इंडिया न्यूज़ (नई दिल्ली, Debate Between Punjab and Central goverment on Stubble Burning): खेती में पराली जलाने को लेकर केंद्र सरकार, पंजाब सरकार और हरियाणा सरकार के बीच बयानबाजी जारी है।
सबसे पहले, आज पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक वीडियो सन्देश जारी किया। उन्होंने कहा “हमने केंद्र को सिफारिशें दीं लेकिन उन्होंने उन पर ध्यान नहीं दिया। सिर्फ दिल्ली और पंजाब को लेकर ही सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं? हरियाणा और राजस्थान के कई शहर भी खराब AQI की रिपोर्ट कर रहे हैं, केंद्र इन राज्यों पर सवाल क्यों नहीं उठा रहा है?”
We gave recommendations to Centre but they didn't pay heed to them. Why are questions being raised only about Delhi & Punjab? Several cities of Haryana and Rajasthan are also reporting poor AQI, why isn't the Centre raising questions on these states?: Punjab CM on stubble burning pic.twitter.com/iHoIdzlRTq
— ANI (@ANI) November 2, 2022
भगवंत मान के वीडियो को शेयर करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने लिखा की “प्रदूषण से राजनीति मत करो। प्रदूषण केवल दिल्ली और पंजाब में नहीं है, पूरे उत्तर भारत में है। किसान को गालियाँ मत दो। उस पर FIR मत करो। पंजाब और दिल्ली के लोग अपने स्तर पर सभी कदम उठा रहे हैं। केंद्र को आगे आकर सभी राज्य सरकारों के साथ मिलकर समाधान निकालना होगा।”
इसका जवाब केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने दिया उन्होंने कहा “आज की स्थिति में, पंजाब, आप सरकार द्वारा संचालित राज्य, में 2021 में 19% से अधिक परली जलाने की घटना में वृद्धि देखी गई है। हरियाणा में 30.6% की गिरावट देखी गई है। आज ही के दिन पंजाब में 3,634 घटनाएं हुई ह। दिल्ली को गैस चैंबर किसने बना दिया है, इस पर कोई शक नहीं है।”
Sample this: As of today, Punjab, a state run by the AAP government, has seen an over 19% rise in farm fires over 2021. Haryana has seen a 30.6% drop.
Just today, Punjab saw 3,634 fires.
There is no doubt over who has turned Delhi into a gas chamber.
Wondering how? Read on… pic.twitter.com/Nh8fYN9gnf
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) November 2, 2022
उन्होंने आगे कहा ‘घोटाला वहीं है जहां ‘आप’ है। पिछले 5 सालों में केंद्र सरकार ने पंजाब को फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों के लिए 1,347 करोड़ रुपये दिए। राज्य ने 1,20,000 मशीनें खरीदीं। इनमें से 11,275 मशीनें गायब हो गई हैं। धन का उपयोग स्पष्ट अक्षमता को दर्शाता है।”
“पिछले साल 212 करोड़ रुपये खर्च नहीं किए गए थे। इस साल केंद्र सरकार ने फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों के लिए पंजाब को 280 करोड़ रुपये दिए। तो लगभग 492 करोड़ रुपये उपलब्ध थे लेकिन राज्य सरकार ने असहाय किसानों को फसल अवशेष जलाने के लिए मजबूर करके, पैसे दबा कर बैठी रही” भूपेंद्र यादव ने कहा
भूपेंद्र यादव ने कहा कि “पंजाब के मुख्यमंत्री अपने ही क्षेत्र संगरूर में किसानों को राहत देने में भी नाकाम रहे हैं। पिछले साल (15 सितंबर-2 नवंबर) संगरूर में खेत परली जलाने की 1,266 घटना हुई थी। इस साल वे 139% बढ़कर 3,025 हो गए हैं।”
वही हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि “पंजाब के सीएम हर चीज में राजनीति ढूंढ़ने की कोशिश करते हैं… #हरियाणा में पराली जलाने की घटना 25% कम होकर 2,249 मामले हो गए। पंजाब में 21,500 मामलों के साथ 20% की वृद्धि देखी गई है… हम किसानों को पराली न जलाने के लिए 1000 रुपये प्रति एकड़ देते हैं, उपकरण पर 50% सब्सिडी देते हैं
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