इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Punjab Election 2022: आज पंजाब में मतदान चल रहा है। लेकिन पंजाब की राजनीति खालिस्तान और आतंकवाद को लेकर पहले से ही अपने चर्चाओं में है। इसी बात का फायदा उठाते हुए बीजेपी, कांग्रेस, अकाली दल जैसी पार्टियां (Delhi Chief Minister) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पांच साल पहले गुरिंदर सिंह नामक शख्स के घर पर ठहरने के लिए उन्हें आतंकियों का समर्थक करार दे रही है। उन्होंने केजरीवाल से पंजाब की अमन शांति को खतरा बताया है। तो आइए जानते हैं कि कौन हैं गुरिंदर सिंह। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल का गुरिंदर से क्या नाता है। (Arvind Kejriwal Gurinder Singh Connection)
कौन हैं गुरिंदर सिंह? (Punjab Election 2022)
पंजाब के मोगा का रहने वाला है गुरिंदर सिंह। मोगा स्थित गुरिंदर के पैतृक गांव घाल कलां में उसका एक घर है, जिसे वह लीज पर देता है। 2017 में गुरिंदर सिंह इंग्लैंड चले गए थे और वहां की नागरिकता ले ली थी। अब वह अपना अधिकतर समय वहीं बिताते हैं। 1997 में मोगा के एक मंदिर में हुए बम ब्लास्टर में गुरिंदर का नाम आया था। (Gurinder Singh, Terrorist) कहते हैं कि गुरिंदर पर खालिस्तानी कमांडो फोर्स का सदस्य होने का आरोप भी लगा था। गुरिंदर पर हत्याओं और आर्म्स एक्ट के भी कई केस दर्ज हुए थे। बताते हैं कि कोर्ट ने गुरिंदर को धमाकों समेत सभी आरोपों से बरी कर दिया था।
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गुरिंदर और केजरीवाल का क्या है कनेक्शन? (Punjab Election 2022)
- 2017 पंजाब विधानसभा चुनावों के दौरान आम आदमी पार्टी ने पंजाब की राजनीति में डेब्यू किया था। उस समय आप के प्रचार के लिए केजरीवाल ने पूरे राज्य में भ्रमण करते हुए जोरदार प्रचार किया था। इस दौरान केजरीवाल आप समर्थकों के घर पर रुके थे।
- चुनावों से पहले 29 जनवरी 2017 को केजरीवाल गुरिंदर सिंह के घर पर रुके थे। हालांकि जब केजरीवाल गुरिंदर सिंह के घर पर रुके थे, तो वह वहां मौजूद नहीं था। केजरीवाल के गुरिंदर सिंह के घर पर रुकने के दो दिन बाद बठिंडा जिले के मौर मंडी में दो बम धमाके हुए थे, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई थी।
- Congress Benefited From Punjab Election 2017 Controversy: 2017 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी मोगा सीट 2 हजार से भी कम वोट के अंतर से हार गई थी। इन चुनावों में पंजाब की 117 सीटों में से कांग्रेस ने 77 सीटें जीतते हुए प्रचंड बहुमत हासिल किया था, तो आम आदमी पार्टी केवल 20 सीटें ही जीत पाई थी। कुल मिलाकर कांग्रेस को फायदा हुआ था और आप को नुकसान।
- शुरूआती जांच में पुलिस ने इन धमाकों के पीछे खालिस्तानियों का हाथ होने का आरोप लगाया था। तब कांग्रेस और अकाली दल ने इन बम धमाकों का कनेक्शन केजरीवाल के गुरिंदर सिंह के घर जाने से जोड़ते हुए दिल्ली के सीएम पर हमला बोला था।
- अब 2022 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, अकाली दल, बीजेपी समेत पंजाब की सभी विपक्षी पार्टियां पांच साल पहले केजरीवाल की गुरिंदर सिंह के घर की उसी यात्रा को लेकर उन पर और आप पर आतंकियों का समर्थक होने का आरोप लगा रही हैं।
”गुरिंदर” मामले में ”आप” का क्या है कहना?
- इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि ” मैं दुनिया का सबसे स्वीट आतंकवादी हुं, जो स्कूल और अपस्पताल बनवाता है, विपक्षी पार्टियां सांठगांठ कर मेरे खिलाफ कर रही हैं साजिश”।
- 2017 में गुरिंदर सिंह के घर पर रुकने को लेकर हुए विवाद पर तब पंजाब मामलों के आप के प्रमुख संजय सिंह ने कहा था कि केजरीवाल की गुरिंदर सिंह के घर जाने और वहां रुकने के लिए पूरे प्रोटोकॉल का पालन किया गया था। गुरिंदर के घर जाने और रुकने की जानकारी पंजाब पुलिस को पहले ही दी गई थी।
क्यों उठता है पंजाब चुनावों से पहले खालिस्तान का मुद्दा?
- 1980 के दशक में पंजाब को भारत से अलग करके खालिस्तान बनाने की मांग के साथ एक अलगाववादी आंदोलन ने जोड़ पकड़ा। खालिस्तान की मांग को लेकर 1980 और 1990 के दशक में पंजाब में बहुत हिंसा हुई, इसमें हजारों सिख और हिंदू मारे गए।
- पंजाब लगभग एक दशक तक आतंकवाद से झुलसता रहा है। जानकारों का कहना है कि चुनावों से ठीक पहले राजनीतिक दल खालिस्तान, 1984 दंगे जैसे मुद्दे उछालकर वोट हासिल करने की कोशिश करते हैं। धार्मिक कट्टरपंथियों को अपनी ओर करने के लिए हर चुनाव से पहले खालिस्तान का मुद्दा उछाला जाता है। लेकिन अब खालिस्तान का समर्थन करने वाले लोगों की संख्या काफी कम हो चुकी है।
Punjab Election 2022
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