Aaya Ram Gaya Ram: कहां से आया “आया राम गया राम”, कहानी ऐसे विधायक की जिसने एक ही दिन में बदली 3 बार पार्टियां

India News (इंडिया न्यूज़), Aaya Ram Gaya Ram: 2024 के चुनाव सिर पर हैं और सियासी सरगर्मी सिर चढ़कर बोल रही है। सियासत में दलबदल शब्द कभी पुराना नहीं होता, यह शब्द हमेशा सुर्खियों में रहता है। इसी तरह 2024 के चुनाव में भी दलबदल शब्द सुर्खियों में है। इसके दो कारण हैं, पहला यह भाजपा का टिकट वितरण और दूसरा है कांग्रेस का मेनिफेस्टो। ADR के अनुसार, भाजपा ने 28% टिकट दलबलू नेताओं को दे दिया है, तो वहीं कांग्रेस ने ये वादा किया है कि आगर उनकी सरकार आई तो दलबदलुओ को लेकर सख़्त कानून बनाएगी।

2014 से लेकर अबतक, करीब 1200 संसद-विधायक स्तर के नेताओं ने अपना दल बदला है। ADR के अनुसार, 2014-2021 तक संसद स्तर के 426 नेताओं ने भाजपा का हाथ थामा है। आइए जानते हैं भारत में दलबदल का इतिहास।

करीब 60 साल पहले, 1967 में हरियाणा के एक विधायक ने(नाम गया लाल) एक ही दिन में 3 बार दल बदला। एक ही दिन में 3 बार दल बदलने की गुंज लोकसभा तक पहुंच गई।

देश Lok Sabha Election 2024: अपने बेटे के हार की कामना कर रहा यह पिता, बीजेपी में शामिल होना बता रहा गलत

कौन थे गया लाल?

गया लाल हरियाणा के 2 बार विधायक रह चुके हैं और उन्होनें रीजनीतिक करियर का आरंभ कांग्रेस से की थी। इनके पिता भी हरियाणा के कांग्रेस के नेता थे। 1952-1967 तक गया लाल पलवल नगरपालिका के सदस्य और उपसभापति रहे हैं। 1967 में वे हसनपुर सीट से विधायकी के लिए निर्दलीय ही चुनाव में उतर गए। गया लाल के सामने कांग्रेस ने एम सिंह को मैदान में उतारा था और जनसंघ ने मान सिंह को उतारा था। त्रिकोणीय मुकाबला होने के कारण गया लाल चुनाव जात गए और हसनपुर से 2 बार विधायक रहे।

1977 में गया लाल जनता पार्टी की टिकट पर मैदान में उतरे थे। उन्होंने निर्दलीय छोटे लाल को 17 हज़ार वोटों से हराया था। गया लाल ने अपना आखिरी चुनाव 1982 में लड़े पर वे जीत न पाए।

गया लाल के दलबदल की कहानी

1967 में जब पंजाब से जब हरियाणा अलग हुआ तब विधानसभा के चुनाव हुए। 81 साटों पर हुए इस चुनाव में कांग्रेस को 48 सीटों पर जीत मिली, पार्टी ने भगवत दयाल को मुख्यमंत्री बनाया। कांग्रेस के ही 12 विधायकों ने भगवत दयाल का विरोध किया और अलग से एक गुट बनाने का ऐलान कर दिया। जब कांग्रेस अल्पमत में आई तो संयुक्त मोर्चा गठन किया गया। इसमें 16 निर्दलीय विधायक शामिल थे। इन 16 विधायकों के सहयोग से राव बीरेंद्र सिंह हरियाणा के मुख्यमंत्री बने। जब ये हुआ तभी एक बड़ा उलटफेर हो गया। कांग्रेस हाईकमान ने सरकार को गिराने के लिए निर्दलीय विधायकों से संपर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर दी।

Indonesia Earthquake: इंडोनेशिया में 6.6 तीव्रता का भूकंप, सुनामी की कोई चेतावनी नहीं

इसी के दौरान पार्टी ने गया लाल से संपर्क साधा जो कि हसनपुर से विधायक थे। गया लाल कांग्रेस से हाथ मिलाने के लिए तौयार हो गए और करीब 2 बजे दोपहर में उन्होनें कांग्रेस में शामिल हो गए। गया लाल के दल बदलने के बाद, राव बीरेंद्र सिंह की सरकार के बारे में कई तरह की अटकलें लगना शुरू हो गईं। इधर राव बीरेंद्र सिंह गया लाल को मनाने लगे और देर रात राव को इसमें कामयाबी भी मिली। गया लाल उसी दिन, फिर से संयुक्त मोर्चा में शामिल हो गए। जब मुख्यमंत्री राव से गया लाल को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि गया राम जी अब आया राम हो गए हैं।

कुछ समय बाद, संसद में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री वाईवी चौहान ने इस घटना को मुहावरे के रूप में पेश किया। चौहान ने कहा कि अब आया राम और गया राम के खेल को रोकेने की ज़रूरत है।

क्यों बदला 3 बार दलबदल?

