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India News (इंडिया न्यूज़), Sanatana Controversy: DMK नेताओं द्वारा सनतन पर लगातार विवादित टिप्पणी के बाद देश में राजनीति तेज हो गई है। बीजेपी के अलावा अब कांग्रेस के नेता भी इस मामले में DMK नेताओं के नसीहत दे रहे है। उधर बीजेपी विवाद को लेकर विपक्षी गठबंधन और कांग्रेस पर सनातन धर्म के विरोध का आरोप लगा रही है।
इस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ दिग्विजय सिंह ने DMK नेताओं को सोच समझ के बोलने की नसीयत दी। उन्होंने कहा कि ‘सनातन धर्म’ अनादिकाल से चला हुआ है। इससे पहले भी ‘सनातन धर्म’ में सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आंदोलन होते रहे हैं। आर्य समाज क्या था? यह उन्हीं कुरीतियों के खिलाफ एक आवाज़ थी। किसी भी धर्म पर टिप्पणी करने से पहले किसी को भी सोचना चाहिए।
इस मामले में बीजेपी के सभी नेता एक सूर में बोलते हुए विपक्षी गठबंधन पर हमलावार है। इसी क्रम में इस मामले में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि “मैं आज ईश्वर से कामना करता हूं कि इन घमंडिया गठबंधन(INDIA) के नेताओं का घमंड थोड़ा कम कर दे। इनकी सोच में थोड़ा सुधार कर दे और इन्हें सद्बुद्धि दे, क्योंकि इनका घमंड इन्हें नीचले स्तर के बयान देने पर मजबूर करता है कि वे हिंदुओं और सनातन का अपमान करते हैं…राहुल गांधी की नफरत की दुकान में उनके नेता नफरती सामान बेच रहे हैं।”
तमिलाडू सीएम के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने कुछ पहले सनातन उन्मूलन सम्मेलन में हुए कहा था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें ही खत्म किया जाना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे खत्म करना होगा।
वहीं उदयनिधि स्टालिन के बयान का समर्थन करते हुए कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा था कि “कोई भी धर्म जो समानता को बढ़ावा नहीं देता है या यह सुनिश्चित नहीं करता है कि आपको इंसान होने का सम्मान मिले, वह मेरे अनुसार धर्म नहीं है।
वहीं उदयनिधि स्टलिन के बयान का बचाव करते हुए गुरुवार को डीएम के नेता ए. राजा इसे एक कादम आगे बढ़कर कहा कि उन्होंने तो सनातन के खिलाफ फिर भी नरमी दिखाई है, सनातन की तुलना तो एचआईवी एड्स और कुष्ठ जैसी बीमारियों से होनी चाहिए।
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