India News (इंडिया न्यूज़),Amritpal Singh: खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह लड़ेंगे लोकसभा चुनाव। खडूर साहिब से उनकी उम्मीदवारी की घोषणा की गई है। इन दिनों वह असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। उन पर एनएसए लगाया गया है। अमृतपाल के परिवार ने उनकी उम्मीदवारी की घोषणा को लेकर शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की।

पिछले साल अमृतपाल ने देश भर में सुर्खियां बटोरी थीं। अजनाला थाने पर हमले के बाद पंजाब ही नहीं बल्कि पूरे देश ने अमृतपाल की करतूतों और साजिशों को देखा था। अपने साथी लवप्रीत सिंह उर्फ तूफान को छुड़ाने के लिए अमृतपाल और उनके समर्थकों की पुलिस से हिंसक झड़प हुई। सैकड़ों लोगों ने थाने पर हमला बोल दिया था।

अमृतपाल ने क्या कहा?

पुलिस ने जब लवप्रीत को पकड़ा तो अमृतपाल कह रहा था कि उसे झूठे केस में फंसाया गया है। उन्होंने लवप्रीत को रिहा करने और उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने की धमकी दी थी। हालांकि बाद में पुलिस ने लवप्रीत को छोड़ दिया। इसके बाद पंजाब पुलिस और पंजाब सरकार की काफी बदनामी हुई।

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इसी मामले में अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह को भी नामजद किया गया था। उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया था। हरजीत के साथ-साथ अमृतपाल और उसके कुछ साथियों पर भी एनएसए लगाया गया था। खालिस्तान समर्थक अमृतपाल कई बार खुलेआम कह चुके हैं कि खालिस्तान की भावना उनके अंदर रहेगी। इसे कोई दबा नहीं सकता।

हम सभी (पंजाबी) अभी भी गुलाम हैं- अमृतपाल सिंह

उन्होंने एक बार पंजाब के मोगा के रोडे गांव में मंच से कहा था, ‘हम सभी (पंजाबी) अभी भी गुलाम हैं। जो लोग सोचते हैं कि हम आज़ाद हैं उन्हें डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। हमें आजादी के लिए लड़ना होगा। हमारा पानी लूटा जा रहा है। हमारे गुरु का अपमान हो रहा है। हम उन्हें सजा देंगे।

इतना ही नहीं वह भारतीय संविधान में भी विश्वास नहीं रखते। वह सिखों के लिए अलग संविधान बनाने की वकालत करते रहे हैं। वह यह भी कहते रहे हैं कि खालिस्तान का विचार वर्जित नहीं है। हम उत्पीड़न और पीड़ा को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। मेरे ऊपर लगाए गए आरोप फर्जी हैं। अजनाला में हिंसा इसलिए हुई क्योंकि मेरे खिलाफ फर्जी एफआईआर दर्ज की गई थी।

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