Stress Disease
इंडिया न्यूज़,नई दिल्ली
Stress Disease जब आपके सामने कोई सवाल आता है तो आप सोचते ही होंगे की यह कितना सही है। अगर आप इस बात का हल नहीं निकल पाते तो आपके दिमाग में गलत विचार चलना लाजमी है। इससे आपके दिमाग में नकारात्मक विचार भी आ सकते हैं। जो आपके दिमाग के लिए बहुत हानिकारक सिद्ध होतें हैं।
लेकिन अगर आप अपनी इस सोच को एडजस्ट करना नहीं सीख लेते तो आप अनावश्यक चिंता और बेचैनी की समस्याएं से उलझे रहते हैं।बैचेनी और टेंसन के और भी करने के बारे में जानते हैं :-
लोगों की सोच पर शक करना(Stress Disease)
आप यह तो मानते ही होंगे की आप लोगों की बातों के बारे में गलत सोचते हैं। जरूरत से ज्यादा बेचैन, चिंतित और उत्सुक लोग अक्सर यह सोचते हैं कि जो लोग उनके आस पास हैं वो उन्हें नापसंद करते हैं, उन्हें प्रतिभाशाली नहीं मानते। इस तरह की सोच से आप अपने आप को बचाएं।


Stress Disease
फीडबैक है असफलता का संकेत(Stress Disease)
बेचैन लोग फीडबैक को बेहद गंभीरता में ले लेते हैं। निगेटिव फीडबैक को वो अपनी असफलता का संकेत ही मानते हैं। आप यह जानने की कोशिश करें कि खुलकर आलोचना सुनने और जानने का कोन सा ऐसा कौन-सा दूसरा तरीका है,
जो आपको आसान लगता है। जब आप फीडबैक से परेशान और असहज हो जाएं तो यह कहें कि ‘ये अच्छे बिंदु थे, आपको छोटी छोटी बातों को लेकर प्रेसन नहीं होना चाहिए।
Also Read : Realme Narzo 50A लॉन्च, जानिए कीमत और ख़ास फीचर्स
Connect With Us : Twitter | Facebook | Youtube