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World Heart Day 2021 आधुनिक जीवनशैली पहुंचा रही हृदय को आघात

Amit Gupta • LAST UPDATED : October 1, 2021, 9:13 am IST
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World Heart Day 2021 आधुनिक जीवनशैली पहुंचा रही हृदय को आघात

Mini heart attack symptoms

World Heart Day 2021:

डाॅ. प्रितम भि. गेडाम 

आज के आधुनिक जीवनशैली ने मनुष्य का जीवन चक्र ही बिगाड़ दिया है जिसका गंभीर परिणाम मनुष्य के स्वास्थ्य पर हो रहा है, अनिद्रा, जंक फूड, धूम्रपान, अल्कोहोल, तनाव, खाद्य पदार्थों में पोषक तत्वों की कमी, यांत्रिक संसाधनों का अत्यधिक प्रयोग, प्रकृति से दूरी, प्रदूषण, बढ़ता वजन, आलस्य जैसी बातें मनुष्य को कमजोर बना रही है। मानव का शरीर और मन दोनों पर तनाव लगातार दबाव बना रहा है जिसके कारण बीमारियों का जाल बढ़ता जा रहा है। लोगों में पहले बीमारियां उम्र के हिसाब से दिखायी पडती थी लेकिन अब जीवनशैली के बदलाव के कारण किसी भी उम्र में कोई भी गंभीर बीमारी होने लगी है। इसी में प्रमुखता से बढ़ने वाली बीमारियों में हृदय रोग है, जो तेजी से विश्वभर में अत्यधिक असमय मौतों का कारण है। हृदय लगातार रक्त पंप कर पूरे शरीर में ऑक्सीजन युक्त रक्त को पहुँचाता है, परंतु कार्य करते वक्त कोई असामान्य व्यवधान उत्पन्न होता है, जो हृदय की मांसपेशियों और रक्त नलिकाओं की दीवार को प्रभावित करती है, तब उसे हृदय रोग कहा जा सकता है। हृदयघात के रोगियों में से 50 फीसदी मरीज तो अस्पताल जाने से पहले ही दम तोड़ देते है। कोरोनरी आर्टरी डिजीज, कार्डियोमायोपैथी, एथेरोस्क्लेरोसिस, हार्ट संक्रमण, जन्मजात हार्ट डिजीज यह सभी हृदय संबंधित बीमारी है। (article on World Heart Day in Hindi)

World Heart Day 2021 Wishes Messages Quotes and Slogans

World Heart Day 2021 मरने वालों की संख्या बढ़ी

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड् ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े कहते हैं कि भारत में वर्ष 2014 के बाद हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या बढ़ी है। 2016 में 21,914 लोगों ने हार्ट अटैक के कारण जान गंवाई, 2017 में मरने वालों की संख्या 23,249 रही, 2018 में 25,764 और 2019 में 28,005 लोगों की हार्ट अटैक से मौत हुई। अधिकतर हमारे देश में घरों में होने वाले हृदय संबंधी मौत के केसेस परिवार के सदस्य योग्य कारण सहित दर्ज नहीं करवाते है इसलिए मौत के आंकड़े हकीकत में कहीं ज्यादा हो सकते है। भारत में अब हर 04 बीमारी से मरने वाली मौतों में एक मौत हार्ट अटैक से होती है एनसीआरबी की रिपोर्ट कहती है कि ये बीमारी अब हर 14-18, 18-30, 30-34 आयु वर्ग में भी खूब बढ रही है।

