के गले की फांस(Prime Minister’s Master Stroke)
पीएम मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र में कानून निरस्त करने की बात कही है। ऐसे में साफ जाहिर है कि विपक्षी पार्टियों को भी नरेंद्र मोदी का समर्थन करना होगा। कानून रद्द होते ही भाजपा फिर से सक्रिय हो जाएगी और विपक्षी पार्टियों को घेरने के लिए तैयारी हो जाएगी। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में मोदी सरकार महंगाई पर भी करारा प्रहार कर सकती है। अगर ऐसा हुआ तो विपक्षी पार्टियों के पास भी बोलने के लिए कोई खास मुद्दा नहीं रह जाएगा। ऐसे में साफ जाहिर है कि प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि कानूनों को रद्द करने का फैसला ऐसे समय में लिया है जब पंजाब और उत्तर प्रदेश में अगले साल ही चुनाव होने हैं।
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