(इंडिया न्यूज़, The historic decision of Mulayam Singh Yadav, due to which the dead bodies of all the martyr jawans are sent to their homes): उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव इस दुनिया को अलविदा कह गए है। बीते सोमवार को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में मुलायम सिंह यादव ने अंतिम सांस ली। 82 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। बता दें कि मुलायम सिंह यादव को यूरिन संक्रमण, ब्लड प्रेशर की समस्या और सांस लेने में तकलीफ के चलते कुछ दिन पहले मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बीते कई दिनों से उनकी तबीयत लगातार नाजुक बनी रही।
आज हम आपको मुलायम सिंह यादव का सबसे ऐतिहासिक फैसला के बारे में बताने जा रहे है। मुलायम सिंह 1 जून 1996 से 19 मार्च 1998 तक देश के रक्षा मंत्री रहे थे। इस दौरान उन्होंने जो फैसला किया, उसका फायदा आज हर शहीद जवान के परिवार को होता है।
दरअसल देश की आजादी के बाद से कई सालों तक जब कोई जवान बॉर्डर पर शहीद होता था, तो उसका पार्थिव शरीर घर नहीं पहुंचता था बल्कि उसकी टोपी को उसके घर पहुंचाया जाता था। लेकिन मुलायम सिंह ने अपने फैसले से इस रीति को बदला और उन्होंने ये कानून बनाया कि अगर कोई जवान शहीद होता है तो उसका पार्थिव शरीर राजकीय सम्मान के साथ उसके घर पर पहुंचाया जाए। इसके अलावा मुलायम के रक्षा मंत्री रहते ही भारत ने सुखोई-30 लड़ाकू विमान का सौदा किया था।
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