India News(इंडिया न्यूज़), Kailash Vijayvargiya: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में महज कुछ दिनों का समय बचा है। इसी क्रम में कांग्रेस की ओर से आज (बुधवार) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के उपर कई गंभीर आरोप लगाया गया है। कांग्रेस की ओर से कहा गया कि विजयवर्गीय ने अदालतों में लंबित मुकदमों की जानकारी चुनाव आयोग को नहीं दी है। जिसके लिए कांग्रेस शीर्ष न्यायालय तक जाने को तैयार है।
कांग्रेस की ओर से कहा गया कि इंदौर-1 से नामांकन भरते समय जानबूझकर यह जानकारी छिपाई गई है। जिसके कारण कांग्रेस उनकी उम्मीदवारी को चुनौती देगी। वहीं भाजपा का कहना है कि कांग्रेस अपने हार को साफ तौर से देख पा रही है। जिसकी वजह से भाजपा के उम्मीदवारों पर घटिया आरोप लगा रही है।
बता दें कि कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता चरण सिंह सपरा ने इंदौर में संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि छत्तीसगढ़ के पूर्व महाधिवक्ता कनक तिवारी ने दुर्ग की एक अदालत में 1999 में विजयवर्गीय के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करवायाथा। विजयवर्गीय के नाम पर कई समन और वारंट भी जारी किए गए। इसके बावजूद पेश नहीं होने के कारण उन्हें 2019 से ”फरार” घोषित कर दिया गया है।
उन्होंने दावा किया है कि विजयवर्गीय के साथ अन्य दो लोगों पर पश्चिम बंगाल के अलीपुर की अदालत में दुष्कर्म के आरोप में मामला लम्बित है। सपरा ने आरोप लगाया है कि दायर हलफनामे में दुर्ग और अलीपुर की अदालतों में लम्बित मामलों की जानकारी छिपाई गई है।
वहीं कांग्रेस द्वारा लगाए गए इस आरोप को लेकर प्रदेश भाजपा प्रवक्ता गोविंद मालू ने कहा कि ”कांग्रेस के पास विधानसभा चुनावों में कोई भी मुद्दा नहीं है। वह चुनावों में अपनी घोर पराजय का पूर्वाभास होते ही भाजपा उम्मीदवारों पर घटिया आरोप लगाने पर उतर आई है।” बता दें कि इस आरोप को लेकर विजयवर्गीय ने कहा कि ‘अगर (हलफनामा भरते वक्त) कोई मामला गलती से छूट भी गया होगा, तो हम यह गलती ठीक कर लेंगे।’ इन्हें साफ-सुथरी लड़ाई लड़नी चाहिए।
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