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Science News: जलवायु परिवर्तन और कार्बन उत्सर्जन पर नासा ने जारी की तीन वीडियो

BY: Mudit Goswami • LAST UPDATED : June 21, 2023, 12:33 pm IST
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Science News: जलवायु परिवर्तन और कार्बन उत्सर्जन पर नासा ने जारी की तीन वीडियो

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India News(इंडिया न्यूज़), Science News: नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने पृथ्वी की कल्पना पर आधारीत लगातार वीडियो जारी करता रहता है। ऐसी ही एक वीडियों नासा ने एक बार फिर जारी की है, जिसमें बताया गया है कि मानव के द्वारा चल रही गतिविधियों से  कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) गैस हमारे वायुमंडल में कैसे घुल (concentration) रही है।

नासा ने इसको लेकर वीडियो जारी करते हुए समझया कि कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) वैश्विक जलवायु परिवर्तन को चलाने वाली सबसे प्रचलित ग्रीनहाउस गैस है। हालाँकि, वातावरण में इसकी वृद्धि भूमि और महासागर कार्बन सिंक के अलावा मानव गतिविधियों से वायुमंडलीय में ज्यादा मात्रा में घुल रही है।

वीडियो में क्या दिखाया गया

इस वीडियो को नासा ने  ग्लोबल मॉडलिंग एंड एसिमिलेशन ऑफिस में बने कंप्यूटर मॉडलिंग तकनीक की मदद से दिखाया हैं। ये तकनीक CO2 के स्रोतों और सिंक के प्रभावों को अलग करने के साथ इसे बहतर तरीके से समझाती है। इसमें दिखाया है कि कार्बन कहां से आ रहा है और कहां जा रहा है। गौरतलब है कि वीडियोज में नासा ने  पृथ्वी के अलग-अलग महादीपों के बारे में विज़ुअलाइज़ेशन दिखाया हैं। इसमें क्रमः उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका, यूरोप, मध्य पूर्व और अफ्रीका और एशिया और ऑस्ट्रेलिया शामिल है।

तीन अलग-अलग वीडियो शेयर किए

नासा के अनुसार वीडियों में यह विज़ुअलाइज़ेशन दिखाता है कि साल 2021 के दौरान CO2 को पृथ्वी के वायुमंडल में जोड़ा जा रहा है, जो CO2 देने वाली चार प्रमुख स्त्रोतों में विभाजित की गई है। इसमें नारंगी रंग में जीवाश्म ईंधन, लाल रंग में बायोमास जलाना, हरे रंग में भूमि पारिस्थितिक तंत्र और नीले रंग में महासागर से निकले वाली CO2 है। विज़ुअलाइज़ेशन के सतह पर डॉट्स यह भी दिखाते हैं कि हरे रंग में भूमि पारिस्थितिक तंत्र (land ecosystem) और नीले रंग में समुद्र के द्वारा वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड को कैसे अवशोषित (absorbed) किया जा रहा है।

बता दें कि ग्रीनहाउस गैसों ने पृथ्वी के तापमान को संरक्षित रखा है जिससे कि मनुष्य और लाखों अन्य प्रजातियां सौर ताप को रोक कर वहां रहने में सक्षम हो गई हैं। पृथ्वी पर सबसे महत्वपूर्ण ग्रीनहाउस गैस कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) है, जो गर्मी को पकड़ती और विकीर्ण करती है। लेकिन इस गैस की अधिकता होने से मानव अस्तित्व काफी हानिकारक  हो जाता है।

 

क्लाइमेट जीओवी के अनुसार  “कार्बन डाइऑक्साइड के बिना, पृथ्वी का प्राकृतिक ग्रीनहाउस प्रभाव औसत वैश्विक सतह के तापमान को ठंड से ऊपर रखने के लिए बहुत कमजोर होगा। वातावरण में अधिक कार्बन डाइऑक्साइड जोड़कर, लोग प्राकृतिक ग्रीनहाउस प्रभाव को सुपरचार्ज कर रहे हैं, जिससे वैश्विक तापमान बढ़ रहा है।”

 

वहीं पृथ्वी में भूमी और महासागरीय कार्बन सिंक के बिना वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) की बहुत तेजी से  बढ़ रही है, जो मिलकर हर साल लगभग आधे मानव उत्सर्जन को अवशोषित (absorbed) करते हैं।

ये भी पढ़ें- Science News: जीवन की खोज में बड़ी छलांग, नासा ने एन्सेलेडस पर खोजी फॉस्फेट, तत्व पौधों का करता है विकास 

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