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नेचुरोपैथ कौशल
●●●चकोतरा●●●
Use of Grapefruit in Various Diseases : चकोतरा संतरे की प्रजाति का फल है। यह सभी रसदार फलों में सबसे बड़े आकार का फल है। चकोतरे में संतरे की अपेक्षा सिट्रिक अम्ल अधिक तथा शर्करा कम होती है।
इसका छिलका पीला तथा अंदर का भाग लाल रंग का होता है।
इसमें नींबू और संतरे के सभी गुण मिलते हैं।
चकोतरा शीतल प्रकृति का होता है तथा इसका स्वाद खट्टा और मीठा होता है।
यह प्यास को रोकता है तथा भूख बढ़ाता है।
इसके सेवन से चेहरे का रंग साफ़ होता है।
(1)- चकोतरे के पत्तों का दस बीस मिली रस प्रतिदिन सुबह शाम सेवन करने से उँगलियों का कांपना ठीक हो जाता है।
(2)- चकोतरे के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से शरीर की थकावट दूर होती है।
(3)- मलेरिया में चकोतरे का रस पीने से लाभ होता है क्यूंकि इसके रस में कुनैन होता है।
(4)- चकोतरे के रस में पानी मिलकर पीने से बुखार में लाभ होता है तथा अधिक प्यास लगना बंद हो जाता है।
(5)- चकोतरे के सेवन से जुकाम से भी बचा जा सकता है।
Use of Grapefruit in Various Diseases
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