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Pulses are Beneficial for Health हर घर में गृहणियों के सामने रोजाना मुश्किल सवाल यह होता है कि खाने में क्या बनाएं। जब समझ नहीं आता है कि खाने में क्या बनाएं तो दाल सबसे आसान, जल्दी, सेहतमंद और स्वादिष्ट आप्शन दिखता है। अधिकतर भारतीय घरों में दाल हर दूसरे दिन बनाई जाती है। बिना छिलके वाली दाल के मुकाबले छिलके वाली दाल को बनाने में ज्यादा समय लगता है।
जहां तक पोषण की बात है, दाल को प्रोटीन से भरपूर होने के कारण जाना जाता है। इसलिए प्रोटीन लेने के लिए दाल डाइट में जरुर शामिल करें। दाल कई प्रकार की हैं और इन सभी दालों के नाम इनकी फोटो के साथ जानना जरुरी है। क्योंकि हर दाल में पोषण अलग होता है जैसे कि मूंग दाल आसानी से पच जाती है, चने की दाल प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होती है वहीं मसूर की दाल से पेट और आंत स्वस्थ रहती है।
मूंग दाल बनाने में सबसे आसान होने के साथ-साथ पोषण से भरपूर भी होती है। बीमार होने पर मूंग दाल की खिचड़ी स्वस्थ होने में मदद कर सकती है। आपको बता दें कि मूंग दाल आसानी से पच जाती है इसलिए जिन लोगों को पेट से जुड़ी परेशानी अकसर रहती है वो लोग मूंग दाल डाइट में शामिल कर सकते हैं।
बाकी सभी दालों के मुकाबले के साबुत लाल दाल को पकने में समय लगता है। लाल दाल दो प्रकार की होती हैं- छिलके वाली और बिना छिलके वाली। छिलके वाली दाल को पकने में समय लगता है और पकने के बाद इनकी आकार बना रहता है। वहीं बिना छिलके वाली लाल दाल जल्दी पक जाती है और पकने से पहले वाला आकार नहीं रहता है इसलिए लाल दाल को अकसर सूप बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
अरहर की दाल भी अधिकतर लोगों को पसंद आती है। बता दें कि 100 ग्राम अरहर दाल में 22 ग्राम प्रोटीन, 15 ग्राम फाइबर, 1.5 ग्राम फैट, 63 ग्राम काबोर्हाइड्रेट आदि पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। अरहर दाल और तुअर दाल एक ही होती हैं।
उड़द दाल पोषण से भरपूर दाल है। यह दाल प्रोटीन, काबोर्हाइड्रेट, फैट, विटामिन बी आदि से भरपूर है जिस कारण इसे डाइट में शामिल करना जरुरी हो जाता है। उड़द दाल के फायदे गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते हैं। उड़द दाले के फायदे स्वस्छ डाइजेशन, एनर्जी बढ़ाने में, सेहतमंद त्वचा आदि के लिए भी जाने जाते हैं। उड़द दाल को कई डिश बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है और साउथ इंडियन डिश में खासतौर पर इस्तेमाल किया जाता है जैसे कि डोसा, वडा आदि।
अधिकतर लोगों की पसंद चने की दाल होती है। चने की दाल अकेले तो बनाई जा सकती है इसी के साथ इसको बाकी चीजों के साथ मिलाकर भी बना सकते हैं जैसे कि घीया-दाल आदि। चने की दाल को बारीक पीसकर बेसन बनाया जाता है।
आपको छोले कैसे पसंद हैं। छोले- चावल, छोले, कुलछे, छोले- भटूरे। छोले चाहें किसी भी रूप में हो। अच्छे ही लगते हैं। स्वादिष्ट तड़के के साथ बनाए गए छोलों का जवाब नहीं है। छोले के फायदे लेने के लिए इनका सेवन सही मात्रा में ही करें।
काले चने में प्याज, टमाटर, नींबू का रस काटकर खाने से बचपन के दिनों की याद आ जाती है। नवरात्र में अधिकतर सभी के घरों में पूजा करने के लिए काले चने बनाए जाते हैं। बता दें कि काले चने आप डाइट में भी शामिल कर सकते हैं और फायदे ले सकते हैं।
राजमा का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। राजमा का स्वाद चावल के साथ तो और भी बढ़ जाता है। राजमा ऐसी चीज है जिसे कोई भी मना नहीं कर सकता है। सही मात्रा में राजमा खाने से राजमा के फायदे कई सारे मिल सकते हैं। राजमा को खासतौर पर स्वस्थ डाइजेशन के लिए जाना जाता है। पेट की परेशानी से गुजर रहे लोगों को राजमा अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए।
कहा जाता है कि पृथ्वी पर मौजूद दालों में से कुलथी दाल में सबसे ज्यादा मात्रा में पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। इसके साथ ही कुलथी दाल में भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। इसलिए इसे प्रोटीन लेने का सबसे अच्छा आधार भी कहा जाता है। कलथी से कुलथी दाल, सूप, पराठे आदि डिश बना सकते हैं।
रसीली हरी मटर किसी भी डिश को स्वादिष्ट बना सकती हैं। सर्दियों के मौसम में हरी मटर के फायदे अच्छे से लेने चाहिए। हरी मटर के फायदे एंटीआॅक्सीडेंट से भरपूर, वेट लॉस में मदद, सामान्य ब्लड शुगर लेवल, स्वस्थ इम्युनिटी आदि करने में मदद करते हैं। हरी मटर का इस्तेमाल कई डिश में किया जाता है।
हरी मटर सिर्फ अपने मौसम में आती हैं। जब हरी मटर नहीं हैं तो सफेद मटर का इस्तेमाल किया जा सकता है। मटर पनीर बनाने के लिए भी सफेद मटर का इस्तेमाल किया जा सकता है। हरी मटर के मुकाबले इनको लंबे समय के लिए स्टोर किया जा सकता है।
100 ग्राम सोयाबीन में 63 पानी, 16.6 ग्राम प्रोटीन, 6 ग्राम फाइबर आदि के साथ कई पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा सोयाबीन के फायदे मजबूत हड्डियां, स्वस्थ डाइजेशन, वेट लॉस, सामान्य कोलेस्ट्रॉल आदि के लिए भी जाना जाता है। साबूदाना से पकौड़े, कोफ्ते, चावल, कबाब आदि डिश बना सकते हैं।
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