https://indianews.in/poster-message-for-world-heart-day/

World Heart Day 2021 विश्व स्वास्थ्य संगठन

विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट कहती है कि दुनिया में बीमारियों की वजह से होने वाली मौतों में सबसे बड़ा हिस्सा हृदय रोग (कार्डियोवास्कुलर डिजीज) का होता है। वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के अनुसार हर साल 17.9 मिलियन यानि करीब 02 करोड़ लोग मरते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में हृदय रोग से हर 36 सेकंड में एक व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। हर साल लगभग 6,55,000 अमेरिकी हृदय रोग से जान गंवाते हैं। भारत में भी पिछले एक दशक में इस बीमार के शिकार लोगों में 50 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हो चुकी है। इंडियन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक, भारत में होने वाले कुल हार्ट अटैक का 50 प्रतिशत 50 से कम उम्र और 25 प्रतिशत 40 से कम उम्र के लोगों में होता है। छाती में दर्द, सांस फूलना, घबराहट, जी मिचलाना, पेट दर्द, पसीना आना, अनियमित दिल की धड़कन, घुटन की अनुभूति, सूजे हुए टखने, थकान, हाथ, जबड़े, पीठ या पैर में दर्द जैसे लक्षण दिल के दौरे का संकेत दे सकते है।

World Heart Day 2021 विश्व स्वास्थ्य संगठन अनुसार हृदय रोग (कार्डियोवैस्कुलर डिजीज) संबंधित प्रमुख तथ्य

हृदय रोग (सीवीडी) विश्व स्तर पर मृत्यु का प्रमुख कारण हैं। 2019 में सीवीडी से अनुमानित 17.9 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई, जो सभी वैश्विक मौतों का 32 प्रतिशत है। इनमें से 85 फीसदी मौतें हार्ट अटैक और स्ट्रोक के कारण हुईं। सीवीडी से होने वाली मौतों के तीन चौथाई से अधिक निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होते हैं। 2019 में गैर-संचारी रोगों के कारण 1.7 करोड़ अकाल मृत्यु (70 वर्ष से कम आयु) में से 38 प्रतिशत सीवीडी के कारण हुई। हृदय रोग का जल्द से जल्द पता लगाना आवश्यक है ताकि उचित सलाह और दवाओं के साथ इलाज शुरू हो सके। तंबाकू के उपयोग, अस्वास्थ्यकर आहार और मोटापा, शारीरिक निष्क्रियता और शराब के हानिकारक उपयोग जैसे व्यवहार संबंधी जोखिम कारकों से जागरूकता द्वारा अधिकांश हृदय रोगों को रोका जा सकता है।

World Heart Day 2021 स्वास्थ्य विभाग की पहल

भारत सरकार की राष्ट्रीय स्वास्थ्य विभाग की ओर से, बीमारियों, प्राथमिक चिकित्सा, निर्देशिका सेवाओं, स्वास्थ्य कार्यक्रमों, नीतियों, कानूनों और दिशानिर्देशों के विभिन्न मुद्दों से संबंधित प्रश्नों के समाधान के लिए स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्रदान करने के लिए एक वॉयस पोर्टल बनाया गया है। उपयोगकर्ताओं को एक टोल फ्री नंबर (1800-180-1104) डायल कर उस जानकारी के बारे में बोलना होगा जो वे चाह रहे हैं – जैसे, बीमारी का नाम। यह उन्नत प्रणाली उपयोगकर्ता की इनपुट आवाज को पहचानने में सक्षम है। वर्तमान में जानकारी 5 भाषाओं अंग्रेजी, हिंदी, तमिल, बांग्ला और गुजराती में उपलब्ध है, लेकिन भविष्य में और अधिक भारतीय भाषाओं को शामिल किया जाएगा।

World Heart Day 2021 तत्परता और जागरूकता आवश्यक

बहुत बार बेहोश रोगी को तत्काल कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) देने की आवश्यकता पडती है, यह एक आपातकालीन स्थिति की चिकित्सा प्रक्रिया है, जिसे मरीज के शरीर पर इस्तेमाल किया जाता है, जिससे शरीर में पहले से मौजूद खून पुनः संचारित होने लगता है जिससे किसी की जान बचाना संभव होता है। बहुत बार दिल का दौरा पड़ने पर जब तक चिकित्सा सेवा उपलब्ध न हो जाये तब तक लोग असहाय होकर क्या करना है यह नहीं जानते। ऐसे में सीपीआर का जानकार व्यक्ति प्राथमिक चिकित्सा के तौर पर जागरूक रहकर सीपीआर के द्वारा किसी का जीवन बचाने में मदद करने के लिए अधिक सशक्त साबित हो सकता है। एम्बुलेंस के लिए आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर 112 या 102 पर कॉल करें अन्यथा नजदीकी अस्पताल को कॉल कर सकते है।

