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Third Wave Of Corona : देश में कोरोना वैक्सीनेशन का आंकड़ा 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुका है। इस उपलब्धि पर दुनियाभर से भारत को बधाइयों का तांता लगा हुआ है। यह उपलब्धि ऐसे समय में हासिल हुई है, जब भारत के ऊपर कोविड-19 की तीसरी लहर का खतरा बना हुआ है। विशेषज्ञ लगातार इसे लेकर आगाह कर रहे हैं। ऐसे में अब सवाल है कि क्या वैक्सीनेशन का 100 करोड़ का आंकड़ा पार करने के बाद भी भारत में कोरोना महामारी की तीसरी लहर का खतरा बरकरार है?
दिल्ली एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने 1 अरब टीकाकरण को बड़ी उपलब्धि करार दिया और वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में उठने वाली कई बातों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि टीकों के निर्माण से लेकर इसे लोगों को देने तक कई तरह की चुनौतियां पेश आईं, लेकिन इन सबसे पार पाते हुए भारत ने आखिरकार यह उपलब्धि हासिल की। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में आम नागरिकों से लेकर सरकार का पूरा सपोर्ट रहा, खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी निगरानी की। (Third Wave Of Corona)
भारत ने इतिहास रचते हुए 9 महीनों में 100 करोड़ वैक्सीनेशन का आंकड़ा पार किया है। डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बड़ी संख्या में टीकाकरण को महामारी से लोगों की सुरक्षा के लिए अहम करार देते हुए कहा कि इससे संक्रमण की चेन तोड़ने, लोगों के गंभीर रूप से बीमार होने से बचाने और मौतों के आंकड़ों को रोकने में मदद मिलेगी। कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका को लेकर उन्होंने कहा कि अगर टीकाकरण इसी रफ्तार से जारी रहा तो महामारी की तीसरी लहर को रोकने या उसकी तीव्रता कम करने में मदद मिलेगी। (Third Wave Of Corona)
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों की प्राथमिकता लोगों को महामारी से बचाने की है। ऐसे में अगर लोगों का सपोर्ट मिलता है तो इससे उत्साहवर्धन होता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह उपलब्धि सभी लोगों की भागीदारी से ही संभव हो सकी है। कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से मान्यता मिलने में देरी को लेकर उन्होंने कहा कि वैश्विक संगठन की अपनी प्रक्रिया होती है, जिसके तहत किसी वैक्सीन को मान्यता दी जाती है। लेकिन जहां तक इसके प्रभावी होने की बात है तो वैज्ञानिक शोधों में इसे महामारी से लड़ने में प्रभावी पाया गया है।
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