India News (इंडिया न्यूज़), Weather Today Rain: मॉनसून अपने तय समय से छह दिन पहले यानी 2 जुलाई को पूरे देश में छा गया है। देश के ज्यादातर राज्यों में जमकर बारिश हो रही है उत्तर-पूर्वी हिस्से में तो स्थिति और भी ख़राब है। मणिपुर और असम में बारिश से बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। मणिपुर में स्कूल और कॉलेज गुरुवार तक बंद कर दिए गए हैं। वहीं, नागालैंड में पिछले कुछ दिनों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में करीब पांच लोगों की मौत हो चुकी है।
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आईएमडी ने 5 जुलाई तक पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, पश्चिम मध्य प्रदेश राज्यों में अलग-अलग भारी वर्षा की भविष्यवाणी की है; 5 जुलाई को पश्चिमी राजस्थान; 3 जुलाई/4 जुलाई को पूर्वी मध्य प्रदेश और 2 जुलाई/3 जुलाई को छत्तीसगढ़। आईएमडी ने अगले कुछ दिनों में हिमाचल प्रदेश में, 3 जुलाई को उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में और अगले तीन दिनों के दौरान राजस्थान में भारी बारिश की संभावना का जिक्र किया।
रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में आज अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश की आशंका है। इसके अलावा बिहार में 5 जुलाई तक भीषण बारिश का अलर्ट है; और 4 और 5 जुलाई को झारखंड और पश्चिम बंगाल में।“4 जुलाई और 5 जुलाई को अरुणाचल प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना है; और 2 जुलाई को असम और मेघालय, ”मौसम कार्यालय ने कहा।
मौसम कार्यालय का अनुमान है कि गुजरात और गोवा में 5 जुलाई तक बारिश होगी, महाराष्ट्र में 4 जुलाई को बारिश होगी; केरल में 3 जुलाई को और कर्नाटक में 5 जुलाई तक। साथ ही, इसने कहा कि गुजरात जिले में 3 जुलाई और 5 जुलाई को ऐसी मौसम की स्थिति देखी जाएगी। मौसम कार्यालय ने यह भी कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून अगले दो दिनों के दौरान हरियाणा, राजस्थान और पंजाब के शेष हिस्सों में आगे बढ़ेगा।
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देवों की नगरी कहे जाने वाले उत्तराखंड की पहचान पहाड़ों से भी बनी हुई और इन पहाड़ों पर आसमानी आपदाएं अपना कहर बरपा चुकी है 16-17 जून 2013 को केदारनाथ आपदा में हजारों लोगों की जान गई थी। 4700 तीर्थ यात्रियों के शव बरामद हुए जबकि पांच हजार से अधिक लापता हो गए थे। और इस विकराल प्रलय का रूप जिसने भी देखा और सुना उसकी रूह तक कांप गई थी और इस प्रलय का असर सिर्फ केदारनाथ में नहीं बल्कि उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों में भी देखने को मिला था आपदा की वजह से मैदानी क्षेत्रों में नदी का स्तर काफी हद तक बढ़ गया था। ये नजारा देखकर जिम्मेदार अधिकारियों के हाथ पैर तक फूल चुके थे।
इतना ही नहीं पिछले वर्ष भी उत्तराखंड के काशीपुर की ढेला नदी का जल स्तर कितना बढ़ गया था कि ढेला नदी में कई आशियाने तिनके की तरह बह गए थे। और इसी वजह से मौसम विभाग की चेतावनी जिम्मेदार विभाग के अधिकारी गंभीरता से लेते हुए दिखाई देते हैं। जनपद उधम सिंह नगर के काशीपुर में प्रशासन ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली है बाढ़ चौकियों और राहत केंद्र बनाकर कर्मचारियों को तैनात कर दिया गया है।
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