Russian jet collides with US drone: काला सागर के ऊपर एक रूसी लड़ाकू विमान, अमेरिकी ड्रोन से टकराया गया है। इसके बाद अमेरिका ने ड्रोन को समुद्र में क्रैश करवा दिया। अमरिकी वायु सेना के ब्रिगेडियर जनरल पैट राइडर ने घटना को लेकर पेंटागन में प्रेस को संबोधित किया और पूरे मामले की जानकारी दी।
The United States military was forced to essentially crash its MQ-9 Reaper surveillance drone because of the damage caused when it was struck by a Russian jet, the Pentagon said https://t.co/r462MdgDxi pic.twitter.com/PuHhKTctEe
— Reuters (@Reuters) March 14, 2023
इससे पहले अमेरिका के यूरोप कमांड ने बयान जारी कर कहा कि रूसी विमानों में से एक ने MQ-9 के प्रोपेलर को टक्कार मारा। टक्कर से पहले कई बार, Su-27s ने हवा में ईधन भरा और MQ-9 के सामने एक लापरवाह, पर्यावरण की दृष्टि से अस्वस्थ और अव्यवसायिक तरीके से उड़ान भरी। यह घटना असुरक्षित और अव्यवसायिक होने के अलावा क्षमता की कमी को प्रदर्शित करती है।
मध्य यूरोपीय समय के अनुसार घटना सुबह 7:03 बजे हुई। भारतीय समय अनुसार सुबह 11:33 बजे। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के संचार समन्वयक जॉन किर्बी के अनुसार, राष्ट्रपति जो बिडेन को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने मंगलवार सुबह इस घटना की जानकारी दी। किर्बी ने कहा कि रूसी विमानों के लिए काला सागर के ऊपर अमेरिकी विमानों को रोकना असामान्य नहीं था और हाल के हफ्तों में कई बार इस तरह के अवरोध देखने को मिले है।
रॉयटर्स ने अमेरिकी विदेश विभाग का हवाला देते हुए बताया कि रूस ब्लैक सी ड्रोन घटना पर अमेरिका ने अपने सहयोगियों और साझेदारों को जानकारी दी है। रूस में अमेरिकी राजदूत ने रूसी विदेश मंत्रालय को एक कड़ा संदेश दिया है।
Russia's defence ministry has released a statement on the incident in the Black sea.
The statement says that the US MQ-9 drone flew over the black sea in the direction of the Russian border with transponders turned off
The statement adds that the US https://t.co/bi5MBChKzI… pic.twitter.com/jXWbW5mAJe
— Faytuks News (@Faytuks) March 14, 2023
विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि रूस के एसयू-27 लड़ाकू विमान द्वारा काला सागर के ऊपर एक अमेरिकी सैन्य ड्रोन को टक्कर मारे जाने के बाद अमेरिका ने वाशिंगटन में रूस के राजदूत को समन किया है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसके लड़ाकू जेट उस अमेरिकी ड्रोन के संपर्क में नहीं आए जो काला सागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, इसके बजाय यह दावा किया गया कि ड्रोन ‘तेज पैंतरेबाज़ी‘ के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
अमेरिका, रुस-युक्रेन युद्ध की शुरुआत के पहले से ही काला सागर के ऊपर रीपर ड्रोन उड़ाता रहा है। इससे क्षेत्र की निगरानी और जासूसी की जाती है। वायु सेना के अनुसार, रीपर ड्रोन 50,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकते हैं।
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