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India News (इंडिया न्यूज़), Randeep Hooda Wins Lawsuit Against False Allegations of Illegal Construction: संयुक्त राष्ट्र और भारत सरकार दोनों से मान्यता प्राप्त भारतीय अभिनेता और वन्यजीव संरक्षणवादी रणदीप हुड्डा (Randeep Hooda) को जबलपुर में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय से राहत मिली है। न्यायालय ने कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में उनकी भूमि पर अवैध निर्माण के आरोपों की संयुक्त स्पॉट निरीक्षण जांच के उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। इसके अलावा, रणदीप हुड्डा की कानूनी टीम ने झूठे और अपमानजनक दावों को लेकर एसडीएम के खिलाफ 80 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस जारी किया है।
जानकारी के अनुसार, अपनी फिल्म स्वातंत्र्य वीर सावरकर की सफलता के बाद अभिनेता-निर्देशक और वन्यजीव संरक्षणकर्ता हुड्डा ने मध्य प्रदेश में कान्हा नेशनल पार्क से सटी जमीन में निवेश करके जंगल के पास संपत्ति खरीदने का अपना सपना साकार किया। हालांकि, इसके तुरंत बाद राजस्व अधिकारियों ने हुड्डा को उनकी संपत्ति पर कथित निर्माण हटाने का निर्देश दिया। रणदीप हुड्डा ने संयुक्त स्पॉट निरीक्षण के लिए याचिका दायर करके जवाब दिया, जिसमें कहा गया कि कोई निर्माण नहीं हुआ है।
मध्य प्रदेश न्यायालय ने रणदीप हुड्डा को राहत प्रदान करते हुए एक संयुक्त निरीक्षण का आदेश दिया, जिसमें वो या उनके प्रतिनिधि भाग लेकर यह प्रदर्शित कर सकते हैं कि उनकी भूमि पर कोई निर्माण नहीं है। हालांकि, न्यायालय ने कारण बताओ नोटिस पर तुरंत जवाब नहीं दिया, लेकिन उसने अधिकारियों को पिछली रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, जो उनके इनपुट के बिना तैयार की गई थी।
रणदीप हुड्डा के वकील विनीत ढांडा और सिद्धार्थ शर्मा ने हुड्डा, जो एक सम्मानित नागरिक और भावुक प्रकृति प्रेमी हैं, उनके खिलाफ झूठे आरोपों पर अपनी निराशा व्यक्त की, जो उनका मानना है कि उनके सेलिब्रिटी स्टेटस से प्रेरित हैं। उन्होंने बताया कि कारण बताओ नोटिस जारी करने के लिए इस्तेमाल की गई जांच रिपोर्ट प्रदान नहीं की गई थी।
उन्होंने सत्य स्थापित करने के लिए उचित अवसर प्रदान करने तथा पहले से रोकी गई रिपोर्ट को जारी करने का आदेश देने के लिए न्यायालय के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्हें आशा है कि आगामी संयुक्त स्थल निरीक्षण से यह पुष्टि हो जाएगी कि हुड्डा की संपत्ति पर कोई निर्माण नहीं हुआ है।
ढांडा ने आगे टिप्पणी की कि न्यायालय द्वारा पुनः निरीक्षण अनिवार्य करने तथा नए परिणामों के बाद चिंताओं को संबोधित करने की अनुमति देने का निर्णय एक महत्वपूर्ण जीत है। उन्हें उम्मीद है कि नई रिपोर्ट से पता चलेगा कि हुड्डा की भूमि पर कोई निर्माण नहीं हुआ है, जिसके बाद वो अपने मुवक्किल पर गलत आरोप लगाने वालों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा आगे बढ़ाएंगे।
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