गया लाल के बेटे चौधरी उदयभान ने एक खुलासा किया था कि क्योें उन्हें 3 बार पार्टी बदलनी पड़ी। उदयभान के अनुसार, 1967 में गया लाल विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे पर भगवत दयाल ने उनका टिकट कटवा दिया था। विधायकों ने जब बगावत शुरू की तब राव के कहने पर गया लाल विपक्षी दल में शामिल हो गए।

उदयभान के अनुसार, बीरेंद्र सिंह की सरकार बनने के बाद उनसे कांग्रेस के हाईकमान ने संपर्क साधा। साथ ही यह आश्वासन दिया कि चौधरी चांदराम मुख्यमंत्री बनेंगे पर वे अपने वादे से मुकर गए। इसकी वजह से गया लाल फिर से विपक्षी गठबंधन में शामिल हो गए।

Amitabh Bachchan के उनकी लम्बाई की वजह से इस नाम से बुलाती थी पत्नी जया

देश के 3 सबसे बड़े दलबदलू

1. हरियाणा के पूर्व मंत्री हीरानंद आर्य ने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में 7 बार दल बदले हैं। उन्होंने कांग्रेस, लोकदल, और जनता पार्टी के जरिए यह खेल खेला है। 1967-68 में हरियाणा में राजनीतिक उथल-पुथल हुई थी, उस समय हीरानंद उस दौरान 5 बार दल बदल चुके थे। आर्य को चौधरी देवीलाल का करीबी माना जाता था।

2. उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने राजनीतिक करियर में 5 बार पार्टी बदली है। 1991 में उन्होंने जनता दल से राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की थी। बाद में वे मायावती की बसपा में शामिल हो गए। जब बीएसपी की स्थिति खराब हुई, तो वे बीजेपी में शामिल हो लिए। 2022 के चुनाव से पहले उन्होंने सपा में बने रहे, लेकिन 2024 के पहले उन्होंने फिर से पार्टी बदल दी।

3. नरेश अग्रवाल, जो 40 साल के राजनीतिक करियर में चार पार्टियों में रह चुके हैं, अब बीजेपी में हैं। उन्होंने 1997 में अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस की स्थापना की और बाद में मुलायम सिंह यादव के साथ आकर सपा में शामिल हो गए। सपा ने उन्हें राज्यसभा भेजा भी था, पर 2018 में अग्रवाल अपने बेटे नितिन के साथ बीजेपी में चले गए। वर्तमान में नितिन योगी कैबिनेट में मंत्री हैं।

Itvnetwork Team

Recent Posts

CM हेल्पलाइन की मदद से फरार हुई दुल्हन, पति ने लगाया धोखाधड़ी का आरोप

India News (इंडिया न्यूज़),Jalore News: जिले के सायला थाना क्षेत्र के युवक एक महीने पहले…

6 minutes ago

कंगना ने HC के नोटिस का दिया जवाब: चुनाव को रद्द करने वाली याचिका पर हुई सुनवाई ; याचिकाकर्ता ने की ये मांग

India News HP(इंडिया न्यूज़), Kangana Ranaut : मंडी संसदीय क्षेत्र से भाजपा सांसद कंगना रनौत…

13 minutes ago

बुढ़ापे में पिता को चढ़ गई जवानी…38 साल महिला से हुआ इश्क, बेटे ने किया विरोध तो कर दिया ये कांड

India News (इंडिया न्यूज़)  UP New:  यूपी के गोरखपुर से हैरान करने वाला मामला सामने…

20 minutes ago

कट्टरपंथियों का काल बना ये हिंदू योगी, अब बांग्लादेश ने कर दी उसकी ऐसी हालत, लाल हुई भारत की आंखें

Bangladeshi Hindu Religious Leader Detained: बांग्लादेशी हिंदू धार्मिक नेता कृष्ण दास प्रभु को सोमवार को…

34 minutes ago

पुलिस भर्ती में केंद्रीय चयन पर्षद पर धांधली का आरोप, जानें क्या है वजह?

India News  (इंडिया न्यूज़),Bihar Police Recruitment: बिहार विधानसभा के शीतकालीन की शुरुआत सोमवार को हुई…

35 minutes ago