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India News (इंडिया न्यूज़), Nikita Sareen, UP News: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राम मंदिर आंदोलन के अगुवाई कर रहे कल्याण सिंह की दूसरी पुण्यतिथि पर उन्हें याद करने के बहाने बीजेपी ने मिशन 2024 की तैयारी शुरू कर दी है। अलीगढ़ के नुमाइश मैदान पर पुण्यतिथि पर पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कल्याण सिंह उन्हें राम मंदिर आंदोलन का नायक बताया और कहा कि उन्होंने राम भक्तों पर गोली चलवाने की बजाए मुख्यमंत्री पद छोड़ना उचित समझा था। शाह ने उन्हें पिछड़ों का बड़ा नेता बताते हुए ओबीसी को भी साधने की कोशिश की।
पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का निधन 21 अगस्त, 2021 को हो गया था पिछड़ी लोध जाति से ताल्लुक रखने वाले कल्याण सिंह दो बार यूपी के मुख्यमंत्री थे। अयोध्या आंदोलन के वक्त यूपी के मुख्यमंत्री थे। अब बीजेपी कल्याण सिंह की पुण्यतिथि को हिंदू गौरव दिवस के तौर पर मना रही है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुण्यतिथि पर राम मंदिर आंदोलन में दिए गए उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए अपनी गद्दी छोड़ दी थी।
पीएम मोदी से जोड़ा कल्याण को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने यूपी को 2024 के लोकसभा चुनाव में 80 में से 80 सीटें जोड़ने का टारगेट भी दिया। उन्होंने कल्याण सिंह को सीधे प्रधानमंत्री मोदी से भी जोड़ा और कहा कि उनके सपनों को पूरा करने के लिए मोदी ही अधूरे काम पूरा कर रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से पिछड़ों के लिए किए गए काम भी याद दिलाए। शाह ने कहा कि पिछड़ी जाति आयोग को संवैधानिक दर्जा देकर पिछड़ी जातियों को सशक्त बनाने का काम पीएम मोदी ने किया। वहीं राम मंदिर के निर्माण का रास्ता भी मोदी सरकार में साफ हुआ। जनवरी में राम मंदिर में दर्शन की शुरुआत होने वाली है।
शाह ने याद दिलाया कि पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह पिछड़े समाज के कल्याण के लिए चिंतित रहते थे। इसके बहाने उन्होंने पिछड़ों की बड़ी लोध आबादी को भी लुभाने की कोशिश की। दरअसल यूपी में कल्याण सिंह की लोध बिरादरी की आबादी करीब 8 प्रतिशत है। वेस्ट यूपी से लेकर बुंदेलखंड तक ओबीसी की लोध बिरादरी राजनीति में अपना खासा असर रखती है। अब बीजेपी कल्याण सिंह के बहाने इस बिरादरी को साधना चाहती है। 2019 के लोकसभा चुनाव में में बीजेपी 14 सीटें हार गई थी, इनमें सात सीटें मुरादाबाद, नगीना, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा, संभल और सहारनपुर वेस्ट यूपी की ही थीं। रामपुर सीट भले ही उपचुनाव में जीत ली गई, पर अभी भी छह सीटें बीजेपी के पास नहीं हैं। अब इन सीटों को साधने की कोशिश की जा रही है।
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