आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
Vrish Rashifal 16 May 2022 Taurus horoscope Today : हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय एवं काल की सटीक गणना की जाती है। पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास एवं पक्ष आदि की जानकारी देते हैं। आइए जानते हैं आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय।
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हिन्दू काल गणना के अनुसार ‘चन्द्र रेखांक’ को ‘सूर्य रेखांक’ से 12 अंश ऊपर जाने के लिए जो समय लगता है, वह तिथि कहलाती है। एक माह में तीस तिथियां होती हैं और ये तिथियां दो पक्षों में विभाजित होती हैं। शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या कहलाती है। तिथि के नाम – प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, अमावस्या/पूर्णिमा।
नक्षत्र: आकाश मंडल में एक तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है। इसमें 27 नक्षत्र होते हैं और नौ ग्रहों को इन नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। 27 नक्षत्रों के नाम- अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र।
वार: वार का आशय दिन से है। एक सप्ताह में सात वार होते हैं। ये सात वार ग्रहों के नाम से रखे गए हैं – सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार।
योग: नक्षत्र की भांति योग भी 27 प्रकार के होते हैं। सूर्य-चंद्र की विशेष दूरियों की स्थितियों को योग कहा जाता है। दूरियों के आधार पर बनने वाले 27 योगों के नाम – विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र और वैधृति।
करण: एक तिथि में दो करण होते हैं। एक तिथि के पूर्वार्ध में और एक तिथि के उत्तरार्ध में। ऐसे कुल 11 करण होते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं – बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न। विष्टि करण को भद्रा कहते हैं और भद्रा में शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं।
वृष Taurus
(जिनका नाम ब, व, उ, ए से शुरू होता है)
पॉजिटिव- बीती हुई नकारात्मक बातों पर ध्यान न दें। कुछ समय से चल रहे आपसी गिले-शिकवे दूर होने से संबंधों में नजदीकियां आएंगी। किसी भी महत्वपूर्ण मुद्दे में असमंजस की स्थिति में प्रिय मित्र के साथ सलाह मशवरा अवश्य करें। कुछ समय बच्चों के साथ भी जरूर व्यतीत करें।
नेगेटिव- सभी गतिविधियों पर ध्यान देना जरूरी है। लापरवाही के कारण आपके कुछ महत्वपूर्ण काम अधूरे रह सकते हैं। इस समय आलस को अपने ऊपर हावी ना होने दें। अपनी योजनाओं और गतिविधियों को किसी के समक्ष भी जाहिर ना करें।
व्यवसाय- कारोबारी मामलों में सतर्क रहने की जरूरत है। हालांकि समय उपलब्धियों वाला है। सिर्फ इसको बेहतरीन तरीके से इस्तेमाल करना आना चाहिए। पेपर्स तथा फाइलों को सुव्यवस्थित और कंप्लीट रखें। क्योंकि कोई इंक्वायरी वगैरह हो सकती हैं।
लव- वैवाहिक संबंधों को खुशनुमा रखने के लिए छोटी-मोटी नकारात्मक बातों को नजरअंदाज रखें। प्रेम संबंध में भावुकता पूर्ण रहेंगे।
स्वास्थ्य- वायरल बुखार और सिरदर्द जैसी स्थिति रह सकती है। समय भरपूर आराम भी लेना जरूरी है।
भाग्यशाली रंग- लाल, भाग्यशाली अंक- 6
Vrish Rashifal 16 May 2022 Taurus horoscope Today
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