Live Update

Science News: अब मंगल को पृथ्वी बनते नहीं लगेगी देर, इन तरीकों से जगी आशाएं

India News (इंडिया न्यूज), Science News: पूराने समय से ही मंगल ग्रह एक मिथक की तरह मानव प्रेरणा और आकर्षण का केंद्र रहा है। यह अंतरिक्ष यात्रियों के लिए शोध का एक दिलचस्प विषय और जीवन की खोज के लिए एक उम्मीदवार रहा है। साल 1960 के दशक से मंगल ग्रह अंतरिक्ष अभियानों के लिए चर्चा में रहा है। लेकिन अब पहली बार नासा ने वाणिज्यिक मंगल मिशनों पर निजी क्षेत्र से प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं।

मालूम हो कि इन मिशनों में विभिन्न पेलोड को लाल ग्रह पर ले जाने और संचार सेवाएं प्रदान करने की बात की गई है। हालांकि अब तक वहां अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की कोई बात नहीं हुई है। लेकिन क्या वाकई लोग मंगल ग्रह पर जाना चाहते हैं?

50 मिशन मंगल ग्रह में भेजे गए

बता दें कि साल 1960 के बाद से मंगल ग्रह पर लगभग 50 मिशन भेजे गए हैं।  जिनमें से 31 सफल रहे हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि इन मिशनों से मंगल ग्रह के बारे में प्रचुर जानकारी मिली है। इसके द्वारा वायुमंडल, कक्षा और भूविज्ञान के अलावा, इसकी सतह पर दरवाजे और चेहरे जैसी अद्भुत छवियां भी सामने आई हैं।

हालांकि वैज्ञानिक इन सभी छवियों को केवल चट्टानें ही बता रहे हैं, लेकिन इस ग्रह के बारे में आम लोगों की बढ़ती दिलचस्पी से पता चलता है कि यह हमारी कल्पनाओं में कितना व्याप्त है। अंतरग्रहीय अंतरिक्ष मिशन की लागत लगभग एक अरब अमेरिकी डॉलर होती है। यानी पिछले कुछ सालों में दुनिया की तमाम अंतरिक्ष एजेंसियां मंगल ग्रह पर करीब 50 अरब अमेरिकी डॉलर खर्च कर चुकी हैं।

2020 में एलोन मस्क ने अंतरिक्ष मिशन में किया परिवर्तन

वहीं साल 2020 के दशक में अंतरिक्ष अन्वेषण को समृद्ध बनाने वाली प्रौद्योगिकियां व्यावसायिक दुनिया में तेजी से विकसित हो रही हैं। इसका एक उदाहरण एलोन मस्क का अंतरिक्ष है जबकि नासा इन अंतरिक्ष परियोजनाओं के प्रति अपने दृष्टिकोण में रूढ़िवादी रहा है, स्पेसएक्स तेजी से कई बदलाव करता है और अपनी विफलताओं से जल्दी सीखता है। स्पेसएक्स अकेला नहीं है। विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में, अंतरिक्ष तक पहुंच के वाणिज्यिक प्रदाताओं का उद्योग फलफूल रहा है।

20 साल में बदली कई चीजें

ऐसा नहीं है कि नासा अपने प्रोजेक्ट बंद कर रहा है. यह सिर्फ वाणिज्यिक प्रदाताओं को जोड़ने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। 20 साल पहले की तुलना में जिस तरह से चीजें बदल गई हैं। उसे देखते हुए यह कदम अपरिहार्य भी लग रहा था। महंगे अंतरिक्ष अभियानों को सस्ता और अधिक कुशल बनाने के लिए भी ऐसी पहल आवश्यक थी। इससे वाणिज्यिक क्षेत्र की कंपनियों को भी प्रोत्साहन मिला है, जो अंतरिक्ष अभियानों को पूरा करने के लिए लगातार नवप्रवर्तन कर रही हैं। हालाँकि, ये बहुत शुरुआती दिन हैं और व्यावसायिक दृष्टिकोण को खुद को साबित करने की जरूरत है।

 

Also Read:

Mudit Goswami

मुदित गोस्वामी, प्रयागराज से ताल्लुक रखते हैं. Delhi university से पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त कर Paigam.Network जैसी संगठन के साथ बतौर रिसर्चर और कॉन्टेक्ट राइटर काम कर चुके हैं. पत्रकारिता जगत में 3 से अधिक सालों के अनुभव के साथ इंडिया न्यूज़ में पॉलिटिक्स और धर्म से जुड़ी खबरें/स्टोरी लिखना पसंद करते हैं.

Recent Posts

महाकुंभ में श्रद्धालुओं को दी जाएगी आरटीआई के उपयोग की जानकारी,डिजिटल माध्यमों से भी होंगे परिचित

India News (इंडिया न्यूज),Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ छेड़ी…

1 minute ago

रास्ता भटक गई वंदे भारत एक्सप्रेस,जाना था कहीं और पहुंच गई कहीं और…मामला जान पीट लेंगे माथा

India News (इंडिया न्यूज),Vande Bharat Express: मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल (सीएसएमटी) से मडगांव…

17 minutes ago

‘आक्रमणकारियों को सबक सिखाना जरूरी…’, RSS चीफ मोहन भागवत के बयान पर बोले बाबा रामदेव

India News (इंडिया न्यूज),Mohan Bhagwat Statement: योग गुरु बाबा रामदेव ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत…

18 minutes ago

CG News: छत्तीसगढ़ में बलरामपुर स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही, वार्ड बॉय के भरोसे मरीजों का इलाज

India News (इंडिया न्यूज),CG News: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पंडरी में स्वास्थ्य…

27 minutes ago