Stroke Syndrome: सलोन में खुशबूदार शैम्पू से हेडवॉश कराना लोगो को सुकून तो देता ही है। हालांकि, बालों को धुलवाने में आराम ज़रूर मिलता है, लेकिन कईं लोगों को इससे गर्दन में दर्द की शिकायत भी हो सकती है। बता दें कि सख्त बेसिन पर गर्दन को कुछ देर लटकाए रखने की वजह से तकलीफ या दर्द होने लगता है। कई हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, गर्दन को इस तरह से लटकाने या खिंचाव से तकलीफ के अलावा स्ट्रोक की वजह भी बन सकता है। इसे ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम भी कहा जाता है, जिसकी वजह से स्थिति काफी गंभीर भी हो सकती है।
आपको बता दें कि हाल ही में हैदराबाद में बेहद चौंकाने वाला मामला देखने को मिला है। वहां के अपोलो अस्पताल के सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट, डॉ. सुधीर कुमार ने ऐसे ही मामले के बारे में ट्वीट किया था। इस ट्वीट में उन्होंने बताया कि कैसे एक 50 साल की एक महिला पार्लर में बालों को धुलवाते वक्त इस सिंड्रोम का शिकार हो गई।
जब हम बालों को धुलवाने के लिए सिर को पीछे की ओर करते हैं, तो गर्दन के खिचने से दिमाग तक ऑक्सीजन का सर्क्यूलेशन कम हो सकता है। इसकी वजह से रक्त वाहिकाएं फट सकती हैं, जिससे रक्त का थक्का बन सकता है। जो आपके मस्तिष्क तक जा सकता है और स्ट्रोक की वजह बन सकता है। बता दें कि शरीर का जो अंग मस्तिष्क के नियंत्रण में होता है, उसे ऑक्सीजन नहीं मिलती और वो भी क्षतिग्रस्त हो जाता है।
Beauty Parlor #Stroke Syndrome
1. I recently saw a 50-year old woman with symptoms of dizziness, nausea & vomiting, which started during her hair wash with shampoo in a beauty parlor. Initially, she was taken to a gastroenterologist, who treated her symptomatically.#Medtwitter
— Dr Sudhir Kumar MD DM (@hyderabaddoctor) October 30, 2022
पार्लर में जिस 50 साल की महिला को स्ट्रोक आया, उसने चक्कर आना, मतली और उल्टी जैसे लक्षणों का अनुभव किया था। कैलिफोर्निया के प्रोविडेंस सेंट जॉन्स हेल्थ सेंटर के एक न्यूरोलॉजिस्ट क्लिफोर्ड सेगिल, डीओ ने एक रिपोर्ट में बताया कि ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम के शुरुआती चेतावनी संकेत एक विशिष्ट स्ट्रोक से थोड़े अलग होते हैं।
वहीं, दूसरे शुरुआती संकेतों में आपके हाथों में अस्थिरता, माइग्रेन में होने वाला सिरदर्द, दृष्टि की हानि या धुंधला दिखना, गर्दन में सूजन और स्वाद में बदलाव शामिल हैं। आम स्ट्रोक से जो लक्षण मिलते हैं, उनमें सुन होना, संतुलन का बिगड़ना, बोलने में मुश्किल आना, कमज़ोरी, बेहोश होना और अचानक व्यवहार में बदलाव आना।
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में न्यूरोलॉजी के असोसिएट प्रोफेसर, एमडी, अनीश सिंघल ने कहा कि इस तरह का स्ट्रोक लोगों को तब भी आ सकता है, जब वो डेंटिस्ट से इलाज करवा रहे हों, टेनिस खेल रहे हों, कायरोप्रेक्टीशनर और यहां तक कि योग करते हुए भी। हालांकि, डॉक्टर्स का मानना है कि इस तरह का सिंड्रोम बिल्कुल भी आम नहीं है। ये उन लोगों में देखा जाता है, जो कनेक्टिव टिशू बीमारी से जूझ रहे हैं या फिर किसी कमज़ोरी से जिसके बारे में वो नहीं जानते हैं।
इस मामले में डॉक्टर्स का कहना है कि इस तरह का स्ट्रोक आम घटना नहीं है। इसलिए इससे बचने के लिए आपको पार्लर से दूरी नहीं बनानी है। लेकिन साथ ही कोशिश करें कि आपकी गर्दन 10 से 15 से ज़्यादा देर तक गलत पोज़ीशन में न रहें। पार्लर में हेड वॉश कराते वक्त गर्दन पर सपोर्ट रहे ताकि खिंचाव न हो। सलोन में आप गर्दन पर कुशन या तौलिया लगा सकते हैं।
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