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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Yogasan For Baby Plan: व्यक्ति की जिंदगी में जैसे-जैसे सुविधाएं बढ़ती गई हैं, वैसे-वैसे ही उसकी शारीरिक चुनौतियों का ग्राफ भी ऊपर की ओर उठने लगा है। शादि के बाद हर महिला का सपना होता है कि वह मां बने। लेकिन कभी-कभी गर्भधारण करने के लिए बार-बार प्रयास करने के बावजूद मां नहीं बन पा रही हैं तो समझ लीजिए कि आपको अपने शरीर (अंडाशय या ओवरी) पर ध्यान देने की जरूरत है। ये नट के आकार वाली आर्गन ओवरी एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरॉन का निष्कासन करते हैं। इससे निपटने के लिए कैसे योग कारगार साबित हो सकता है, आइए जानते हैं कुछ योग आसनों के बारे में।
आज के समय में हर महिला को चुनौतियां लेने का जज्बा है, चाहे वह घर से जुड़ा हो या बाहर के कामों से। प्रेशर और रेस में आगे निकलने की चाहत ने महिलाओं के शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित किया है। इसकी वजह से वे न सिर्फ थाइरॉयड, पीसीओडी जैसी परेशानियों से जूझती हैं, बल्कि मानसिक तनाव के बोझ से हर दिन दो-चार होती हैं। इन समस्याओं की वजह से उनके फर्टिलिटी रेट में भी कमी देखी जाती है। यानी मां बनने की राह अब पहले जैसी आसान नहीं रही।
(yogasan that gives good news) योग के नियमित अभ्यास से महिलाएं मानसिक और शारीरिक तौर पर स्वास्थ रह सकती हैं। यह शरीर के मसल्स को मजबूत करता है। जब महिलाएं फर्टिलिटी बेहतर करने के लिए कुछ खास योगाभ्यास करती हैं, तो इससे उनके पेल्विक फ्लोर, ओवरी मसल्स, यूट्रस, हिप्स, एब्डोमिनल एरिया और जेनेटल आॅर्गन को मजबूती मिलती है। इसकी वजह से कंसीव करने की संभावना बढ़ जाती है। वे कहती हैं कि योग किसी तरह से इस बात की गारंटी नहीं देता है कि महिलाएं गर्भधारण कर ही लेंगी, लेकिन इसे जीवन में शामिल करने से हार्मोनल बैलेंस होता है, शरीर स्वास्थ और दिमाग शांत रहता है। इस वजह से महिलाओं में फर्टिलिटी रेट कि बढ़ोतरी देखी जाती है।
yogasan that helps in conceiving
सेतुबन्धासन: इसे ब्रिज पोज भी कहा जाता है। (yoga for mother to be) यह आसन मां बनने की कोशिश को सार्थक तो करता ही है, साथ ही साथ स्ट्रेस रिलीज करने में भी मददगार साबित होता है। इसे करने के दौरान कंधे और गर्दन पर ज्यादा जोर आता है, इसलिए स्पॉन्डिलाइटिस जैसी समस्या से गुजरने वाले लोगों को ये आसन नहीं करना चाहिए।
उत्कट कोणासन: इस आसन को गॉडेस पोज कहा जाता है। इसके नियमित अभ्यास से शरीर के निचले हिस्से और घुटने मजबूत होते हैं। (yoga posture for conceiving) यह कंसीव करने में होने वाली परेशानी को दूर करता है। अगर घुटनों में दर्द, लो ब्लड प्रेशर की शिकायत है, तो ये आसन न करें।
बद्धकोणासन: इस आसन को नियमित तौर पर करने से कंसीव करने की संभावना बढ़ती है। अगर घुटने, गर्दन या हिप्स में किसी तरह की चोट, दर्द या तकलीफ है, तो इस आसन को करने से बचें।
शशांक आसन: (yoga that makes you pregnant) इस आसन को करते हुए फर्टिलिटी की उम्मीद तो बढ़ती ही है। साथ ही साथ पेट और कमर की चर्बी भी कम करने में मदद मिलती है। घुटनों की चोट या पेट में इन्फेक्शन हो तो इस आसन को न करें।
भुजंगासन: फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए इस आसन को अपना सकती हैं। अगर आप पीठ के दर्द, स्पाइन या गर्दन से जुड़ी परेशानी से गुजर रही हैं, तो इस आसन को नहीं करें।
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