फिल्म निर्देशक के रूप में इशरत आर खान की पहली फीचर फिल्म गुठली लड्डू को प्रतिष्ठित 27वें कोलकाता अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार मिला है। यह किसी भी फिल्म समारोह में जाने वाली पहली बुंदेली भाषा की फिल्म है।
उन्हें इस बात पर गर्व है कि उनके निर्देशन में बनी पहली फिल्म ने एक अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीता है। इशरत आर खान कहते हैं, “यह मेरी पहली फिल्म है और मुझे खुशी है कि गुठली लड्डू ने इस साल भारतीय भाषाओं में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए हीरालाल सेन मेमोरियल अवार्ड जीतकर केआईएफएफ में जगह बनाई है।”
आपको बता दें कि इशरत ने अपनी पारी की शुरूआत अनीस बज्मी जैसे प्रसिद्ध निर्देशक के सहायक के रूप में की, जिनके साथ उन्होंने एक सहायक निर्देशक से एसोसिएट डायरेक्टर तक का सफर तय किया। जिन फिल्मों में उन्होंने अनीस बज्मी को असिस्ट किया, उनमें वेलकम बैक, थैंक यू, नो प्रॉब्लम, वेलकम, सैंडविच, नो एंट्री और दीवानगी शामिल हैं। बाद में उन्होंने ड्रीम गर्ल के लिए राज शांडिल्य, इश्केरिया के लिए प्रेरणा वाधवन और लाहौरिए के लिए अंबरदीप सिंह के साथ काम किया।
आज के युग में ग्रामीण भारत में शिक्षा की स्थिति और जातपात के बारे में इस तरह के कठिन विषय को लेकर फिल्म बनाना उस डायरेक्टर के लिए काफी अस्वाभाविक होता है, जब वह प्रमुख रूप से कॉमेडी फिल्मों से जुड़ा रहा है।
आम तौर पर कोई व्यक्ति कुछ ऐसा करना पसंद करता है जिसमें उसे महारत हासिल हो, लेकिन इशरत ने न केवल अलग होना चुना बल्कि एक ऐसे विषय में काम करना भी पसंद किया जो मुख्यधारा की भाषा हिंदी नहीं थी। इशरत कहते हैं, हम अपनी फिल्म को कान्स और एनवाईआईएफएफ, टोरंटो, लंदन सहित दुनिया भर के अन्य प्रमुख फिल्म समारोहों में ले जा रहे हैं।
बॉलीवुड में 20 से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ, इशरत खान को इस दौर के सबसे कुशल फिल्म मेकर्स में से एक माना जाता है। फिल्म की डिटेलिंग पर उनका ध्यान, प्री प्रोडक्शन पर गहराई से कार्य और उनका स्पष्ट दृष्टिकोण उन्हें अलग करता है, जिसे गुठली लड्डू में देखा जा सकता है।
एक साधारण कहानी के साथ, फिल्म में कई लेयर्स हैं। यह एक गरीब स्वीपर के बेटे गुठली के बारे में है, जिसका सपना है स्कूल जाना। लेकिन सबसे बड़ी बाधा उसकी जाति है। एक हेड मास्टर उसके प्रति सहानुभूति रखता है लेकिन जातिगत भेदभाव के खिलाफ वह कमजोर पड़ जाता है।
जब वे एक बेनाम रिश्ता विकसित करते हैं, तो गुठली के सपने पूरे होने की आशा नजर आती है। यह एक छोटे लड़के की कहानी है, जो एक निचली जाति के सफाईकर्मी का बेटा है, और वह स्कूल जाना चाहता है।
फिल्म को रियलिस्टिक रूप से पेश किया गया है, ताकि दर्शकों को उत्तर भारत के गांव की देहाती वास्तविकता का अहसास कराया जा सके। फिल्म उच्च जाति के किसी भी व्यक्ति को नकारात्मक रूप से चित्रित करने की कोशिश नहीं करती है, यह विरोध करने का प्रयास नहीं है, बल्कि लोगों को इस तथ्य के बारे में सोचने के लिए मजबूर करने वाला सिनेमा है कि स्कूल की शिक्षा कुछ बच्चों को प्रदान करना आसान होता है लेकिन कुछ योग्य बच्चों के लिए यह एक अधूरा सपना रह सकता है क्योंकि वे नीची जाति के हैं।
यूवी फिल्म्स के बैनर तले प्रदीप रंगवानी द्वारा निर्मित, गुठली लड्डू में बेहतरीन कलाकार नजर आने वाले हैं जिसमें संजय मिश्रा, सुब्रत दत्ता, कल्याणी मुले और धनय सेठ शामिल हैं। यूवी फिल्म्स ऐसी फिल्में बनाने का इरादा रखती है जो मनोरंजन के माध्यम से बाधाओं को तोड़कर समाज में बदलाव लाए।
निर्माता प्रदीप रंगवानी ने आज के समय में शिक्षा की स्थिति को सामने लाने के लिए सभी बिजनस पहलुओं को अलग रखते हुए इस विषय को चुना और फिल्म समारोहों में कई पुरस्कारों को पाकर गुठली लड्डू ने अपना हक प्राप्त किया है। फिल्म को अनिल अक्की ने कैमरे में कैद किया है और इसकी एडिटिंग स्टीवन एच. बर्नार्ड ने की है। अमर मोहिले ने फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर दिया है।
Untold Story Of Manmohan Singh: पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की जोड़ी ने भारतीय…
Manmohan Singh Antim Darshan Update: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पूर्ण राजकीय सम्मान से होगा…
Former PM Manmohan Singh: 26 से मनमोहन सिंह का वो गहरा नाता
Story of Late Manmohan Singh Ji: आखिर क्यों मनमोहन सिंह को कहा गया एक्सीडेंटल प्राइम…
India News (इंडिया न्यूज),UP Weather : UP में अगले 2 दिन मौसम का मिजाज बिगड़ने…
India News (इंडिया न्यूज),UP News: पिलखुवा(हापुड़) में एलिवेटेड फ्लाईओवर के नीचे हाईवे-09 पर तेज रफ्तार…