Uddhav Thackeray | 2024 Election Will Be Difficult | BJP Has Prepare Role
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उद्धव ठाकरे के लिए मुश्किल होगा 2024 का चुनाव, भाजपा ने तैयार की पूरी भूमिका!

Umesh Kumar Sharma • LAST UPDATED : July 11, 2022, 10:53 pm IST
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उद्धव ठाकरे के लिए मुश्किल होगा 2024 का चुनाव, भाजपा ने तैयार की पूरी भूमिका!

उद्धव ठाकरे के लिए मुश्किल होगा 2024 का चुनाव, भाजपा ने तैयार की पूरी भूमिका!

इंडिया न्यूज, मुंबई (Uddhav Thackeray): महाराष्ट्र में सियासी उथल-पुथल के बाद भाजपा ने 2024 के आम चुनाव में उद्धव ठाकरे के सियासी वजूद को ढहाने की पूरी तैयारी कर ली है। वहीं उद्धव ठाकरे सत्ता गंवाने के बाद किसी तरह पार्टी बचाने की कोशिश में लगे हुए हैं। पार्टी पर उनकी पकड़ किस तरह कमजोर हो रहा है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनके सांसद एनडीए उम्मीदवार को समर्थन करने पर अड़े हुए हैं।

शिवसेना के 40 विधायकों के भाजपा से हाथ मिलाने का दावा

गौरतलब है कि शिवसेना के 40 विधायकों के भाजपा से हाथ मिलाने के बाद दावा किया जा रहा है। इस मामले मे सांसद से लेकर स्थानीय स्तर के नेता तक शिंदे गुट के साथ आ जाएंगे। वहीं पार्टी सिंबल को लेकर उद्धव गुट का चुनाव आयोग तक पहुंचना यह दिखाता है कि उद्धव के लिए अस्तित्व की लड़ाई बन चुका है।

सांसदों के भी पाला बदलने के आसार

विधायकों की बगावत के बाद यह चर्चा है कि कई सांसद भी पाला बदलने वाले हैं। उद्धव ठाकरे ने मातोश्री में सांसदों की बैठक बुलाई थी, जिसमें केवल 12 सांसद पहुंचे और 7 सांसद अनुपस्थित रहे। वहीं कुछ सांसदों ने उद्धव ठाकरे को शिंदे से सुलह करने की भी सलाह दे दी है। जो सांसद भाजपा के साथ जा सकते हैं उनमें एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकंत शिंदे और भावना गवली जैसे नाम हैं।

द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करने पर अड़े सांसद

वहीं शिवसेना के सांसद इस बात पर अड़े हैं कि उद्धव ठाकरे एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करने का फैसला लें। दूसरी ओर अघाड़ी गठबंधन में कांग्रेस व एनसीपी के साथ होने की वजह से उद्धव ठाकरे पर यशवंत सिन्हा का समर्थन करने का दबाव है। इस ऊहापोह में भी सांसदों के टूटने की आशंका है। अगर सांसद भी उद्धव का साथ छोड़ देते हैं तो ऐसी स्थिति में उनके लिए 2024 का चुनाव मुश्किल हो जाएगा।

मराठा वोट पर पकड़ बनाने का दांव

महाराष्ट्र में कुल 84 रिजर्व लोकसभा सीटें हैं। वहीं महाराष्ट्र में 33 प्रतिशत मराठा कम्युनिटी है। ये दोनों ही वोट भाजपा के लिए अहम हैं। ऐसे में महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने 2024 की तैयारी कर ली है। इसका असर लोकसभा चुनाव पर अवश्य पड़ेगा। शिंदे को सीएम बनाकर भाजपा ने एनसीपी के शरद पवार की भी काट निकाली है, जो महाराष्ट्र की राजनीति का बड़ा चेहरा हैं।

स्थानीय स्तर पर मजबूत होगी भाजपा

एकनाथ शिंदे ने दावा किया था कि बहुत सारे शिवसेना के पार्षदों और स्थानीय निकाय, ग्राम पंचायतों के नेताओं में भी असंतोष हैं और वे उद्धव का साथ छोड़ना चाहते हैं। अगर ऐसा होता है तो उद्धव ठाकरे की पकड़ जमीनी स्तर पर भी खत्म हो जाएगी और इसका सीधा लाभ भाजपा को 2024 के चुनाव में मिलेगा।

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