World Heart Day 2021 हृदय संबंधीत रोगो के रोकथाम के लिए रणनीतियाँ आवश्यक

स्वास्थ्य शिक्षा और हृदय रोगों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना, धूम्रपान और तंबाकू के सेवन को हतोत्साहित करना और स्वस्थ आहार और व्यायाम दिनचर्या को अपनाना बेहतर हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देगा। नमक का सेवन कम हो, खाने में तेल का उपयोग भी कम होना चाहीए, उच्च वसा वाले डेयरी, कार्बोहाइड्रेट, संतृप्त वसा को कम करने और फलों, हरी सब्जियों का दैनिक सेवन बढ़ाने से भी समग्र स्वास्थ्य में सुधार होगा। उच्च रक्तचाप और मधुमेह पर नियंत्रण बनाए रखें, नियमित रूप से चलने, योग और ध्यान जैसी स्वस्थ व्यायाम गतिविधियों को बढ़ावा देने से निश्चित रूप से हृदय रोग की बढ़ती बीमारी को रोकने में मदद मिलेगी। अर्थात एक स्वस्थ जीवन शैली, संतुलित आहार और नियमित शारीरिक व्यायाम बचपन से ही शुरू कर देना चाहिए। निम्न और मध्यम आय वाले देश वैश्विक बोझ का लगभग 80 प्रतिशत वहन करते हैं। एशियाई भारतीयों में हृदय रोगों से जुड़ी मृत्यु दर किसी भी अन्य आबादी की तुलना में 20-50 प्रतिशत अधिक है इसलिए, उभरती हुई महामारी में जोखिम कारकों की भूमिका को स्पष्ट रूप से समझने और उनके प्रभावी नियंत्रण के लिए सभी प्रयासों को सक्रिय रूप से अमल में लाने की आवश्यकता है। (article on World Heart Day in Hindi)

World Heart Day 2021 चटोरी जुबान हमारे लिए सबसे ज्यादा घातक

आजकल खाद्य पदार्थों में मिलावट आम बात हो गई है, ऐसा ही प्रतीत होता है। त्योहारों में तो यह समस्या अत्यधिक बढ जाती है। जानलेवा रसायन का खाद्य पदार्थों में उपयोग, बासी व निम्न दर्जे के खाद्यपदार्थ बेचे जाते है। अक्सर बाहर मिलने वाले खाद्य पदार्थ नमक, तेल, मसाले, शक्कर, वसा से भरपूर सेहत के लिए हानिकारक होते है, जो सिर्फ जुबान को स्वाद देकर स्वास्थ्य को नुकसान करते है क्योंकि इनमें आवश्यक पोषक तत्वों की भारी कमी होती है। खाद्य पदार्थ, तेल में तलने के बाद बचे हुए तेल को बार-बार खाने में उपयोग स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक घातक है और ऐसे तेल से निर्मित खाद्य पदार्थ बेचना भी कानूनन जुर्म है जिस पर प्रशासन के खाद्य विभाग द्वारा कार्यवाही की जाती है, क्योंकि यह तेल सीधे हृदय रोग के साथ कैंसर, जैसे अनेक जानलेवा बीमारी को बढ़ाता है इस नियम का विशेष रूप से खाद्य पदार्थ विक्रेताओं द्वारा कड़ाई से पालन होना चाहीये। स्वाद के मोह में हमारी चटोरी जुबान हमारे लिए सबसे ज्यादा घातक है, खान-पान संबंधी खाद्य पदार्थों का चयन स्वास्थ्य के हिसाब से करें ना कि जुबान के स्वाद के हिसाब से। हमेशा तनाव मुक्त जीवन जीने का निश्चय करें, पौष्टिक खाएं, स्वस्थ रहें।

Also Read :- कैसे करें Pitru Paksha में पूजा-अर्चना कि बन जाएं धनवान

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