संबंधित खबरें
UP By-Election Results 2024 live: यूपी में 9 सीटों पर उपचुनाव की वोटिंग जारी, नसीम सोलंकी की जीत तय
Bihar Bypolls Result 2024 Live: बिहार की 4 सीटों पर मतगणना शुरू! सुरक्षा पर प्रशासन की कड़ी निगरानी
Maharashtra-Jharkhand Election Result Live: महाराष्ट्र में महायुति तो झारखंड में JMM गठबंधन सरकार बनाने की तरफ अग्रसर, जानें कौन कितने सीट पर आगे
मातम में बदलीं खुशियां, नाचते- नाचते ऐसा क्या हुआ शादी से पहले उठी…
नाइजीरिया में क्यों पीएम मोदी को दी गई 'चाबी'? क्या है इसका महत्व, तस्वीरें हो रही वायरल
Stray Dogs: बिलासपुर में आंवारा कुत्तों का आतंक, लॉ छात्रा पर किया हमला
पंजाब कांग्रेस प्रधान ने प्रेस वार्ता के दौरान बादल पित-पुत्र पर साधा निशाना
इंडिया न्यूज, चंडीगढ़:
पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिद्धू ने बुधवार को चंडीगढ़ में प्रेस कांफ्रेंस की और कृषि कानूनों के लिए सीधे तौर पर अकाली दल को जिम्मेदार ठहराया। सिद्धू ने कहा कि जिस समय कृषि कानून बनाए गए थे, उस समय अकाली दल एनडीए का हिस्सा था। नवजोत सिंह सिद्धू ने केंद्र सरकार द्वारा फसल खरीद के लिए फर्द को अनिवार्य किए जाने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार ऐसे नियम थोपकर एक देश-दो बाजार का सिस्टम लागू कर रही है।
Also Read CM Amarinder: किसानों से की अपील को राजनीतिक रंगत देना दुर्भाग्यपूर्ण
अपने ट्वीटर हैंडल से मंगलवार को सिद्धू (Sidhu:) ने दो ट्वीट किए और यह मुद्दा उठाते हुए लिखा कि खरीद से पहले एफएआरडी की अनिवार्य मांग के संबंध में केंद्र सरकार के आदेश पंजाब के सामाजिक आर्थिक ताने-बाने के खिलाफ हैं … जानबूझकर एक राष्ट्र, दो बाजार बनाना क्योंकि ये आदेश केवल एपीएमसी मंडियों के लिए मान्य हैं जहां खरीद एमएसपी पर होती है न कि निजी मंडियों के लिए।
Read More CM Amarinder: के बयान के बाद हरियाणा-पंजाब में सियासी उफान
इससे पहले सिद्धू ने ट्वीट किया कि पंजाब की एक तिहाई भूमि पर पट्टे पर खेती की जाती है, जिनमें से कई मौखिक अनुबंध हैं, सांझा मुश्तरखा खाता के कारण – हमारे राज्य के कई हिस्सों में कोई स्पष्ट भूमि स्वामित्व रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है, कई भूमि मालिक विदेशों में रह रहे हैं और बहुत सारे भूमि रिकॉर्ड कानूनी विवादों के अधीन हैं।
सिद्धू ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार का मंसूबा पंजाब के एपीएमसी सिस्टम को बर्बाद करना है। उन्होंने केंद्र के नेशनल सैंपल सर्वे 2012-13 का हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि देश में 24 फीसदी खेती ठेके पर होती है। यह ठेके अलिखित और मुंह-जुबानी हैं, इनका कोई लिखित रिकॉर्ड नहीं होता। सिद्धू ने आरोप लगाया कि केंद्र के उक्त फैसले के कारण पंजाब के 25-30 फीसदी किसानों को पैसा नहीं मिल सका है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार निजी मंडियों को बढ़ावा देने के लिए यह कानून लाई है। किसान अडानी-अंबानी को फसल बेचें तो फर्द जरूरी नहीं, लेकिन सरकारी मंडी में फसल बेचने पर सारे कागजात जरूरी क्यों किए गए हैं
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.