India News (इंडिया न्यूज़), Lok Sabha Election 2024: इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लागू कर दिया था, ये वही दौर था जब स्वतंत्र भारत में कांग्रेस का सबसे ज्यादा विरोध हो रहा था। 25 जून 1975 को आपातकाल लागू होने के बाद जब 1977 में लोकसभा चुनाव हुए तो कांग्रेस और इंदिरा गांधी दोनों को ही बड़ा झटका लगा। ऐसा झटका इस घटना के बाद कांग्रेस को मिला कि आज तक उसका परिणाम देखने को मिलता है। इमरजेंसी लगाने का दिमाग सिर्फ इंदिरा का नहीं था बल्कि इनके साथ कोई और भी था जो इन सब में शामिल था, जोकि आपका जानना बहुत जरूरी है। चलिए जानते हैं कि 1975 का पूरा माहौल क्या था..
केसे सत्ता से दूर हुई कांग्रेस
आजाद भारत के इतिहास में सबसे लंबे समय तक सत्ता के सिंहासन पर राज रहने वाली राजनीतिक पार्टी से हर कोई वाकिफ है। कांग्रेस के वजूद और उसकी सियासी जमीन, किसी पहचान की मोहताज नहीं है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पहली बार कांग्रेस पार्टी देश की सत्ता से दूर कब और कैसे हुई थी? वो कहानी बड़ी दिलचस्प है, क्योंकि इसके तार इमरजेंसी से जुड़े हैं। भारत में अब तक सिर्फ एक महिला प्रधानमंत्री रहीं, उनका नाम तो आप जानते ही होंगे- इंदिरा गांधी…। कब और कैसे पहली बार कांग्रेस हुई सत्ता से दूर? इस सवाल का जवाब समझने के लिए उस दौर की राजनीतिक घटनाओं से रूबरू होना पड़ेगा।
नेताओं के बीच मन मोटाव
स्वतंत्रता के बाद से ही देश में कांग्रेस की लहर दौड़ रही थी। पहले प्रधानमंत्री के नाम को लेकर भी काफी सियासी राजनीति देखी गई, लगातार दो प्रधानमंत्री की मृत्यु के बाद इंदिरा को प्रधानमंत्री बनाया गया, जबकि कांग्रेस में काफी दिग्गज नेता मौजूद थे और इस आशा में थे कि अब सत्ता उनके हाथ लग सकती है। अब तक के इतिहास में वो भारत की एकमात्र महिला पीएम हैं। यही वो वक्त था जब कांग्रेस में दरार पड़नी शुरू हो गई। के. कामराज और इंदिरा गांधी से कई दिग्गज नेताओं की नाराजगी बढ़नी शुरू हो गई।
ये दृश्य देखने के बाद जेपी और देसाई जैसे दिग्गजों ने खुद को कांग्रेस से अलग कर लिया। अब सवाल ये उठता है कि पहली बार कांग्रेस पार्टी देश की सत्ता से कब दूर हुई थी। वो तारीख थी- 24 मार्च 1977, जब आजाद भारत में किसी गैर कांग्रेसी पार्टी की सरकार बनी। दिलचस्प बात ये है कि जिस मोरारजी देसाई को कांग्रेस में रहते हुए दो-दो बार कुर्सी नसीब नहीं हुई, वही देश के पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री चुने गए। जनता पार्टी की सरकार में देसाई 28 जुलाई 1979 तक प्रधानमंत्री रहे, इसके बाद जनता पार्टी के ही चौधरी चरण सिंह 28 जुलाई, 1979 से 14 जनवरी, 1980 तक पीएम रहे। सवाल ये भी है कि आखिर कांग्रेस पहली बार सत्ता से दूर हुई कैसे?
सत्ता के लिए देश का बलिदान
कांग्रेस के जाने का कारण आपातकाल था, आपातकाल आज के समय भी इस वक्त को याद करके चौंक जाते हैं कि उस वक्त देश में कैसा दृश्य था। अपनी सत्ता बचाने के लिए इंदिरा गांधी को 25 जून,1975 को आपातकाल लगाना पड़ा, क्योंकि उनके विरोध में उन्हीं के पार्टी के नेता खड़े हो गए थे, ऐसा पहली बार किसी पार्टी और राजनीति के इतिहास में हुआ था कि एक पार्टी से प्रधानमंत्री के लिए दो उम्मीदवार खड़े हुए थे, देशभर में गरीबी, टैक्स, और फसल खराब जैसी परेशानियां चल रही थी। बढ़ते टैक्स को देखते हुए बिहार और गुजरात के विद्यार्थियों ने कांग्रेस की इंदिरा गांधी के खिलाफ आंदोलन शुरु कर दिए, और बिहार के आंदोलन की अगुवाई जयप्रकाश नारायण ही कर रहे थे।
देशभर में एक ऐसा माहौल बन चुका था जिसके कारण इंदिरा को ये आभास हो गया था कि वह अब सत्ता से जाने वाली है, और यहीं उन्होंने अपनी शक्ति का इस्तेमाल किया और देशभर में इमरजेंसी लगा दी। विपक्षी राजनीतिक दलों के नेताओं को जेल में भरना शुरु कर दिया ताकि कोई अपनी उनके खिलाफ बोल न पाए, यहां तक की प्रेस पर भी रोक लगा दी गई कि इंदिरा के खिलाफ कुछ गलत प्रिंट न हो पाए।
इन्हीं सब कारणों से आज तक कांग्रेस लोगों के दिल में अपनी वो जगह नहीं बना पाई जो पहले हुआ करती थी।